ETV Bharat / state

बदल रही है नक्सलगढ़ की तस्वीर, बस्तर में सुरक्षाबलों ने चार साल में खोले 54 नए कैंप, 589 गांव हुए नक्सल मुक्त

छत्तीसगढ़ के बस्तर का नाम जब भी लिया जाता है, तो मन में नक्सलवाद की तस्वीरें आ जाती है. security forces opened new camps in Bastar लेकिन बीते कुछ वर्षों में नक्सली घटनाओं में कमी आई है. new camps in Bastar in four years सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बस्तर संभाग के कई गांव अब नक्सलियों के आतंक से मुक्त होते जा रहे हैं. villages became Naxal free of bastar division बहुत से गांव में अब नक्सलियों की दहशत खत्म होती जा रही है. इसकी मुख्य वजह सुरक्षाबलों का अंदरूनी इलाकों में खोले जा रहे कैंप हैं. पहली बार एक ही साल में रिकॉर्ड स्तर पर कैंप खोले गए हैं.

security forces opened new camps in Bastar
बस्तर संभाग के गांव हुए नक्सल मुक्त
author img

By

Published : Jan 2, 2023, 9:10 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर संभाग के गांव हुए नक्सल मुक्त

रायपुर: पिछले 1 साल में बस्तर संभाग में 23 नए कैंप खोले गए हैं. security forces opened new camps in Bastar अफसरों के मुताबिक कैंप के खुलने से नक्सली गतिविधि वर्ष 2022 में सबसे कम दर्ज की गई है. new camps in Bastar in four years साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की रफ्तार में भी तेजी आई है.

चार साल में 54 नए कैंप खोले गए: बस्तर संभाग (bastar division) के नक्सल प्रभावित जिलों में विशेष बल डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा और स्थानीय पुलिस बल के साथ ही केंद्रीय अर्धसैनिक बल भी तैनात हैं. सुरक्षाबल के जवानों की ओर से नक्सल विरोधी अभियान लागातार संचालित किए जा रहे हैं. इसी के तहत हर साल नए कैंप खोले जाते हैं. लेकिन पिछले साल वर्ष 2022 में कुल 23 नए कैंप खोले गए हैं. वहीं पिछले 4 सालों की बात की जाए, तो 2019 से 2022 तक 54 नए कैंप खोले गए हैं. बस्तर संभाग में 7 जिले हैं. bastar latest news इनमें सर्वाधिक सुकमा जिले में 13 कैम्प पिछले 4 साल में खोले गए.

2019 से 2022 तक 54 नए कैंप खोले गए

  1. बस्तर- बोदली, तिरिया, बदरिमहु, रेखाघाटी, चांदामेटा, कांटाबांस
  2. दंतेवाड़ा- पोटाली, छिंदनार, बड़ेकरका, चिकपाल, टेटम, भोगाम, नहाड़ी, हिरोली, कामालूर
  3. कोंडागांव- पुंगारपाल, अनंतपुर, कुएमारी, कुदूर
  4. बीजापुर- तर्रेम, बेचापाल, धरमावरम, फुण्डरी, गलगम, नगूर, जैगुर, मिनकापल्ली, नम्बी, एटेपाल, पुसनार
  5. नारायणपुर- कड़ेमेटा, खोड़गांव, डोंगरहिल्स, अंजरेल, ढोढरीबेड़ा
  6. कांकेर- सुरेली, कामतेड़ा, कटगांव, पाढरगांव, अर्रा, चिलपरस
  7. सुकमा- कमारगुड़ा, मिनपा, बड़ेसेट्टी, मुकरम नाला, मनकापाल, सिलगेर (मोकुर), कोलाईगुड़ा, करीगुण्डम, पोटकपल्ली, एलमागुण्डा, पिड्मेल, डब्बाकोंटा, कुन्देड़


4 साल में 589 गांव हुए नक्सल मुक्त: बस्तर संभाग में नक्सलियों के आतंक और नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. जिसकी वजह से दक्षिण बीजापुर, दक्षिण सुकमा, इन्द्रावती नेशनल पार्क का इलाका, अबूझमाड़ और कोयलीबेड़ा क्षेत्र के कुछ हिस्सों तक नक्सली सीमित हैं. बस्तर संभाग में वर्ष 2019 के पूर्व की स्थिति में नक्सल प्रभावित कुल 994 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत कुल 2710 गांव थे. जिनमें से पिछले 4 साल में कुल 589 गांव नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हुये हैं.

जिला ग्राम पंचायतों की कुल संख्याग्रामों की कुल संख्या

दिसंबर 2018

(नक्सल प्रभावित ग्राम पंचायत की संख्या)

दिसंबर2018

(नक्सल प्रभावित गांवों की संख्या)

चार साल में नक्सल मुक्त गांवों की संख्या कुल आबादी
बस्तर 433 609 121 185 63 97,150
दन्तेवाड़ा 143 243 119 192 118 1,44,350
कांकेर 454 1083 273 780 92 69,764
बीजापुर 170 696 148 611 115 87,854
नारायणपुर 104 413 100 401 48 42,546
कोण्डागांव 383 560 110 191 32 41,792
सुकमा 153 407 123 350 121 91,250
योग 1840 4011 994 2710589 5,74,706


2022 में नक्सली घटनाओं में आई कमी: बस्तर संभाग के 7 जिले नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में आते हैं. पिछले वर्ष 2022 में 2021 की तुलना में नक्सल घटनाओं में कमी आई है. पुलिस अफसर इसकी मुख्य वजह अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा जवानों बढ़ते प्रभाव को बताते हैं. क्योंकि पिछले 48 महीने में 54 कैंप अति संवेदनशील इलाकों में खोले गए हैं. कैंप के खुलने से नक्सलियों में बौखलाहट है. क्योंकि उनके मंसूबों पर सुरक्षा बल के जवान पानी फेर रहे हैं. वहीं शासन की त्रिवेणी कार्य योजना "विश्वास विकास सुरक्षा" के तहत ग्रामीण विकास के कार्यों में भी जवान मदद कर रहे हैं. उम्मीद है कि बस्तर क्षेत्र में जल्द से जल्द नक्सली समस्या का खात्मा होगा और एक सुरक्षित वातावरण बनेगा होगा.

घटनाएं वर्ष 2021 वर्ष 2022
कुल नक्सल घटनाएं231183
सुरक्षा बलों पर नक्सली हमले की वारदातें8257
कितने नक्सलियों ने किया सरेंडर551379
आईडी विस्फोट2121
नक्सल घटना में शहीद सुरक्षाकर्मियों की संख्या468
नक्सलियों द्वारा आम जनता की हत्या3428


क्या कहते हैं अफसर: बस्तर संभाग के आईजी पी सुंदरराज कहते हैं कि "बस्तर में पिछले 4 साल में 54 कैंप खोले गए हैं. इन चार सालों में 589 ग्राम नक्सल मुक्त हुए हैं. वर्ष 2022 में नक्सली घटनाओं में कमी आई है. बहुत से नक्सली आत्मसमर्पण किए हैं. 2022 में जवानों के शहादत में रिकॉर्ड कमी भी दर्ज की गई है. अब बस्तर के लोग हथियार छोड़कर विकास की ओर आगे बढ़ रहे हैं."

यह भी पढ़ें: नारायणपुर में धर्मांतरण पर बवाल में ग्रामीणों ने एसपी का सिर फोड़ा, पुलिस पर किया हमला


अंदरूनी क्षेत्रों में खोले गए 23 कैंप: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि "बस्तर अब विकास की ओर अग्रसर हो रहा है. बस्तर के लोगों की मानसिकता में बदलाव आया है पहले फोर्स को देखकर ग्रामीण डर जाते थे. उन्हें लगता था कि पुलिस ने गिरफ्तार कर लेगी, लेकिन अब उनकी सोच में बड़ा बदलाव देखा गया है. ग्रामीण अब जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विकास की ओर आगे बढ़ रहे हैं. हमने वर्ष 2022 में रिकॉर्ड 23 कैंप खोले हैं. यह ऐसे कैंप है, जो अंदरूनी क्षेत्रों में खोले गए हैं. इससे आम जनजीवन में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. जिसके चलते अब नक्सली कुछ ही हिस्से में सीमित रह गए हैं."

बस्तर संभाग के गांव हुए नक्सल मुक्त

रायपुर: पिछले 1 साल में बस्तर संभाग में 23 नए कैंप खोले गए हैं. security forces opened new camps in Bastar अफसरों के मुताबिक कैंप के खुलने से नक्सली गतिविधि वर्ष 2022 में सबसे कम दर्ज की गई है. new camps in Bastar in four years साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की रफ्तार में भी तेजी आई है.

चार साल में 54 नए कैंप खोले गए: बस्तर संभाग (bastar division) के नक्सल प्रभावित जिलों में विशेष बल डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा और स्थानीय पुलिस बल के साथ ही केंद्रीय अर्धसैनिक बल भी तैनात हैं. सुरक्षाबल के जवानों की ओर से नक्सल विरोधी अभियान लागातार संचालित किए जा रहे हैं. इसी के तहत हर साल नए कैंप खोले जाते हैं. लेकिन पिछले साल वर्ष 2022 में कुल 23 नए कैंप खोले गए हैं. वहीं पिछले 4 सालों की बात की जाए, तो 2019 से 2022 तक 54 नए कैंप खोले गए हैं. बस्तर संभाग में 7 जिले हैं. bastar latest news इनमें सर्वाधिक सुकमा जिले में 13 कैम्प पिछले 4 साल में खोले गए.

2019 से 2022 तक 54 नए कैंप खोले गए

  1. बस्तर- बोदली, तिरिया, बदरिमहु, रेखाघाटी, चांदामेटा, कांटाबांस
  2. दंतेवाड़ा- पोटाली, छिंदनार, बड़ेकरका, चिकपाल, टेटम, भोगाम, नहाड़ी, हिरोली, कामालूर
  3. कोंडागांव- पुंगारपाल, अनंतपुर, कुएमारी, कुदूर
  4. बीजापुर- तर्रेम, बेचापाल, धरमावरम, फुण्डरी, गलगम, नगूर, जैगुर, मिनकापल्ली, नम्बी, एटेपाल, पुसनार
  5. नारायणपुर- कड़ेमेटा, खोड़गांव, डोंगरहिल्स, अंजरेल, ढोढरीबेड़ा
  6. कांकेर- सुरेली, कामतेड़ा, कटगांव, पाढरगांव, अर्रा, चिलपरस
  7. सुकमा- कमारगुड़ा, मिनपा, बड़ेसेट्टी, मुकरम नाला, मनकापाल, सिलगेर (मोकुर), कोलाईगुड़ा, करीगुण्डम, पोटकपल्ली, एलमागुण्डा, पिड्मेल, डब्बाकोंटा, कुन्देड़


4 साल में 589 गांव हुए नक्सल मुक्त: बस्तर संभाग में नक्सलियों के आतंक और नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. जिसकी वजह से दक्षिण बीजापुर, दक्षिण सुकमा, इन्द्रावती नेशनल पार्क का इलाका, अबूझमाड़ और कोयलीबेड़ा क्षेत्र के कुछ हिस्सों तक नक्सली सीमित हैं. बस्तर संभाग में वर्ष 2019 के पूर्व की स्थिति में नक्सल प्रभावित कुल 994 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत कुल 2710 गांव थे. जिनमें से पिछले 4 साल में कुल 589 गांव नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हुये हैं.

जिला ग्राम पंचायतों की कुल संख्याग्रामों की कुल संख्या

दिसंबर 2018

(नक्सल प्रभावित ग्राम पंचायत की संख्या)

दिसंबर2018

(नक्सल प्रभावित गांवों की संख्या)

चार साल में नक्सल मुक्त गांवों की संख्या कुल आबादी
बस्तर 433 609 121 185 63 97,150
दन्तेवाड़ा 143 243 119 192 118 1,44,350
कांकेर 454 1083 273 780 92 69,764
बीजापुर 170 696 148 611 115 87,854
नारायणपुर 104 413 100 401 48 42,546
कोण्डागांव 383 560 110 191 32 41,792
सुकमा 153 407 123 350 121 91,250
योग 1840 4011 994 2710589 5,74,706


2022 में नक्सली घटनाओं में आई कमी: बस्तर संभाग के 7 जिले नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में आते हैं. पिछले वर्ष 2022 में 2021 की तुलना में नक्सल घटनाओं में कमी आई है. पुलिस अफसर इसकी मुख्य वजह अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा जवानों बढ़ते प्रभाव को बताते हैं. क्योंकि पिछले 48 महीने में 54 कैंप अति संवेदनशील इलाकों में खोले गए हैं. कैंप के खुलने से नक्सलियों में बौखलाहट है. क्योंकि उनके मंसूबों पर सुरक्षा बल के जवान पानी फेर रहे हैं. वहीं शासन की त्रिवेणी कार्य योजना "विश्वास विकास सुरक्षा" के तहत ग्रामीण विकास के कार्यों में भी जवान मदद कर रहे हैं. उम्मीद है कि बस्तर क्षेत्र में जल्द से जल्द नक्सली समस्या का खात्मा होगा और एक सुरक्षित वातावरण बनेगा होगा.

घटनाएं वर्ष 2021 वर्ष 2022
कुल नक्सल घटनाएं231183
सुरक्षा बलों पर नक्सली हमले की वारदातें8257
कितने नक्सलियों ने किया सरेंडर551379
आईडी विस्फोट2121
नक्सल घटना में शहीद सुरक्षाकर्मियों की संख्या468
नक्सलियों द्वारा आम जनता की हत्या3428


क्या कहते हैं अफसर: बस्तर संभाग के आईजी पी सुंदरराज कहते हैं कि "बस्तर में पिछले 4 साल में 54 कैंप खोले गए हैं. इन चार सालों में 589 ग्राम नक्सल मुक्त हुए हैं. वर्ष 2022 में नक्सली घटनाओं में कमी आई है. बहुत से नक्सली आत्मसमर्पण किए हैं. 2022 में जवानों के शहादत में रिकॉर्ड कमी भी दर्ज की गई है. अब बस्तर के लोग हथियार छोड़कर विकास की ओर आगे बढ़ रहे हैं."

यह भी पढ़ें: नारायणपुर में धर्मांतरण पर बवाल में ग्रामीणों ने एसपी का सिर फोड़ा, पुलिस पर किया हमला


अंदरूनी क्षेत्रों में खोले गए 23 कैंप: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि "बस्तर अब विकास की ओर अग्रसर हो रहा है. बस्तर के लोगों की मानसिकता में बदलाव आया है पहले फोर्स को देखकर ग्रामीण डर जाते थे. उन्हें लगता था कि पुलिस ने गिरफ्तार कर लेगी, लेकिन अब उनकी सोच में बड़ा बदलाव देखा गया है. ग्रामीण अब जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विकास की ओर आगे बढ़ रहे हैं. हमने वर्ष 2022 में रिकॉर्ड 23 कैंप खोले हैं. यह ऐसे कैंप है, जो अंदरूनी क्षेत्रों में खोले गए हैं. इससे आम जनजीवन में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. जिसके चलते अब नक्सली कुछ ही हिस्से में सीमित रह गए हैं."

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.