जगदलपुर : बस्तर में कोरोना संक्रमण के साथ अब मलेरिया का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है. बस्तर मलेरिया मुक्त अभियान के दूसरे चरण के तहत 1 महीने में बस्तर जिले में 2 लाख से ज्यादा लोगों की जांच की गई है. जिनमें 3500 से ज्यादा लोग मलेरिया से ग्रसित मिले हैं. इनमें 1800 से ज्यादा बच्चे हैं, जिनकी उम्र 1 साल से लेकर 14 साल तक की है. इधर मलेरिया पीड़ितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है जो स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
बस्तर संभाग की बात की जाए तो संभाग के सातों जिलों में करीब 3 लाख 200 लोगों की मलेरिया जांच की गई है, जिसमें लगभग 9763 लोग पॉजिटिव मिले हैं. बस्तर जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत बस्तर जिले में ही 2 लाख से ज्यादा लोगों की मलेरिया जांच की जा चुकी है. जिसमें 3500 से अधिक लोग मलेरिया पॉजिटिव मिले हैं. स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान मिले मरीजों में 54% बच्चे इस बीमारी से पीड़ित मिले हैं. पीड़ित बच्चे कुपोषण के शिकार भी हो रहे हैं, ऐसे में मलेरिया के साथ ही इन बच्चों को सुपोषित करने की पहल भी की जा रही है.
महारानी अस्पताल में भी हो रहा टेस्ट
जानकारी के मुताबिक जिला मलेरिया कार्यालय में हर रोज 40 से 50 मरीज जांच के लिए पहुंच रहे हैं. जिनमें हर दिन पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं, यही नहीं शहर के महारानी अस्पताल में भी लोग मलेरिया जांच कराने पहुंच रहे हैं और इनमें से कई लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. हालांकि अधिकारी का कहना है कि मलेरिया मुक्त अभियान के तहत शासन प्रशासन ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए ग्राम पंचायतों के साथ-साथ अन्य विभागों की भी मदद ले रही है. जिससे कि ग्रामीण मलेरिया से अपना बचाव कर सकें.
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हाट बाजारों में भी मलेरिया की जांच
इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कोटवार, मितानीन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यकर्ता लगे हुए है. जो लाउडस्पीकर और ढोलक बजाकर ग्रामीणों को मच्छरदानी लगा कर सोने और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की बात कह रहे हैं. इसके अलावा जिले के हाट बाजारों में भी स्वास्थ विभाग की टीम मलेरिया की जांच करने में लगी हुई है.
ग्रामीणों को जागरूक करने की कोशिश
अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के शुरुआत में जिले के ऐसे ब्लॉकों को चिन्हित करके वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम काम कर रही है. जहां सबसे ज्यादा मलेरिया के मामले सामने आए हैं और उन लोगों की भी दोबारा जांच की जा रही है. जो पहले ही मलेरिया पॉजिटिव आ चुके हैं और बार-बार उनमें मलेरिया के लक्षण देखे जाते हैं. अधिकारी ने कहा कि मलेरिया मुक्त अभियान के तहत ज्यादा से ज्यादा मलेरिया की रोकथाम और इससे बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है.
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आंकड़ों की बात की जाए तो-
- 2018 में पूरे बस्तर संभाग में 7425 मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिले.
- वहीं 2019 में 6486 मरीज मलेरिया पॉजिटिव पाए गए.
- इस साल अब तक 9763 लोग मलेरिया पॉजिटिव मिले हैं.
कोरोना से ज्यादा मलेरिया का खतरा
अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले सालों की तुलना में इस साल मलेरिया से ग्रसित मरीजों की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हुआ है. हालांकि शासन प्रशासन के अधिकारी बस्तर को मलेरिया मुक्त करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देने की बात कह रहे है. मलेरिया की अगर कोरोना वायरस से तुलना की जाए तो पिछले 3 महीनों में बस्तर जिले में कोरोना के सिर्फ 58 मरीज मिले हैं, वहीं बस्तर संभाग में अब तक करीब 308 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले है. ऐसे में कोरोना से ज्यादा मलेरिया पीड़ितों की संख्या दर्ज की गई है. इस ओर स्वास्थ्य विभाग को गंभीर होने की आवश्यकता है.