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वसंत पंचमी : मां सरस्वती की आराधना कर बच्चों ने मांगा ज्ञान का आशीर्वाद

भाटापारा के पंचम दीवान शासकिय स्कूल में वसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया.

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Published : Jan 30, 2020, 8:33 PM IST

Vasant Panchami festival celebration in bhatapara
वसंत पंचमी पर्व

बलौदाबाजार : भाटापारा के पंचम दीवान शासकीय स्कूल में वसंत पंचमी उत्साहपूर्वक मनाई गई. स्कूल की छात्राएं, शिक्षक और शिक्षिकाएं रंग-बिरंगे पहनावे के साथ स्कूल पहुंचे. कार्यक्रम के दौरान मां सरस्वती का पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद बच्चों और शिक्षकों ने वसंत पंचमी से जुड़ी कहानियां सुनाई.

मां सरस्वती की आराधना कर बच्चों ने मांगा ज्ञान का आशीर्वाद

बच्चे, शिक्षक और शिक्षिकाएं रंग-बिरंगे आकर्षक ड्रेसों में नजर आए. स्कूल में माता सरस्वती की पूजन अर्चना की गई. इस दौरान बच्चों ने विभिन्न मनमोहक प्रस्तुति दी. शिक्षकों ने बताया कि 'वंसत पंचमी के बाद से प्रकृति में सुंदर परिवर्तन देखे जाते हैं. पेड़ों से पत्ते झड़ने के बाद नए पत्ते और फूलों से पेड़ और पौधे शोभायमान होते हैं. वहीं दंत कथाओं में प्रचलित कहानियों में माना जाता है कि जब एक समय में चारों तरफ अंधकार और अज्ञानता का राज हो गया, तो उसे मिटाने के लिए ब्रम्हाजी ने अपने कमंडल के जल से सिंचिंत कर एक चतुर्भुजी आकृति का उत्सर्जन किया, जो हाथों में वीणा धारण की हुई थीं'. 'जिन्हें मां सरस्वती 'ज्ञान की देवी' के नाम से जाना गया. जिनके उत्सर्जन और वीणा की ध्वनी से चारों ओर प्रकाश फैला और अज्ञानता दूर हुई. इसके बाद से माघ शुक्ल पक्ष के पंचमी को वसंत पंचमी मनाई जाती है'.

बलौदाबाजार : भाटापारा के पंचम दीवान शासकीय स्कूल में वसंत पंचमी उत्साहपूर्वक मनाई गई. स्कूल की छात्राएं, शिक्षक और शिक्षिकाएं रंग-बिरंगे पहनावे के साथ स्कूल पहुंचे. कार्यक्रम के दौरान मां सरस्वती का पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद बच्चों और शिक्षकों ने वसंत पंचमी से जुड़ी कहानियां सुनाई.

मां सरस्वती की आराधना कर बच्चों ने मांगा ज्ञान का आशीर्वाद

बच्चे, शिक्षक और शिक्षिकाएं रंग-बिरंगे आकर्षक ड्रेसों में नजर आए. स्कूल में माता सरस्वती की पूजन अर्चना की गई. इस दौरान बच्चों ने विभिन्न मनमोहक प्रस्तुति दी. शिक्षकों ने बताया कि 'वंसत पंचमी के बाद से प्रकृति में सुंदर परिवर्तन देखे जाते हैं. पेड़ों से पत्ते झड़ने के बाद नए पत्ते और फूलों से पेड़ और पौधे शोभायमान होते हैं. वहीं दंत कथाओं में प्रचलित कहानियों में माना जाता है कि जब एक समय में चारों तरफ अंधकार और अज्ञानता का राज हो गया, तो उसे मिटाने के लिए ब्रम्हाजी ने अपने कमंडल के जल से सिंचिंत कर एक चतुर्भुजी आकृति का उत्सर्जन किया, जो हाथों में वीणा धारण की हुई थीं'. 'जिन्हें मां सरस्वती 'ज्ञान की देवी' के नाम से जाना गया. जिनके उत्सर्जन और वीणा की ध्वनी से चारों ओर प्रकाश फैला और अज्ञानता दूर हुई. इसके बाद से माघ शुक्ल पक्ष के पंचमी को वसंत पंचमी मनाई जाती है'.

Intro:भाटापारा :- बसंत पंचमी पर मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस पर भाटापारा पंचम दिवान के मिडिल एवं हाई स्कुल के बच्चे पहॅुचे स्कुल मे रंग बिरंगे पहनावे के साथ हि शिक्षक शिक्षिकाए भी रंगी रही बसंत पंचमी के रंग मे और स्कुल मे बसंत पंचमी के हुए कार्यक्रम , बसंत पंचमी के बारे मे बच्चो एवं शिक्षको ने बताई कहानीया और बसंत पंचमी मनाने का कारणBody:भाटापारा - आज बंसत पंचमी के अवसर पर जहां प्रकृति मे संुदर परिवर्तन देखे जाते है , पेड़ो से पत्ते एवं पौधो से फुल के झड़ने के बाद नये पत्ते और फुलो से पेड़ और पौधे शोभायमान होते है वही दंत कथाओ मे प्रचलित कहानियो मे माना जाता है कि जब एक समय चोरो तरफ अंधकार और अज्ञानता का राज हो गया तो उसे मिटाने ब्रम्हाजी ने अपने कमंडल के जल से सिंचिंत कर एक चतुर्भजी आकृति का उत्सर्जन किया जो हाथो मे वीणा धारण की हुई थी , जिन्हे मां सरस्वती ज्ञान की देवी के नाम से जाना गया , जिनके उत्सर्जन एवं वीणा की ध्वनी से चहॅु ओर प्रकाश फैला और अज्ञानता दुर हुई जिसके कारण आज माघ शुक्ल पक्ष के पंचमी को बसंत पंचमी मनाई जाती है। बसंत पंचमी के इस मौके पर भाटापारा के पंचम दिवान कन्या मिडिल एवं हाई स्कुल मे बच्चे एवं शिक्षिक शिक्षिकाए रंग बिरंगे आकर्षक ड्रेसो मे नजर आए एवं स्कुल मे माता सरस्वती का पूजन अर्चन किया गया एवं बच्चो के द्वारा विभिन्न मनमोहक प्रस्तुतिया दी । स्कुल मे छात्राए रंग बिरंगी साड़ीयो मे भी दिखाई दी।

बाइट - रिया यादव , छात्रा पंचम दिवान स्कुल
बाइट - रश्मी , छात्रा पंचम दिवान स्कुल
बाइट - श्वेता मिश्रा , शिक्षिका
बाइट - रेखापाल , शिक्षिका
बाइट - शैलेंद्र नामदेव , प्रिसिंपल पंचम दिवान स्कुल Conclusion:N
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