बस्तर : छत्तीसगढ़ में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने को है. चुनाव से पहले ही सभी पार्टियों के नेता वोटर्स के बीच पहुंच रहे हैं.इसी बीच मंत्री कवासी लखमा का बयान सामने आया है. लखमा ने अपने बयान में कहा है कि ''आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिलेगा कि नहीं इस बात की कोई गारंटी नहीं है.क्योंकि टिकट देने का फैसला गांधी परिवार, राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के हाथों में हैं. मैं कोई बड़ा नेता नहीं हूं. मैं एक छोटा कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं.''
''पार्टी में दरी बिछाने और झंडा उठाने का काम'' : कवासी लखमा ने कहा कि '' मैं पार्टी के आदेश पर झंडा उठाने और दरी उठाने का काम करता हूं.पंडित नेहरु, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी बस्तर पहुंचे थे. लेकिन पहली बार कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी बीते दिनों बस्तर आई थी. उनके बस्तर प्रवास की जानकारी लगते ही बस्तर संभाग से भीड़ उमड़ पड़ी. जगदलपुर का ऐतिहासिक लालबाग मैदान लोगों से भर गया.दोपहर के 3:30 बजे प्रियंका गांधी की सभा खत्म हुआ. लेकिन 8:30 बजे तक जगदलपुर से लोगों से भरी गाड़ियां नहीं निकल पाई. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस सभा में बस्तरवासियों की भीड़ कितनी जुटी थी.''
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गांधी परिवार के कारण बस्तर का विकास : उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि '' यदि बस्तर के आदिवासी आज आगे बढ़ रहे हैं तो उसके पीछे का कारण गांधी परिवार है. बस्तर का विकास गांधी परिवार ने किया है. तेंदू पत्ता तोड़ने का काम, जंगल जमीन का पट्टा, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, आश्रम हॉस्टल नेहरू गांधी परिवार ने खोला है. अबूझमाड़ की वजह से बस्तर को जाना जाता है. बस्तर के अबूझमाड़ में आश्रम हॉस्टल खोलने का काम गांधी परिवार ने किया है. इससे पहले बस्तर के ट्राईबल मिनिस्टर केदार कश्यप ने 3000 स्कूलों को बंद किया.लेकिन गांधी परिवार ने स्कूल आश्रम खोलकर बस्तर के आदिवासियों को आगे बढ़ाने का काम किया.''