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आत्मसमर्पित महिला नक्सली की भाई से अपील-'नक्सलवाद छोड़ दो, रक्षाबंधन साथ मनाना चाहती हूं'

बस्तर पुलिस के सामने महिला नक्सली दशमी ने बुधवार को सरेंडर कर दिया है. जिसे 12 साल की उम्र से ही नक्सलियों ने अपने संगठन में शामिल कर लिया था. दशमी ने अपने भाई से भी नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की है. दशमी इस बार राखी का त्योहार अपने भाई के साथ मनाना चाहती है. बता दें, दशमी का भाई दरभा एरिया कमेटी का LOS कमांडर है.

Surrender female Naxalite Dashami
सरेंडर महिला नक्सली
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Published : Jul 23, 2020, 6:07 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बस्तर में नक्सलवाद पिछले 5 दशकों से पैठ जमाए हुए है. नक्सल विचारधारा ने धीरे-धीरे बस्तर के भोले-भाले आदिवासियों को शिकार बनाया है. नतीजा यह हुआ कि बेहद ही कम उम्र में आदिवासी नक्सल विचारधारा से प्रभावित होकर दलम में जुड़ गए और नक्सलियों के साथ अहिंसा के मार्ग पर चलने लगे. बस्तर में ऐसे कई आदिवासी हैं, जिन्होंने बचपन में अपना होश भी नहीं संभाला था और उन्हें नक्सलवाद का दामन थामना पड़ा. वे या तो जबरन शामिल कराए गए या हालातों ने उन्हें मजबूर कर दिया. जिसके बाद से ही उनके सारे तीज त्योहार खत्म हो गए. परिवार से बिछड़ने के साथ-साथ जंगलों में ही इन्होंने अपना बसेरा बना लिया.

सरेंडर महिला नक्सली की भाई से अपील

इन्हें रक्षाबंधन त्योहार की भी कोई जानकारी नहीं है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब कटेकल्याण एरिया कमेटी की सदस्य दशमी ने बस्तर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया. दशमी ने सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर पुलिस के सामने अपने हथियार डाल दिए और मुख्यधारा से जुड़कर अपनी आगे की जिंदगी खुशी से बिताने की इच्छा जताई.

पढ़ें-12 साल की उम्र से नक्सलियों से जुड़ी थी दसमी, प्रताड़ना से तंग आकर किया सरेंडर

दशमी ने बताया कि उसके परिवार में एक भाई है, जिसका नाम लक्ष्मण है और वह भी बचपन से ही नक्सलियों के दलम में शामिल करा लिया गया. वर्तमान में दरभा एरिया कमेटी का एलओएस कमांडर है. मुख्यधारा से जुड़ने के बाद दशमी ने मीडिया के माध्यम से अपने भाई लक्ष्मण से अपील की है कि वह भी नक्सलवाद को त्याग कर समाज की मुख्यधारा से जुड़े. ताकि वह भी अपनी आगे की जिंदगी हंसी खुशी साथ में बिताये. दशमी ने यह भी कहा कि आने वाले सप्ताह में भाई बहन के स्नेह और प्यार का त्योहार रक्षाबंधन भी है. ऐसे में वे अपने भाई से चाहती है कि वह पुलिस के सामने सरेंडर कर दें, ताकि इस प्यार भरे त्योहार को वे साथ में मना सके.

LOS कमांडर के पद पर है दशमी का भाई

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि दशमी ने सरेंडर करने के बाद पुलिस को यह जानकारी दी कि उसका भाई लक्ष्मण भी नक्सलियों के दल में शामिल है. वह दरभा एरिया कमेटी का LOS कमांडर है, वह अपने भाई को भी सरेंडर करवाना चाहती है. इसके अलावा दशमी ने अपने अन्य साथियों से भी अपील की है कि वह भी समाज की मुख्यधारा से जुड़े.

पुलिस ने भी की लक्ष्मण से सरेंडर करने की अपील

बस्तर आईजी का कहना है कि नक्सली हमेशा भोले-भाले आदिवासियों को अपने दलम से जोड़कर अहिंसा के रास्ते पर ले जाते हैं. भोलेभाले आदिवासियों को रिश्ते-नाते और परिवार से अलग कर दिए जाता है, उन्हें किसी त्योहार का महत्व भी नहीं पता रहता. दशमी ने संगठन में 11 साल रहने के बाद सरेंडर किया है. वह भी सभी त्योहार खुशी से मनाना चाहती है. पुलिस ने भी लक्ष्मण से मीडिया के माध्यम से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है.

जगदलपुर: बस्तर में नक्सलवाद पिछले 5 दशकों से पैठ जमाए हुए है. नक्सल विचारधारा ने धीरे-धीरे बस्तर के भोले-भाले आदिवासियों को शिकार बनाया है. नतीजा यह हुआ कि बेहद ही कम उम्र में आदिवासी नक्सल विचारधारा से प्रभावित होकर दलम में जुड़ गए और नक्सलियों के साथ अहिंसा के मार्ग पर चलने लगे. बस्तर में ऐसे कई आदिवासी हैं, जिन्होंने बचपन में अपना होश भी नहीं संभाला था और उन्हें नक्सलवाद का दामन थामना पड़ा. वे या तो जबरन शामिल कराए गए या हालातों ने उन्हें मजबूर कर दिया. जिसके बाद से ही उनके सारे तीज त्योहार खत्म हो गए. परिवार से बिछड़ने के साथ-साथ जंगलों में ही इन्होंने अपना बसेरा बना लिया.

सरेंडर महिला नक्सली की भाई से अपील

इन्हें रक्षाबंधन त्योहार की भी कोई जानकारी नहीं है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब कटेकल्याण एरिया कमेटी की सदस्य दशमी ने बस्तर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया. दशमी ने सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर पुलिस के सामने अपने हथियार डाल दिए और मुख्यधारा से जुड़कर अपनी आगे की जिंदगी खुशी से बिताने की इच्छा जताई.

पढ़ें-12 साल की उम्र से नक्सलियों से जुड़ी थी दसमी, प्रताड़ना से तंग आकर किया सरेंडर

दशमी ने बताया कि उसके परिवार में एक भाई है, जिसका नाम लक्ष्मण है और वह भी बचपन से ही नक्सलियों के दलम में शामिल करा लिया गया. वर्तमान में दरभा एरिया कमेटी का एलओएस कमांडर है. मुख्यधारा से जुड़ने के बाद दशमी ने मीडिया के माध्यम से अपने भाई लक्ष्मण से अपील की है कि वह भी नक्सलवाद को त्याग कर समाज की मुख्यधारा से जुड़े. ताकि वह भी अपनी आगे की जिंदगी हंसी खुशी साथ में बिताये. दशमी ने यह भी कहा कि आने वाले सप्ताह में भाई बहन के स्नेह और प्यार का त्योहार रक्षाबंधन भी है. ऐसे में वे अपने भाई से चाहती है कि वह पुलिस के सामने सरेंडर कर दें, ताकि इस प्यार भरे त्योहार को वे साथ में मना सके.

LOS कमांडर के पद पर है दशमी का भाई

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि दशमी ने सरेंडर करने के बाद पुलिस को यह जानकारी दी कि उसका भाई लक्ष्मण भी नक्सलियों के दल में शामिल है. वह दरभा एरिया कमेटी का LOS कमांडर है, वह अपने भाई को भी सरेंडर करवाना चाहती है. इसके अलावा दशमी ने अपने अन्य साथियों से भी अपील की है कि वह भी समाज की मुख्यधारा से जुड़े.

पुलिस ने भी की लक्ष्मण से सरेंडर करने की अपील

बस्तर आईजी का कहना है कि नक्सली हमेशा भोले-भाले आदिवासियों को अपने दलम से जोड़कर अहिंसा के रास्ते पर ले जाते हैं. भोलेभाले आदिवासियों को रिश्ते-नाते और परिवार से अलग कर दिए जाता है, उन्हें किसी त्योहार का महत्व भी नहीं पता रहता. दशमी ने संगठन में 11 साल रहने के बाद सरेंडर किया है. वह भी सभी त्योहार खुशी से मनाना चाहती है. पुलिस ने भी लक्ष्मण से मीडिया के माध्यम से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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