जगदलपुर: शहर में बीते 3 दिनों से एक कोरोना संक्रमित मरीज का शव दो गज जमीन के लिए इंतजार करता रहा. लौंहडीगुड़ा के 25 वर्षीय युवक की कोरोना से मौत के बाद उसके शव को दफनाने का जिम्मा जिला प्रशासन का था, लेकिन 3 दिन बाद शव को दफनाने की जगह मिली. जिला प्रशासन ने युवक के शव को दफनाने के लिए दो अलग-अलग गांव में जगह चिन्हांकित किया था, लेकिन दोनों ही गांव के ग्रामीणों ने इसका विरोध किया. जिसकी वजह से शव को नहीं दफनाया जा सका.
2 दिन बीत गए और तीसरे दिन नगर निगम के अमले ने शव को उस जगह दफनाया, जहां लावारिस और अज्ञात लाशों को दफनाया जाता है. कोरोना महामारी को लेकर लोगों में बेहद खौफ है, जिसकी वजह से वे अपने क्षेत्रों में स्थित शमशान घाट में मृत कोरोना मरीजों को दफनाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं. निगम ने युवक के शव को पहले पामेला गांव और उसके बाद जाटम गांव के शमशान में दफनाने की कोशिश की. दोनों ही गांव में निगम की टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा और शव लेकर वापस लौटना पड़ा.
शासकीय मुक्तिधाम के पास दफनाया गया शव
लगभग 3 दिनों तक संक्रमित मरीज के शव को अस्पताल के मॉरच्युरी में रखा गया. जिसके बाद नगर निगम अमले ने शव को शहर के शासकीय मुक्तिधाम के पास दफनाया. जहां लावारिस लाशों को दफनाया जाता है. इस दौरान बकायदा निगम अमले ने सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा. जेसीबी से मौके पर गड्ढा करने के बाद अस्पताल के स्टाफ ने सावधानी बरतते हुए शव को वहां दफनाया.
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निगम आयुक्त प्रेम पटेल ने कहा कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण का खतरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है, ऐसे में प्रशासन कोरोना से मौत होने वाले लोगों के लिए लगभग 5 एकड़ की जमीन तलाश कर रही है. जहां इन संक्रमित मृतकों को दफनाया जा सके. अब तक इसके लिए कोई भी जगह चिन्हित नहीं की गई है, लिहाजा शासकीय मुक्तिधाम की जगह पर ही संक्रमित मृतक के शव को दफनाया गया है.