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Jagdalpur News: बस्तर के आदिवासियों ने पहाड़ का सीना चीरकर बना दिया तालाब

बस्तर के ग्रामीणों ने नई मिसाल पेश की है. छिंदबहार गांव में 150 ग्रामीणों ने श्रमदान कर तालाब बना दिया ताकि पानी की समस्या दूर की जा सके. गांव वालों ने 730 दिनों में यह कारनामा किया है. उनकी मेहनत के आगे पहाड़ को भी हार माननी पड़ी. Water crisis in Chhindbahar of Chitrakot

pond in high mountain to fight water crisis
ऊंचे पहाड़ पर वन विभाग ने बनाया तालाब
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Published : Jun 13, 2023, 11:27 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

ऊंचे पहाड़ पर वन विभाग ने बनाया तालाब

जगदलपुर: चित्रकोट वन परिक्षेत्र के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के छिंदबहार में लंबे समय से ग्रामीण जल संकट से जूझ रहे थे. यहां के ग्रामीणों को पानी के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी. अब इस क्षेत्र में तालाब बनने से ग्रामीणों को काफी राहत मिली है. कुल 730 दिनों यानी की दो साल में ग्रामीणों ने वन विभाग के साथ मिलकर पहाड़ का सीना चीर डाला और 801 मीटर की ऊंचाई पर पानी की इंतजाम तालाब के रूप में कर लिया.

pond in high mountain to fight water crisis
ऊंचे पहाड़ पर वन विभाग ने बनाया तालाब

ग्रामीणों को मिल रही सुविधा: लूथू पखना, बस्तर में पर्यटन स्थल के नाम से मशहूर है. इस क्षेत्र में कैंपा योजना के तहत वन विभाग ने तालाब बनवाया है. 801 मीटर ऊंची पहाड़ी पर इस तालाब के बन जाने से स्थानीय ग्रामीणों के लिए निस्तारी के साथ पशु और मवेशियों के लिए भी पानी की दिक्कत दूर हो गई है. बस्तर में चुनिंदा पहाड़ों पर बनाए गए तालाबों में से यह एक तालाब है. करीब 20 फीट गहरे इस तालाब में 85 लाख लीटर पानी जमा हो सकता है.

150 ग्रामीणों ने की खुदाई: 150 से ज्यादा ग्रामीणों ने श्रमदान कर तालाब बनाया है. लंबे समय से गर्मियों के दौरान इस पूरे इलाके में पानी की समस्या से ग्रामीण परेशान हो रहे थे. पशुपालन और खेती से जुड़े लोगों के लिए गांव में पीने के पानी के स्रोत भी सीमित हैं. ऐसे में तालाब लोगों के लिए संजीवनी साबित होगा. ग्रामीणों के सहयोग से बनाए गए इस तालाब से गर्मी के मौसम में भी पानी की समस्या नहीं होगी.

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"जंगल और पहाड़ों के बीच बने नालों में कैंपा योजना के तहत पानी को रोकने का काम किया जा रहा है. जिसका मुख्य उद्देश्य वाइल्ड लाइफ को फायदा पहुंचाना है. इसका सकारात्मक परिणाम भी बस्तर में देखने को मिल रहा है."- दुलेश्वर साहू, वन मंडल अधिकारी


प्राकृतिक जलधारा को तालाब से जोड़ा: गांव के सरपंच पदम सिंह मौर्य ने बताया कि "लुथु पटना में एक प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर के किनारे से एक छोटी जलधारा नीचे गिरती थी. जिसे देखते हुए पानी के संरक्षण के लिए वन विभाग ने पहाड़ के ऊपर तालाब बनवाया है. इस तालाब में पानी होने से ग्रामीणों को नहाने और पालतू पशुओं को पानी पिलाने में मदद मिल रही है.'' सरपंच ने ग्रामीणों को बताया कि तालाब बनने से फायदा मिलेगा, जिसके कारण ग्रामीण भी तालाब निर्माण में सहयोग करने के लिए पहुंचे."

इस तरह गांव वालों ने गर्मी में जल संकट को दूर करने का कारगर कदम उठाया है. इस तालाब से गांव के लोग काफी खुश है. लोगों को पीने के लिए पानी के साथ साथ निस्तारी के लिए भी पानी मिलने लगा है.

ऊंचे पहाड़ पर वन विभाग ने बनाया तालाब

जगदलपुर: चित्रकोट वन परिक्षेत्र के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के छिंदबहार में लंबे समय से ग्रामीण जल संकट से जूझ रहे थे. यहां के ग्रामीणों को पानी के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी. अब इस क्षेत्र में तालाब बनने से ग्रामीणों को काफी राहत मिली है. कुल 730 दिनों यानी की दो साल में ग्रामीणों ने वन विभाग के साथ मिलकर पहाड़ का सीना चीर डाला और 801 मीटर की ऊंचाई पर पानी की इंतजाम तालाब के रूप में कर लिया.

pond in high mountain to fight water crisis
ऊंचे पहाड़ पर वन विभाग ने बनाया तालाब

ग्रामीणों को मिल रही सुविधा: लूथू पखना, बस्तर में पर्यटन स्थल के नाम से मशहूर है. इस क्षेत्र में कैंपा योजना के तहत वन विभाग ने तालाब बनवाया है. 801 मीटर ऊंची पहाड़ी पर इस तालाब के बन जाने से स्थानीय ग्रामीणों के लिए निस्तारी के साथ पशु और मवेशियों के लिए भी पानी की दिक्कत दूर हो गई है. बस्तर में चुनिंदा पहाड़ों पर बनाए गए तालाबों में से यह एक तालाब है. करीब 20 फीट गहरे इस तालाब में 85 लाख लीटर पानी जमा हो सकता है.

150 ग्रामीणों ने की खुदाई: 150 से ज्यादा ग्रामीणों ने श्रमदान कर तालाब बनाया है. लंबे समय से गर्मियों के दौरान इस पूरे इलाके में पानी की समस्या से ग्रामीण परेशान हो रहे थे. पशुपालन और खेती से जुड़े लोगों के लिए गांव में पीने के पानी के स्रोत भी सीमित हैं. ऐसे में तालाब लोगों के लिए संजीवनी साबित होगा. ग्रामीणों के सहयोग से बनाए गए इस तालाब से गर्मी के मौसम में भी पानी की समस्या नहीं होगी.

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"जंगल और पहाड़ों के बीच बने नालों में कैंपा योजना के तहत पानी को रोकने का काम किया जा रहा है. जिसका मुख्य उद्देश्य वाइल्ड लाइफ को फायदा पहुंचाना है. इसका सकारात्मक परिणाम भी बस्तर में देखने को मिल रहा है."- दुलेश्वर साहू, वन मंडल अधिकारी


प्राकृतिक जलधारा को तालाब से जोड़ा: गांव के सरपंच पदम सिंह मौर्य ने बताया कि "लुथु पटना में एक प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर के किनारे से एक छोटी जलधारा नीचे गिरती थी. जिसे देखते हुए पानी के संरक्षण के लिए वन विभाग ने पहाड़ के ऊपर तालाब बनवाया है. इस तालाब में पानी होने से ग्रामीणों को नहाने और पालतू पशुओं को पानी पिलाने में मदद मिल रही है.'' सरपंच ने ग्रामीणों को बताया कि तालाब बनने से फायदा मिलेगा, जिसके कारण ग्रामीण भी तालाब निर्माण में सहयोग करने के लिए पहुंचे."

इस तरह गांव वालों ने गर्मी में जल संकट को दूर करने का कारगर कदम उठाया है. इस तालाब से गांव के लोग काफी खुश है. लोगों को पीने के लिए पानी के साथ साथ निस्तारी के लिए भी पानी मिलने लगा है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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