जगदलपुर: बस्तर में जुलाई महीने में शुरू हुई हरित क्रांति योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिखाई दे रही है. पौधरोपण योजना के तहत खरीदा गया ट्री गार्ड रख रखाव के अभाव में कबाड़ में तब्दील हो गया है. आलम यह है कि नेशनल हाईवे 30 में बस्तर ब्लॉक के घाटलोहंगा के पास सैकड़ों की संख्या में ट्री गार्ड खुले में पड़े होने की वजह से बारिश में भीगकर खराब हो चुके हैं. अब यह ट्री गार्ड किसी काम के नहीं हैं.
जुलाई महीने से शुरू हुई हरित क्रांति योजना के तहत राज्य सरकार ने बड़े स्तर पर पौधरोण के लिए अभियान चलाया था, जिसमें सांसद से लेकर विधायक और सरकारी तंत्र भी शामिल हुआ था. सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों में पौधा लगाया. सरकार ने सभी विभागों को जवाबदारी भी दी, उन्हें कहा गया कि आप सभी लोग गांव-गांव तक हरित क्रांति योजना को पहुंचाएं. सरकार ने मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया है, जिसमें वृक्षारोपण में लगने वाले प्रति ट्री गार्ड 450 रुपये में तैयार किया गया, जिसे सहेज कर रखने की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई, लेकन आज वह खराब होने की कगार पर है.
जनपद के अधिकारी दूसरे पर लगा रहे आरोप
ट्री गार्ड को देखकर लगता है कि जिम्मेदार अधिकारी शासन के पैसे का दुरुपयोग कर खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहे हैं. बस्तर ब्लॉक के घाट लोहंगा इलाके में बड़ी मात्रा में पौधे को घेरने के लिए ट्री गार्ड लगाया गया है. साथ ही काफी मात्रा में ट्री गार्ड भी तैयार किए गए हैं, लेकिन जनपद के अधिकारी इसे सहेज कर रखने में फेल हो गए. दूसरे विभाग को कमी खामी बता रहे हैं.
एक दूसरे पर आरोप लगा रहे अधिकारी
अधिकारियों का कहना है कि नेशनल हाईवे विभाग ने नेशनल हाइवे के किनारे जो गड्ढे किए हैं, वो गलत तरीके से किए गए हैं, जिसके कारण पौधों को लगाने में काफी दिक्कतें हो रही है. साथ ही सड़क के किनारे सैकड़ों की संख्या में ट्री गार्ड फेंकने के संबंध में जनपद सीईओ का कहना है कि सभी ट्री गार्ड को फिर से बनाया जाएगा. उससे कोई परेशानी नहीं है. मतलब सरकार ने जो ट्री गार्ड बनवाने के लिए राशि लगाई है वह बेकार जाएगी. इन जिम्मेदार अधिकारियों की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगी.
शासन को लाखों रुपए का चूना लगाने की फिराक में अधिकारी !
बहरहाल ट्री गार्ड नया बन जाएगा और उसे पौधारोपण के दौरान लगा भी दिया जाएगा, लेकिन आखिर सवाल यह उठता है कि जिम्मेदार अधिकारी कब अपनी जिम्मेदारी समझेंगे, क्योंकि सरकार ने पहले ही उस ट्री गार्ड को बनवाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर दिए हैं, अब फिर से अधिकारी नए ट्री गार्ड बनवाने की बात कर रहे हैं, ऐसे में कहा जा सकता है कि हरित क्रांति योजना के नाम पर जिम्मेदार अधिकारी शासन को लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं.