जगदलपुर : प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा समिति की रविवार को पहली बैठक हुई, जिसमें बस्तर के सांसद दीपक बैज को समिति का अध्यक्ष बनाया गया. वहीं दशहरा पर्व में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले मांझी चालकियों में सबसे वरिष्ठ अर्जुन मांझी को समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है.
यह पहला मौका है जब मांझी को बस्तर दशहरा समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है. इससे पहले जिला पंचायत के अध्यक्ष को समिति का उपाध्यक्ष बनाया जाता था. इसके अलावा सांसद दीपक बैज ने इस बार बस्तर दशहरा पर्व को उधार में नहीं मनाने का निर्णय लिया है. साथ ही बस्तर सासंद ने पर्यटकों को बढावा देने के लिए प्रशासन और अन्य सभी स्तर में हरसंभव प्रयास करने की बात कही है.
मांझी चालकियों की होती है महत्वपूर्ण भूमिका
75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व में सबसे अहम और महत्वपूर्ण भूमिका मांझी चालकियों की होती है. बस्तर संभाग के सभी जिलो से विशेष जाति के लोगों को मांझी चालकी बनाया जाता है, जिनका कार्य बस्तर दशहरा समिति के सभी महत्वपूर्ण रस्मों को रिति-रिवाज के साथ सम्पन्न कराने का दायित्व होता है और दशहरा पर्व में मांझी, चालकी व मुखिया मुख्य कड़ी होते हैं.
जरूरी सामान और संसाधनों में होती थी धांधली
अर्जुन मांझी ने कहा कि पिछले कई सालों से बस्तर में दशहरा पर्व के दौरान कई रस्मों में लगने वाले जरूरी सामान और संसाधनों में धांधली होती थी, लेकिन अब दशहरा पर्व के ब्यौरा में पारदर्शिता आएगी.
62 लाख रुपए से अधिक का हुआ कर्जा
बस्तर सांसद व समिति के नये अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछली सरकार साल 2010 से 2018 तक दशहरा पर्व उधारी में मनाते आ रही थी, जिसके चलते दशहरा समिति पर 62 लाख रुपए से अधिक का कर्जा हो गया है, लेकिन इस साल दशहरा पर्व को उधार में नहीं मनाया जाएगा. साथ ही पिछले दो सालों से मानदेय की मांग कर रहे मांझी, मुखिया और चालकियों को रुका हुआ मानदेय भी दिया जायेगा और मुख्यमंत्री से चर्चा कर पिछली बकाया राशि को भी चुकता करने के लिए फंड की मांग की जाएगी.