जगदलपुर: कोरोना काल के बीच और लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को जगदलपुर नगर निगम में सामान्य सभा की बैठक हुई. इस दौरान विपक्षी पार्षद दल ने निगम सरकार पर गुंडागर्दी कर बजट पास करने का आरोप लगाया. साथ ही अध्यक्ष पर निगम का नहीं बल्की कांग्रेस का अध्यक्ष होने का आरोप लगाते हुए सदन में जमकर हंगामा किया गया. सदन में बजट की कॉपी फाड़कर नारेबाजी शुरू कर दी गई. नगर निगम को बने 16 साल के बाद सत्ता पक्ष के खिलाफ विपक्ष का ऐसा विरोध प्रदर्शन पहली बार देखा गया. हालांकि, सदन में हो हंगामे बावजूद बजट को पास कर दिया गया है.
जगदलपुर नगर निगम में लंबे समय से विपक्ष सामान्य सभा कराने की मांग कर रहा था. लेकिन कोरोना का हवाला देकर इसे लगातार जगदलपुर निगम प्रशासन द्वारा टाला जा रहा था, लेकिन लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को सामान्य सभा बुलाई गई. विपक्षी पार्षद दल ने प्रश्नकाल के समय सीमा को लेकर पहले से ही विरोध करने का मन बना रखा था और हुआ भी ऐसा ही. सामान्य सभा की बैठक शुरू होते ही जब महापौर बजट पेश करने लगी तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. पूरा बजट पेश भी नहीं हो पाया था कि दोनों दलों में बहस शुरू हो गई, निगम अध्यक्ष लगातार मुद्दे की बात करने की बात कहती रही, लेकिन ऐसा नहीं होता देख बहुमत के आधार पर नगर निगम अध्यक्ष ने बजट को मान्य घोषित कर दिया. जिससे नाराज भाजपा पार्षदों ने बीच सदन में बजट की कॉपियों को फाड़कर नारेबाजी शुरू कर दी.
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'विपक्ष की आवाज ही नहीं सुनी गई'
हंगामे को देखते हुए प्रश्नकाल के बिना ही निगम सभापति ने सभा को स्थगित कर दिया. नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे ने कहा कि बहुमत के आधार पर गुंडागर्दी करते हुए बजट को मान्य घोषित कर दिया और विपक्ष की आवाज भी नहीं सुनी गई. क्योंकि बजट पर चर्चा करने से कांग्रेस की अनियमितताओं की पोल खुल जाती. जनता के सामने इनका असली चेहरा उजागर हो जाता.
महापौर ने आरोपों का किया खंडन
नेता प्रतिपक्ष ने निगम सभापति पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि सभापति नगर निगम की नहीं बल्कि कांग्रेस की सभापति है. विपक्ष की बिना बात सुने ही उन्होंने अपना फैसला ले लिया. आरोपों का जवाब देते हुए महापौर ने कहा कि विपक्ष का काम आरोप लगाना होता है, पूरा बजट सुनते तो उन्हें पता लगता कि वे जो आरोप लगा रहे हैं वह सारे आरोप निराधार है. जनहित के मुद्दों को बजट में रखा गया है.
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'बजट की कॉपी को फाड़ना सदन का अपमान'
सभापति कविता साहू ने अपने पर लगे आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि विपक्ष पहले से ही विरोध करने का मन बना कर सदन में आई थी. बीच सदन में बजट की कॉपी को फाड़ना सदन का अपमान है, इस पर कार्रवाई होनी चाहिए.