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बिलाईगढ़ः जातिवाद की आड़ में तोड़ा विधवा महिला का घर, बेघर हुआ पूरा परिवार - racism

पीड़िता ने जमीन मेहर समाज के व्यक्ति को बेचा है, जिसका गांव वालों ने खुलकर विरोध किया है. इससे नाराज ग्रामीणों ने महिला के घर को तोड़ दिया.

जातिवाद की आड़ में तोड़ा विधवा महिला का घर
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Published : Apr 28, 2019, 10:33 PM IST

बिलाईगढ़ः बासउरकुली गांव में जातिवाद को लेकर एक विधवा महिला का घर तोड़ दिया गया है. इसकी शिकायत महिला ने थाने में दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

जातिवाद की आड़ में तोड़ा विधवा महिला का घर

पीड़ित महिला लता ठाकुर ने बताया वो 20 साल से अपने परिवार के साथ गांव में रह रही हैं. बड़ी बेटी के विवाह के लिए उसे अपने घर से लगी उनकी निजी जमीन को बेचना पड़ा. पीड़िता ने जमीन मेहर समाज के व्यक्ति को बेचा है, जिसका गांव वालों ने खुलकर विरोध किया है. इससे नाराज ग्रामीणों ने महिला के घर को तोड़ दिया.

नहीं हुई कोई कार्रवाई
पीड़िता ने बताया की गांव की महिलाओं को घर तोड़ने से मना किया तो, उन्होंने गांव छोड़कर भागने की धमकी दी. ऐसा न करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी. पीड़ित महिला का पूरा परिवार दर-दर भटकने पर मजबूर हो गया है. महिला ने थाने में मामला दर्ज कराया है, बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

बिलाईगढ़ः बासउरकुली गांव में जातिवाद को लेकर एक विधवा महिला का घर तोड़ दिया गया है. इसकी शिकायत महिला ने थाने में दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

जातिवाद की आड़ में तोड़ा विधवा महिला का घर

पीड़ित महिला लता ठाकुर ने बताया वो 20 साल से अपने परिवार के साथ गांव में रह रही हैं. बड़ी बेटी के विवाह के लिए उसे अपने घर से लगी उनकी निजी जमीन को बेचना पड़ा. पीड़िता ने जमीन मेहर समाज के व्यक्ति को बेचा है, जिसका गांव वालों ने खुलकर विरोध किया है. इससे नाराज ग्रामीणों ने महिला के घर को तोड़ दिया.

नहीं हुई कोई कार्रवाई
पीड़िता ने बताया की गांव की महिलाओं को घर तोड़ने से मना किया तो, उन्होंने गांव छोड़कर भागने की धमकी दी. ऐसा न करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी. पीड़ित महिला का पूरा परिवार दर-दर भटकने पर मजबूर हो गया है. महिला ने थाने में मामला दर्ज कराया है, बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

Intro:स्लग:-गांव की महिलाओं ने तोड़ा अपने ही गांव में रहने वाली बेवा महिला की घर..


एंकर:-बिलाईगढ़ ब्लॉक मुख्यालय से लगे गांव बासउरकुली में गांव के महिलाओं ने अपने ही गांव में बीस वर्ष से रह रही बेवा महिला की घर तोड़कर उनके परिवार को दरबदर भटकने पर मजबूर कर दिया हैं. जिसके बाद महिला ने पुलिस से इस मामले की शिकायत की है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया है.

वियो:-(1) पीड़ित बेवा महिला लता ठाकुर ने बताया कि बीस साल से अपने परिवार के साथ बासउरकुली में रह रही हैं. पिछले 3 साल पहले उनके पति की मौत होने के बाद रोजी मजदूरी कर अपने तीन बेटियों की परवरिश कर रही है. वही बड़ी बेटी की विवाह करने के लिए अपने घर से लगी निजी जमीन को बेचना पड़ा. जिसे मेहर समाज के व्यक्ति ने जमीन को लिया हैं. जिसे गांव वालों ने मेहर समाज के ब्यक्ति को जमीन बेचा हैं बोल कर बेवा महिला के घर तोड़ दिया गया हैं।पीड़ित महिला ने बताया की गांव की महिलाओं को तोड़ने से मना किया तो गांव छोड़कर भाग जाने की बात कही नही तो मारने धमकी दी. आज जिसके कारण पूरे परिवार दरबदर भटकने पर मजबूर हैं।

बड़ी बात यह हैं कि आज भी लोगों दिल में जाति वाद का भेदभाव रहता हैं. जिसके कारण आज एक परिवार दरबदर भटकने पर मजबूर हो गया हैं. एक तरफ केंद्र सरकार गरीब व बेवा जैसे लोगों के लिए घर बनाने के लिए धन राशि दे रही हैं। तो वही दूसरी ओर गांव की महिमा अपने ही गांव के रह रही बेवा महिला के घर तोड़कर दरबदर भटकने पर मजबूर कर दिया है.

अब देखने वाले बात ये होगी की शासन- प्रशासन क्या महिला को रहने के लिए घर दिला पाते हैं।क्या दोषयो पर कार्यवाही किया जायेगा. या युही दरबदर भटकने के लिए छोड़ जाते हैं.

बाईट:-(1)लता ठाकुर (पीड़ित महिला)Body:स्लग:-गांव की महिलाओं ने तोड़ा अपने ही गांव में रहने वाली बेवा महिला की घर..


एंकर:-बिलाईगढ़ ब्लॉक मुख्यालय से लगे गांव बासउरकुली में गांव के महिलाओं ने अपने ही गांव में बीस वर्ष से रह रही बेवा महिला की घर तोड़कर उनके परिवार को दरबदर भटकने पर मजबूर कर दिया हैं. जिसके बाद महिला ने पुलिस से इस मामले की शिकायत की है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया है.

वियो:-(1) पीड़ित बेवा महिला लता ठाकुर ने बताया कि बीस साल से अपने परिवार के साथ बासउरकुली में रह रही हैं. पिछले 3 साल पहले उनके पति की मौत होने के बाद रोजी मजदूरी कर अपने तीन बेटियों की परवरिश कर रही है. वही बड़ी बेटी की विवाह करने के लिए अपने घर से लगी निजी जमीन को बेचना पड़ा. जिसे मेहर समाज के व्यक्ति ने जमीन को लिया हैं. जिसे गांव वालों ने मेहर समाज के ब्यक्ति को जमीन बेचा हैं बोल कर बेवा महिला के घर तोड़ दिया गया हैं।पीड़ित महिला ने बताया की गांव की महिलाओं को तोड़ने से मना किया तो गांव छोड़कर भाग जाने की बात कही नही तो मारने धमकी दी. आज जिसके कारण पूरे परिवार दरबदर भटकने पर मजबूर हैं।

बड़ी बात यह हैं कि आज भी लोगों दिल में जाति वाद का भेदभाव रहता हैं. जिसके कारण आज एक परिवार दरबदर भटकने पर मजबूर हो गया हैं. एक तरफ केंद्र सरकार गरीब व बेवा जैसे लोगों के लिए घर बनाने के लिए धन राशि दे रही हैं। तो वही दूसरी ओर गांव की महिमा अपने ही गांव के रह रही बेवा महिला के घर तोड़कर दरबदर भटकने पर मजबूर कर दिया है.

अब देखने वाले बात ये होगी की शासन- प्रशासन क्या महिला को रहने के लिए घर दिला पाते हैं।क्या दोषयो पर कार्यवाही किया जायेगा. या युही दरबदर भटकने के लिए छोड़ जाते हैं.

बाईट:-(1)लता ठाकुर (पीड़ित महिला)Conclusion:

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