जगदलपुर: बस्तर संभाग में लंपी वायरस का खतरा बना हुआ है. इसका सबसे ज्यादा असर जगदलपुर और बस्तर जिले में दिख रहा है.लंपी वायरस मवेशियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. लगातार लंपी वायरस के प्रकोप से बस्तर संभाग में मवेशियों की मौत हो रही है. जिससे इन मौतों को लेकर मवेशी मालिको में चिंता बढ़ गई है. मवेशियों की जान बचाने और इस बीमारी को और फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन से लोग सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.
एहतियात बरतने की लोगों ने की मांग: लोगों ने जिला प्रशासन से इस बीमारी से निपटने को लेकर एक बेहतर योजना बनाने की मांग की है. विश्व हिंदू परिषद के जिला प्रचार प्रसार प्रमुख रोहन कुमार ने पशु बाजारों को बंद करने और ओडिशा से गौवंश की खरीद बिक्री को रोकने की मांग की है. उनका कहना है कि" ओडिशा से आने वाले इन गौवंशों में वायरस ग्रसित पशु भी देखे गए हैं. जो कि चिंताजनक विषय है. ऐसे में पशु बाजार बंद किया जाना चाहिए और ओडिशा से मवेशियों के लाने ले जाने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.
पशु विभाग के अधिकारियों का क्या है मत: पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक डीके नेताम ने बताया कि, "लंपी वायरस को लेकर विभाग पूरी तरह से सतर्क है. अबतक 160 मामले मिले हैं. जिसमे 19 मामले अभी भी एक्टिव हैं. 5 मवेशियों की मौत हो गई है. हमने जिला स्तरीय टीम बनाई है. ब्लॉकों में भी टीम को गठित कर मॉनिटरिंग की जा रही है. मवेशी पालकों को भी जागरूक किया जा रहा है. जैसे ही नए मामले निकलकर सामने आते हैं. वैसे ही मवेशियों को आइसोलेट कर इलाज की प्रक्रिया की जाती है. बाकी मवेशियों से उसे अलग रखकर इलाज किया जाता है. इस बीमारी को देखते हुए लगातार हमारी टीम ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में काम कर रही है. यही वजह है कि हम इस बीमारी से लड़ पा रहे है."
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लंपी वायरस बीमारी को लेकर बस्तर के बड़े पशु बाजार को बंद कर दिया गया है. तोकापाल विकासखंड के जनपद सीईओ ने एक्शन लेते हुए. जिले के सबसे बड़े पशु खरीदी बिक्री बाजार डिमरापाल को आगामी आदेश तक बंद रखने का आदेश जारी किया है.