बलौदा बाजार: पथरीली बंजर भूमि में हरियाली की आस लिए हीरारतन ने 29 साल में 7 एकड़ जमीन का हरे सोने से श्रृंगार किया है. बंजर भूमि में पसीना बहाकर इस शख्स ने हरियाली की चादर बिछा दी है. अपनी मेहनत से हीरारतन ने इस इलाके को पेड़ों से पाट दिया है.
वैसे तो वृक्षारोपण और पर्यावरण को बचाने की बात तो लोग लाख करते हैं, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर होती है. सरकार भी योजनाएं चलाकर भूल जाती है और पेड़ों का जीवन बिन देख-रेख के खत्म हो जाता है. हीरारतन कहते हैं इन पेड़ों से उन्हें जिंदगी मिलती है और पेड़ों को देखकर उन्हें बहुत सुकून मिलता है.
कई तरह के पेड़ लगाए
इस सुंदर से लहलहाती बगीचे में लोगों के ऑक्सीजन के लिए हीरारतन ने हजारों पेड़ लगाए हैं, जिसमें बरगद, पीपल, आम, नीम, बेल, सीसम, अर्जुन, जामुन समेत कई फलदार पेड़ लगे हैं. हीरारतन कहते हैं एक पेड़ कई पुत्रों के बराबर है.
हीरारतन जैसे और लोगों की जरूरत
हीरारत्न किसान हैं, जिन्होंने बीए की पढ़ाई करने के बाद भी खेती किसानी और समाजसेवा को चुना. हीरारतन जैसे लोग आज समाज में एक मिसाल कायम कर रहे हैं और अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं. हमारी धरती को इनके जैसे और लोगों की जरूरत है.