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हाथी दांत बनकर रह गई है 45 लाख की लागत से बनी टंकी, बूंद-बूंद को परेशान लोग - गांव की महिलाएं

8 साल पहले 45 लाख की लागत से पानी टंकी का निर्माण किया गया है और गांव में पाइप लाइन भी बिछा दी गई है. लेकिन ग्रामीणों को आज तक एक बूंद पानी नहीं मिला.

45 लाख की लागत से बनी टंकी
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Published : Jun 18, 2019, 9:20 PM IST

बलौदा बाजार: बिलाईगढ़ की ग्राम पंचायत गोविंदवन के ग्रामीण जल संकट से त्रस्त हैं. यहां 8 साल पहले 45 लाख की लागत से पानी टंकी का निर्माण किया गया है और गांव में पाइप लाइन भी बिछा दी गई है. लेकिन ग्रामीणों को आज तक एक बूंद पानी नहीं मिला.

45 लाख की लागत से पानी टंकी का निर्माण

8 वर्ष पूर्व जब इस पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा था, तो ग्राम पंचायत के ग्रामीणों को विश्वास था कि अब जल संकट दूर होगा और उन्हें गुजार के लिए पानी मिलने लगेगा. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया लोगों का विश्वास टूटता गया. और आज गांव की महिलाएं कई किलोमीटर दूर से पीने का पानी ला कर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं.

बातचीत से भी नहीं निकला हल
ग्रामीणों ने कई बार इस संबंध में सरपंच से बात की लेकिन उनका कोई हल नहीं निकला. जब ग्राम पंचायत के सरपंच बृजभान भारद्वाज से इस संबंध में हमने पूछा तो उनका कहना था कि इस संबंध में पीएचई विभाग को आवेदन देकर थक चुके हैं. उन्हें विभाग से गोल मोल जवाब मिलता है.

45 लाख की लागत से बनी है टंकी
सरपंच ने बताया की इसमें जो बोर की खुदाई हुई है, उसमें पानी की मोटर धंस गई है. इस कारण अभी तक टंकी चालू नहीं हुई है. सोचने वाली बात यह है कि पानी की समस्या को देखते हुए अगर शासन 45 लाख की टंकी का निर्माण कर पैसे को पानी की तरह बहा सकती है तो पानी टंकी को सुधार कर लोगों की समस्याओं को दूर क्यूं नहीं कर सकती.

बलौदा बाजार: बिलाईगढ़ की ग्राम पंचायत गोविंदवन के ग्रामीण जल संकट से त्रस्त हैं. यहां 8 साल पहले 45 लाख की लागत से पानी टंकी का निर्माण किया गया है और गांव में पाइप लाइन भी बिछा दी गई है. लेकिन ग्रामीणों को आज तक एक बूंद पानी नहीं मिला.

45 लाख की लागत से पानी टंकी का निर्माण

8 वर्ष पूर्व जब इस पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा था, तो ग्राम पंचायत के ग्रामीणों को विश्वास था कि अब जल संकट दूर होगा और उन्हें गुजार के लिए पानी मिलने लगेगा. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया लोगों का विश्वास टूटता गया. और आज गांव की महिलाएं कई किलोमीटर दूर से पीने का पानी ला कर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं.

बातचीत से भी नहीं निकला हल
ग्रामीणों ने कई बार इस संबंध में सरपंच से बात की लेकिन उनका कोई हल नहीं निकला. जब ग्राम पंचायत के सरपंच बृजभान भारद्वाज से इस संबंध में हमने पूछा तो उनका कहना था कि इस संबंध में पीएचई विभाग को आवेदन देकर थक चुके हैं. उन्हें विभाग से गोल मोल जवाब मिलता है.

45 लाख की लागत से बनी है टंकी
सरपंच ने बताया की इसमें जो बोर की खुदाई हुई है, उसमें पानी की मोटर धंस गई है. इस कारण अभी तक टंकी चालू नहीं हुई है. सोचने वाली बात यह है कि पानी की समस्या को देखते हुए अगर शासन 45 लाख की टंकी का निर्माण कर पैसे को पानी की तरह बहा सकती है तो पानी टंकी को सुधार कर लोगों की समस्याओं को दूर क्यूं नहीं कर सकती.

Intro:बिलाईगढ़ : - बिलाईगढ़ मुख्यालय से लगा हुआ ग्राम पंचायत गोविंदवन के ग्रामीण जल संकट से त्रस्त है. यहा 8 वर्ष पूर्व करीब 45 लाख की लागत से पानी टंकी का निर्माण किया गया है और aगांव में पाइप लाइन भी बिछा दी गई है. लेकिन ग्रामीणों को आज तक एक बूंद पानी नही मिला.
Body:8 वर्ष पूर्व जब इस पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा था तो ग्राम पंचायत के ग्रामीणों को विश्वास था की अब उनकी जल संकट दूर होगी और उन्हें अपने जीवन यापन के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा. लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया लोगों का विश्वास टूटता गया. और आज गांव के महिलाएँ कई किलोमीटर दूर से पीने का पानी ला कर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है. हम आपको बात दे की इस पानी टंकी का निर्माण 8 वर्ष पूर्व किया गया है. जिसकी लागत करीब 45 लाख बताई जा रही है. लेकिन आज तक इस टंकी में पानी नही भरा गया है. और टंकी की हालत जर्जर होती जा रही है. जिससे हम शासन के पैसे का दुरुपयोग भी कह सकते है.
ग्रामीण ने कई बार इस संबंध में सरपंच से बात की लेकिन उनका भी कोई मतलब नही निकला. जब ग्राम पंचायत के सरपंच बृजभान भारद्वाज से इस संबंध में हमने पूछा तो उनका कहना था की ओ इस संबंध में पीएचई विभाग को आवेदन देतें थक चुके है. लेकिन समस्या का कोई समाधान नही हुआ. उन्हें विभाग से गोल मोल जवाब मिलता है. सरपंच ने बताया की इसमें जो बोर की खुदाई हुई है, उसमें पानी का मोटर धस गया है. इस कारण अभी तक टंकी चालू नही हुआ है.Conclusion:सोचने वाली बात यह है की पानी की समस्या को देखते हुए अगर शासन 45 लाख की टंकी का निर्माण कर पैसे को पानी की तरह बहा सकती है तो पानी टंकी को सुधार कर लोगों की समस्याओ को दूर क्यूँ नही कर सकती.

बाईट 01 - नारायण बाई - ग्रामीण(सिर में बाल्टी रखी है)

बाईट 02 - हेमकला - ग्रामीण(नीले साड़ी)

बाईट 03 - बृजभान भारद्वाज - सरपंच ग्राम पंचायत गोविंदवन
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