जगदलपुर: शहर के 25 हजार परिवारों को 24 घंटे पानी की सुविधा देने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से शुरू हुई, अमृत मिशन योजना अधर में अटकती हुई है. इस योजना को पूरा करने की जिम्मेदारी निगम प्रशासन ने महाराष्ट्र की एक गोंडवाना कंपनी को दिया था, लेकिन यह कंपनी तय समय के अनुसार काम पूरा करना तो दूर बीच में ही काम छोड़ कर भाग गई है. काम में हो रही लेटलतीफी को लेकर निगम के अधिकारी कंपनी से काम वापस लेने की बजाय बार-बार उसे मोहलत देने में लगे हैं, लेकिन कंपनी दोबारा काम शुरू करने की कोई कोशिश करती दिखाई नहीं दे रही है.
जगदलपुर नगर निगम के आयुक्त ने बताया कि अमृत मिशन योजना के तहत गोंडवाना कंपनी के ठेकेदार ने 30 प्रतिशत ही काम किया है, जबकि अभी इस योजना के तहत 70 प्रतिशत काम होना बाकी है. लगभग 10 महीने से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन कंपनी ने काम दोबारा शुरू नहीं किया है. आयुक्त ने बताया कि संबंधित कंपनी को 3 बार नोटिस भी भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है.
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कंपनी के खिलाफ होगी रिकवरी की कार्रवाई
आयुक्त ने बताया कि कंपनी को 10 दिन का मोहलत दिया गया है, अगर कंपनी 10 दिनों के भीतर वापस आकर काम को दोबारा शुरू नहीं करती और जल्द से जल्द इसे पूरा नहीं करती है, तो उसके खिलाफ रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी. आयुक्त ने कहा कि, काम न होने के हालात में अमृत मिशन योजना को पूरा करने के लिए नया टेंडर निकाला जाएगा.
पानी की परेशानी
इधर, आधे-अधूरे काम की वजह से बस्तर की जनता को पानी के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक अमृत जल योजना के तहत होने वाले इस काम में 300 किलोमीटर के डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन में केवल 85 किलोमीटर ही पाइप लाइन बिछाई गई है. बाकी पाइप लाइन बिछाने के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई है.
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दुर्घटना की आशंका
काम पूरा नहीं होने के कारण पाइप शहर में बेतरतीब ढंग से सड़कों के किनारे पड़ा है. इससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. अमृत योजना के लिए करीब 113 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. अब तक हुए काम के बदले कंपनी को करीब 27 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है, लेकिन काम न के बराबर हुआ है.