जगदलपुर: कोटा से वापस लाए गए छात्रों को लंबे इंतजार के बाद घर भेज दिया गया है. बस्तर के 72 छात्र देर रात शहर पहुंचे, जहां वीर सावरकर भवन में सभी के परिजनों को बुलवाया गया था. जिला प्रशासन ने देर रात सभी छात्रों को सशर्त परिजनों को सौंप दिया है. कोटा से लौटते ही सभी को 7 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया था. सभी छात्रों और परिजनों को हिदायत दी गई है कि आने वाले 14 दिनों तक पूरे परिवार के साथ छात्र-छात्राएं होम आइसोलेशन में ही रहें. प्रशासन की टीम ने सभी को कोरोना वायरस से बचाव के लिए जानकारियां भी दी हैं.
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बता दें कि बस्तर संभाग से 140 छात्र पढ़ाई के लिए राजस्थान के कोटा गए हुए थे. लॉकडाउन की वजह से सभी वहीं फंस गए थे. लॉकडाउन का दूसरा चरण शुरू होने पर इनके परिजनों ने छात्रों को वापस लाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई थी. छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान सरकार से चर्चा कर कोटा में फंसे हुए स्टूडेंट्स को प्रदेश वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की थी. बस्तर के स्टूडेंट्स 26 अप्रैल को राजस्थान के कोटा से बस से निकले थे. सभी बच्चे कोरोना प्रभावित राज्य से आ रहे थे, इसलिए इन्हें 7 दिनों तक क्वॉरेंटाइन किया गया था. छात्रों को क्वॉरेंटाइन करने की तैयारी पहले से ही कांकेर में पूरी कर ली गई थी.
नहीं दिखे लक्षण
कांकेर में 7 दिनों तक क्वॉरेंटाइन में रहने के बाद किसी भी छात्र में कोरोना वायरस के लक्षण नजर नहीं आए. इसके बाद प्रशासन ने छात्रों को घर भेजने की तैयारी शुरू कर दी. लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सभी छात्र जगदलपुर पहुंचे. जिला प्रशासन के सशर्त निर्देश के बाद इन्हें परिजनों को सौंपा गया.
अन्य जिलों के छात्रों को भी किया गया रवाना
बस्तर जिले के 72 छात्र जगदलपुर लाए गए. इसके साथ ही सुकमा, बीजापुर और अन्य जिलों के छात्रों को आगे रवाना कर दिया गया. इन छात्रों को वापस लाने में विधायक रेखचंद जैन ने अहम भूमिका निभाई थी. छात्रों की घर वापसी के दौरान वे पूरे समय वहां मौजूद रहे. छात्रों के परिजनों ने विधायक को इसके लिए धन्यवाद भी दिया.