जगदलपुर: बस्तर में हजारों की संख्या में मौजूद मवेशियों के पालकों के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है. प्रदेशभर में फैले लंपी नाम की स्किन डिजीज से 1 हफ्ते में जिले में 10 मवेशियों की मौत हो चुकी है. माड़पाल गांव में दो मवेशियों की मौत से शुरू हुआ यह आंकड़ा एक हफ्ते के अंदर बढ़कर 10 तक पहुंच चुका है. सामान्य मानी जाने वाली इस बीमारी से अचानक मवेशियों की मौत से पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है.
घटना के बाद मामले की जांच और वैक्सीनेशन के काम में विभाग की टीम जुट गई है. विभाग का मानना है कि यह बीमारी प्रदेशभर में फैली हुई है. हालांकि विभाग ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत पर स्पष्ट रूप से कुछ भी कह पाने की बात कही है.
पशु चिकित्सा विभाग की ज्वॉइंट डायरेक्टर महालक्ष्मी अजगल्ले ने बताया कि 12 अगस्त को आड़ावाल जनपद के माड़पाल से जानकारी मिली थी कि 2 पशुओं की मौत हो गई है. वहीं कुछ की तबीयत खराब है. विभाग को जानकारी मिलने के बाद विभागीय प्रयोगशाला की टीम मौके पर पहुंची थी. 1 घंटे के अंदर ही आंकड़ा 2 से 4 में तब्दील हो गया था. टीम ने गंभीर पशुओं को वैक्सीन देकर मृत पशुओं का पोस्टमॉर्टम किया था.
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ज्वॉइंट डायरेक्टर ने बताया कि पोस्टमॉर्टम में पशुओं के फेफड़े में इंफेक्शन (निमोनिया) पाया गया है. मवेशियों के फेफड़े में इंफेक्शन देखा गया था. वहां कीड़े भी लग गए थे. शॉर्ट पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मवेशियों को निमोनिया होने की बात सामने आई. डायरेक्टर के मुताबिक इस तरह के इंफेक्शन छोटे जानवरों में देखने को मिलते हैं, लेकिन इनसे मौत होने जैसी समस्या नहीं होनी चाहिए. लंपी बीमारी का इलाज संभव है, लेकिन मौत को लेकर उनका कहना है कि या तो गांव वालों ने विभाग को देर से जानकारी दी है या फिर उन्हें लंपी के साथ ही अन्य बीमारी होने का अंदेशा जताया है. फिलहाल विभाग विस्तृत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहा है.
मवेशियों के वैक्सीनेशन का काम शुरू
माड़पाल में हुए 10 मवेशियों की मौत के बाद विभाग ने जिले के सभी ब्लॉक का सर्वे कर वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है. ज्वॉइंट डायरेक्टर महालक्ष्मी का कहना है कि मवेशियों की मौत के मामले में उनकी बस्तर कलेक्टर से भी बात हुई है. इस पूरे केस की वस्तुस्थिति की जानकारी देने के साथ ही वैक्सीनेशन से बचाव के लिए किए जा रहे हैं. वहीं उन्होंने सर्वे के बाद अतिरिक्त वैक्सीन की भी कलेक्टर से मांग की है. इधर मृत मवेशियों के पालकों ने शासन से मुआवजे की मांग की है. पशु पालकों का कहना है कि विभाग की लापरवाही की वजह से उनके मवेशियों की जान गई है.