ETV Bharat / state

हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा, इस पर नहीं होनी चाहिए आपत्ति : हासिमुद्दीन अल गिलानी बगदादी - सैयद हासिमुद्दीन अल गिलानी बगदादी का बस्तर दौरा

Syed Hasimuddin Al Geelani Baghdadi visit to Bastar : महान सूफी संत गौस-ए-आजम के वंशज सैयद हासिमुद्दीन अल गिलानी बगदादी आज दो दिवसीय दौरे पर बस्तर पहुंचे हैं. हिजाब इस्लाम का एक जरूरी हिस्सा है. जैसे हर धर्म का अपना पहनावा होता है, वैसे ही इस्लाम का भी अपना पहनावा है. इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

Syed Hasimuddin Al Geelani Baghdadi visit to Bastar
बगदादी बोले हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा, इस पर नहीं होनी चाहिए आपत्ति
author img

By

Published : Mar 19, 2022, 10:59 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर : महान सूफी संत गौस-ए-आजम के वंशज सैयद हासिमुद्दीन अल गिलानी बगदादी आज दो दिवसीय दौरे पर बस्तर पहुंचे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें राज्य अथिति का दर्जा दिया है. बस्तर पहुंचे बगदादी का शहर के सैकड़ों लोगों ने रैली निकालकर स्वागत किया. उनके स्वागत के लिए भव्य तैयारी मुस्लिम समाज ने की थी.

बगदादी बोले हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा, इस पर नहीं होनी चाहिए आपत्ति

बगदादी ने की प्रेस कांफ्रेंस
बगदादी ने कार्यक्रम के बाद एक प्रेसवार्ता आयोजित की. इसमें उन्होंने कहा कि मैं गौस-ए-आजम के खानदान से हूं. वे एक महान सूफी संत थे. उन्हें पूरी दुनिया में सूफीवाद की एक बड़ी हस्ती के रूप में जाना जाता है. आज उनके मानने वालों के बीच आकर बहुत खुशी हो रही है. इस खूबसूरत शाबान के महीने में कैसे एक अच्छा इंसान बना जा सकता है. चाहे वो आपका पड़ोसी है या दोस्त या फिर रिश्तेदार. असल जिंदगी तो आखिरत की जिंदगी ही है. ये जिंदगी तो बस कुछ वक्त की ही है. इसीलिए अपने आखिरत के लिए मेहनत करें.

यह भी पढ़ें : "द कश्मीर फाइल्स" पर आदिवासी नेता नंदकुमार साय का बड़ा बयान, कहा- जनजाति समुदाय की परेशानियों पर बने "द बस्तर फाइल्स" फिल्म

बस्तर आकर बहुत खुशी हुई
बस्तर आकर बहुत खुशी हुई. हिजाब इस्लाम का एक जरूरी हिस्सा है. जैसे हर धर्म का अपना पहनावा होता है, वैसे ही इस्लाम का भी अपना पहनावा है. इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. हिजाब पर राजनीति गलत बात है. हर किसी को अपने धर्म के मुताबिक चलने की आजादी है. हम आध्यात्म के गुरु हैं, सभी के लिए दुआएं हैं. सभी अमन-चैन से रहें.

सभी खुश रहें, यही दुआ मांगता हूं...
अल्ला-त-आला से यही दुआ मांगते हैं कि सब खुश रहें . कयामत के दिन अल्लाह आपसे ये नहीं पूछेगा कि दूसरों ने क्या किया. वो ये पूछेगा की अपने क्या किया. इंसानियत और धर्म एक साथ चल सकते हैं. क़ुरआन में लिखा है कि परेशान हो तो अपने नबी के तरीके पर चलो.

भारत से हमारा 1000 साल से भी पुराना रिश्ता
हमारा भारत से 1000 साल से भी ज्यादा पुराना रिश्ता है. गुजरात के मर्चेंट्स इराक आते रहे हैं. एक यहूदी मोहम्मद साहब के घर के बाहर कचरा रख देता था. एक दिन जब उसने ऐसा नहीं किया तो मोहम्मद साहब ने उसके घर जाकर पता किया कि कहीं वो बीमार तो नहीं है. यही है इंसानियत और धर्म की तहजीब.

जगदलपुर : महान सूफी संत गौस-ए-आजम के वंशज सैयद हासिमुद्दीन अल गिलानी बगदादी आज दो दिवसीय दौरे पर बस्तर पहुंचे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें राज्य अथिति का दर्जा दिया है. बस्तर पहुंचे बगदादी का शहर के सैकड़ों लोगों ने रैली निकालकर स्वागत किया. उनके स्वागत के लिए भव्य तैयारी मुस्लिम समाज ने की थी.

बगदादी बोले हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा, इस पर नहीं होनी चाहिए आपत्ति

बगदादी ने की प्रेस कांफ्रेंस
बगदादी ने कार्यक्रम के बाद एक प्रेसवार्ता आयोजित की. इसमें उन्होंने कहा कि मैं गौस-ए-आजम के खानदान से हूं. वे एक महान सूफी संत थे. उन्हें पूरी दुनिया में सूफीवाद की एक बड़ी हस्ती के रूप में जाना जाता है. आज उनके मानने वालों के बीच आकर बहुत खुशी हो रही है. इस खूबसूरत शाबान के महीने में कैसे एक अच्छा इंसान बना जा सकता है. चाहे वो आपका पड़ोसी है या दोस्त या फिर रिश्तेदार. असल जिंदगी तो आखिरत की जिंदगी ही है. ये जिंदगी तो बस कुछ वक्त की ही है. इसीलिए अपने आखिरत के लिए मेहनत करें.

यह भी पढ़ें : "द कश्मीर फाइल्स" पर आदिवासी नेता नंदकुमार साय का बड़ा बयान, कहा- जनजाति समुदाय की परेशानियों पर बने "द बस्तर फाइल्स" फिल्म

बस्तर आकर बहुत खुशी हुई
बस्तर आकर बहुत खुशी हुई. हिजाब इस्लाम का एक जरूरी हिस्सा है. जैसे हर धर्म का अपना पहनावा होता है, वैसे ही इस्लाम का भी अपना पहनावा है. इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. हिजाब पर राजनीति गलत बात है. हर किसी को अपने धर्म के मुताबिक चलने की आजादी है. हम आध्यात्म के गुरु हैं, सभी के लिए दुआएं हैं. सभी अमन-चैन से रहें.

सभी खुश रहें, यही दुआ मांगता हूं...
अल्ला-त-आला से यही दुआ मांगते हैं कि सब खुश रहें . कयामत के दिन अल्लाह आपसे ये नहीं पूछेगा कि दूसरों ने क्या किया. वो ये पूछेगा की अपने क्या किया. इंसानियत और धर्म एक साथ चल सकते हैं. क़ुरआन में लिखा है कि परेशान हो तो अपने नबी के तरीके पर चलो.

भारत से हमारा 1000 साल से भी पुराना रिश्ता
हमारा भारत से 1000 साल से भी ज्यादा पुराना रिश्ता है. गुजरात के मर्चेंट्स इराक आते रहे हैं. एक यहूदी मोहम्मद साहब के घर के बाहर कचरा रख देता था. एक दिन जब उसने ऐसा नहीं किया तो मोहम्मद साहब ने उसके घर जाकर पता किया कि कहीं वो बीमार तो नहीं है. यही है इंसानियत और धर्म की तहजीब.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.