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बस्तर विकास प्राधिकरण को विपक्ष ने बताया ढकोसला, विकास कार्यों पर लगा ब्रेक

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Published : Aug 17, 2020, 7:33 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर विकास प्राधिकरण को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है. विपक्ष का आरोप है कि प्राधिकरण के गठन के बाद अब तक किसी तरह का विकास कार्य नहीं किया गया है.

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भाजपा कांग्रेस आमने-सामने

जगदलपुर: बस्तर संभाग के विकास के लिए गठित किए गए बस्तर विकास प्राधिकरण को 14 महीने बीत चुके हैं. गठन होने के बाद भी इस प्राधिकरण के बजट से बस्तर में बुनियादी सुविधाओं के लिए विकास कार्य शुरू नहीं हो सका है. 7 महीने पहले प्राधिकरण के कार्यालय का उद्घाटन तो धूमधाम से कर दिया गया, लेकिन अब तक इस प्राधिकरण से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और कनेक्टिवटी के क्षेत्र में विकास कार्य स्वीकृत नहीं हो पाया है. अब विपक्ष ने इसे दिखावे मात्र का प्राधिकरण बताया है.

भाजपा कांग्रेस आमने-सामने

प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर विकास प्राधिकरण के गठन के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इसका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाया था. कांग्रेस सरकार बनने के बाद इस प्राधिकरण का गठन किया गया. 7 महीने पहले कार्यालय का भी उद्घाटन हो गया. लेकिन प्राधिकरण के गठन हुए 15 महीने बीत जाने के बावजूद भी इस प्राधिकरण से बस्तर संभाग के बुनियादी सुविधाओं के लिए बजट नहीं होने की वजह से विकास कार्य स्वीकृत नहीं हो पाया है.

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बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष

कोरोना की वजह से अटके काम: लखेश्वर बघेल

प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने बताया कि बस्तर संभाग के 7 जिलों के विकास के लिए खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया है. प्राधिकरण के बजट से शुरुआती दिनों में कुछ विकास कार्य भी किए गए हैं. लेकिन देश में फैली कोरोना महामारी की वजह से पिछले 7 महीनों से इस प्राधिकरण में विकास कार्य नहीं हो पाए है. बघेल ने कहा कि आने वाले दिनों में जल्द ही इस प्राधिकरण में बजट आने से बस्तर के बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने के साथ ही, प्राधिकरण के कार्यों में तेजी लाई जाएगी. साथ ही रुके हुए विकास कार्यों को पूरा किया जाएगा. बघेल ने प्राधिकरण में बजट नहीं होने को भी विकास कार्य नहीं होने की मुख्य वजह बताया.

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बस्तर विकास प्राधिकरण

बस्तर में 'लंपी' बीमारी से मवेशियों की मौत का पहला मामला, विभाग ने शुरू किया टीकाकरण

50 करोड़ का आता था बजट: संतोष बाफना

विकास प्राधिकरण को लेकर विपक्ष के नेताओं का कहना है कि भाजपा शासनकाल में प्राधिकरण के लिए सालाना 50 करोड़ रूपये का बजट दिया जाता था. उस बजट से बस्तर में कई विकास कार्य भी किए गए हैं. लेकिन कांग्रेस कार्यकाल में इस प्राधिकरण का गठन हुए 15 महीने बीत चुके हैं, अब तक एक दो कार्यों को छोड़कर बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए कोई पहल नहीं की गई है. यह बस्तर वासियों के लिए काफी दुखद विषय है.

पूर्व विधायक ने बताया ढकोसला

पूर्व विधायक संतोष बाफना ने कहा कि प्राधिकरण से विकास कार्य नहीं होने के पीछे कांग्रेस के नेता कोरोना काल को वजह बता रहे हैं. लेकिन 7 महीने पहले भी इस प्राधिकरण से बुनियादी सुविधाओं को लेकर कोई भी बड़ा विकास कार्य बस्तर में नहीं किया गया है. ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को प्राधिकरण का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तो बनाया, लेकिन सबसे मुख्य प्राधिकरण में बजट जारी नहीं करने से कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं. यह प्राधिकरण कांग्रेस कार्यकाल के लिए सिर्फ ढकोसला बनकर रह गया है.

शासन ने 6 करोड़ की राशि जारी की थी

कांग्रेस कार्यकाल में बस्तर विकास प्राधिकरण के गठन के बाद राज्य सरकार ने एक बार 6 करोड़ रूपये का बजट जारी किया था. जिससे बस्तर संभाग में कुछ विकास कार्य हुए और कई विकास कार्य फंड खत्म हो जाने की वजह से अधूरे रह गए. प्राधिकरण में बजट नहीं होने से कई विकास कार्य नहीं हो पाए हैं.

जगदलपुर: बस्तर संभाग के विकास के लिए गठित किए गए बस्तर विकास प्राधिकरण को 14 महीने बीत चुके हैं. गठन होने के बाद भी इस प्राधिकरण के बजट से बस्तर में बुनियादी सुविधाओं के लिए विकास कार्य शुरू नहीं हो सका है. 7 महीने पहले प्राधिकरण के कार्यालय का उद्घाटन तो धूमधाम से कर दिया गया, लेकिन अब तक इस प्राधिकरण से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और कनेक्टिवटी के क्षेत्र में विकास कार्य स्वीकृत नहीं हो पाया है. अब विपक्ष ने इसे दिखावे मात्र का प्राधिकरण बताया है.

भाजपा कांग्रेस आमने-सामने

प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर विकास प्राधिकरण के गठन के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इसका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाया था. कांग्रेस सरकार बनने के बाद इस प्राधिकरण का गठन किया गया. 7 महीने पहले कार्यालय का भी उद्घाटन हो गया. लेकिन प्राधिकरण के गठन हुए 15 महीने बीत जाने के बावजूद भी इस प्राधिकरण से बस्तर संभाग के बुनियादी सुविधाओं के लिए बजट नहीं होने की वजह से विकास कार्य स्वीकृत नहीं हो पाया है.

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बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष

कोरोना की वजह से अटके काम: लखेश्वर बघेल

प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने बताया कि बस्तर संभाग के 7 जिलों के विकास के लिए खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया है. प्राधिकरण के बजट से शुरुआती दिनों में कुछ विकास कार्य भी किए गए हैं. लेकिन देश में फैली कोरोना महामारी की वजह से पिछले 7 महीनों से इस प्राधिकरण में विकास कार्य नहीं हो पाए है. बघेल ने कहा कि आने वाले दिनों में जल्द ही इस प्राधिकरण में बजट आने से बस्तर के बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने के साथ ही, प्राधिकरण के कार्यों में तेजी लाई जाएगी. साथ ही रुके हुए विकास कार्यों को पूरा किया जाएगा. बघेल ने प्राधिकरण में बजट नहीं होने को भी विकास कार्य नहीं होने की मुख्य वजह बताया.

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बस्तर विकास प्राधिकरण

बस्तर में 'लंपी' बीमारी से मवेशियों की मौत का पहला मामला, विभाग ने शुरू किया टीकाकरण

50 करोड़ का आता था बजट: संतोष बाफना

विकास प्राधिकरण को लेकर विपक्ष के नेताओं का कहना है कि भाजपा शासनकाल में प्राधिकरण के लिए सालाना 50 करोड़ रूपये का बजट दिया जाता था. उस बजट से बस्तर में कई विकास कार्य भी किए गए हैं. लेकिन कांग्रेस कार्यकाल में इस प्राधिकरण का गठन हुए 15 महीने बीत चुके हैं, अब तक एक दो कार्यों को छोड़कर बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए कोई पहल नहीं की गई है. यह बस्तर वासियों के लिए काफी दुखद विषय है.

पूर्व विधायक ने बताया ढकोसला

पूर्व विधायक संतोष बाफना ने कहा कि प्राधिकरण से विकास कार्य नहीं होने के पीछे कांग्रेस के नेता कोरोना काल को वजह बता रहे हैं. लेकिन 7 महीने पहले भी इस प्राधिकरण से बुनियादी सुविधाओं को लेकर कोई भी बड़ा विकास कार्य बस्तर में नहीं किया गया है. ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को प्राधिकरण का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तो बनाया, लेकिन सबसे मुख्य प्राधिकरण में बजट जारी नहीं करने से कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं. यह प्राधिकरण कांग्रेस कार्यकाल के लिए सिर्फ ढकोसला बनकर रह गया है.

शासन ने 6 करोड़ की राशि जारी की थी

कांग्रेस कार्यकाल में बस्तर विकास प्राधिकरण के गठन के बाद राज्य सरकार ने एक बार 6 करोड़ रूपये का बजट जारी किया था. जिससे बस्तर संभाग में कुछ विकास कार्य हुए और कई विकास कार्य फंड खत्म हो जाने की वजह से अधूरे रह गए. प्राधिकरण में बजट नहीं होने से कई विकास कार्य नहीं हो पाए हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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