जगदलपुर: बस्तर की ऐतिहासिक सरोवर और प्रदेश के सबसे बड़े तालाब दलपत सागर की जलकुंभियों की सफाई के लिए नगर निगम ने जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके के लिए जिला प्रशासन ने करीब एक करोड़ की लागत से एक्टिवेट वीड हारवेस्टर मशीन की खरीदी की है. हालांकि केरल से खरीदी गई यह मशीन इस महीने के अंत तक जगदलपुर पहुंच जाएगी. जानकारी के मुताबिक दिवाली के पहले इस ऐतिहासिक दलपत सागर की सफाई शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए निगम के एक कर्मचारी को ट्रेनिंग के लिए चेन्नई भी भेज दिया गया है.
निगम आयुक्त प्रेम पटेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जगदलपुर के ऐतिहासिक दलपत सागर को राम वन गमन पथ में शामिल कर लिया है. जिसके बाद हाल ही में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने दलपत सागर का निरीक्षण किया है.
360 एकड़ में फैली जलकुंभी को साफ करेगी मशीन
दलपत सागर को उसके मूल स्वरूप में लाने और पर्यटन दृष्टिकोण से विकसित करने की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए जिला प्रशासन ने लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से एक्टिवेट वीड हार्वेस्टर मशीन खरीदा गया है. वर्तमान में दलपत सागर तालाब का पानी 33 फीसदी जलकुंभी से पूरी तरह पट गया है. केरल से मंगाई जा रही इस मशीन की खासियत यह है कि लगभग 360 एकड़ में फैली तालाब की जलकुंभी को यह मशीन पूरी तरह से साफ कर देगा. जिसके बाद पर्यटन दृष्टिकोण से इसे विकसित किया जाएगा.
ट्रेनिंग के लिए चेन्नई भेजे गए कर्मचारी
निगम आयुक्त ने बताया कि इस मशीन को चलाने के लिए निगम के एक कर्मचारी को ट्रेनिंग के लिए चेन्नई भेज दिया गया है, जहां से प्रशिक्षण लेकर वे जगदलपुर में अन्य कर्मचारियों को मशीन चलाने का प्रशिक्षण देंगे. साथ ही इसका संचालन करेंगे. आयुक्त ने कहा कि इस महीने के अंत तक यह मशीन जगदलपुर पहुंच जाएगी और दिवाली से पहले दलपत सागर में सफाई अभियान शुरू कर दिया जाएगा.
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बस्तर के ऐतिहासिक तालाब से जलकुंभी हटाने के लिए शहर के विभिन्न सामाजिक संगठन, जिला प्रशासन और युवागण अभियान चलाकर जलकुंभी हाटने के अभियान में जुटे हुए थे, लेकिन सभी कोशिशें विफल रही. इसके बाद अब राज्य सरकार ने दलपत सागर को रामवनगमन पथ में शामिल कर दिया है, जिसके बाद से निगम ने आखिरकार दलपत सागर से जलकुंभी हटाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर मशीन ले लिया है और जल्द ही दलपत सागर को उसके मूल रूप में लाने की बात कह रहे हैं.