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भाटापारा में जनेऊ संस्कार और श्री सहस्त्र चंडी यज्ञ का आयोजन

बसंत पंचमी के पावन अवसर पर श्री सहस्त्र चंडी यज्ञ और संत समागम कार्यक्रम आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में बटुकों का जनेऊ संस्कार भी किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया है.

shri sahastra chandi yagya and janeu sanskar
जनेऊ संस्कार और श्री सहस्त्र चंडी यज्ञ का आयोजन
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Published : Feb 16, 2021, 4:55 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 5:21 PM IST

बलौदाबाजार: भाटापारा में जन कल्याण की कामना करते हुए बसंत पंचमी के पावन अवसर पर श्री सहस्त्र चंडी यज्ञ और संत समागम का कार्यक्रम आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में बटुकों का जनेऊ संस्कार भी किया गया. पिछले 11 साल से यज्ञ और जनेऊ संस्कार का आयोजन किया जा रहा है. हालांकि कोरोना काल के चलते कई कार्यक्रम को इस साल स्थगित भी किया गया है.

जनेऊ संस्कार और श्री सहस्त्र चंडी यज्ञ का आयोजन

यज्ञ का कार्यक्रम भाटापारा नाका नंबर 1 यज्ञ स्थल पर 11 फरवरी से शुरू हुआ था. इसी कड़ी में मंगलवार को बसंत पंचमी के मौके पर करीब 31 बच्चों का उपनयन (जनेऊ) संस्कार किया गया. कार्यक्रम में भाटापारा, रायपुर, मुंगेली, पथरिया समेत दूसरे जिलों से भी पालकों ने अपने बच्चों का जनेऊ संस्कार कराया.

21 फरवरी तक होगा यज्ञ

श्री सहस्त्र चंडी यज्ञ 21 फरवरी तक चलेगा. जिसमें हर दिन यज्ञ के साथ हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, भजन संध्या और जगराता का कार्यक्रम किया जाएगा. इस कार्यक्रम का यह 11वां साल है. जिसे श्री पंचमुखी हनुमान यज्ञ आयोजक समिति भाटापारा आयोजित करता है. इस कार्यक्रम में हर वर्ग के लोग अपना सहयोग देते हैं.

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यज्ञ से शुद्ध होता है वातावरण

कन्हैया धर दीवान ने बताया कि यज्ञ करने से वातावरण शुद्ध होता है. नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. इस कार्यक्रम के जरिए बच्चों का जनेऊ संस्कार का कार्यक्रम किया जाता है. जिसमें बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी जाती है.

जनेऊ का महत्व

उन्होंने बताया कि जनेऊ के रूप में तीन धागा सिर्फ धागा नहीं होता है. ये धागा मातृ ऋण, पितृ ऋण और गुरु ऋण का प्रतीक होता है. जिसे बच्चों को शिक्षा दी जाती है कि इसे याद रखें और चुकाने का प्रयास करें.

बलौदाबाजार: भाटापारा में जन कल्याण की कामना करते हुए बसंत पंचमी के पावन अवसर पर श्री सहस्त्र चंडी यज्ञ और संत समागम का कार्यक्रम आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में बटुकों का जनेऊ संस्कार भी किया गया. पिछले 11 साल से यज्ञ और जनेऊ संस्कार का आयोजन किया जा रहा है. हालांकि कोरोना काल के चलते कई कार्यक्रम को इस साल स्थगित भी किया गया है.

जनेऊ संस्कार और श्री सहस्त्र चंडी यज्ञ का आयोजन

यज्ञ का कार्यक्रम भाटापारा नाका नंबर 1 यज्ञ स्थल पर 11 फरवरी से शुरू हुआ था. इसी कड़ी में मंगलवार को बसंत पंचमी के मौके पर करीब 31 बच्चों का उपनयन (जनेऊ) संस्कार किया गया. कार्यक्रम में भाटापारा, रायपुर, मुंगेली, पथरिया समेत दूसरे जिलों से भी पालकों ने अपने बच्चों का जनेऊ संस्कार कराया.

21 फरवरी तक होगा यज्ञ

श्री सहस्त्र चंडी यज्ञ 21 फरवरी तक चलेगा. जिसमें हर दिन यज्ञ के साथ हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, भजन संध्या और जगराता का कार्यक्रम किया जाएगा. इस कार्यक्रम का यह 11वां साल है. जिसे श्री पंचमुखी हनुमान यज्ञ आयोजक समिति भाटापारा आयोजित करता है. इस कार्यक्रम में हर वर्ग के लोग अपना सहयोग देते हैं.

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यज्ञ से शुद्ध होता है वातावरण

कन्हैया धर दीवान ने बताया कि यज्ञ करने से वातावरण शुद्ध होता है. नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. इस कार्यक्रम के जरिए बच्चों का जनेऊ संस्कार का कार्यक्रम किया जाता है. जिसमें बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी जाती है.

जनेऊ का महत्व

उन्होंने बताया कि जनेऊ के रूप में तीन धागा सिर्फ धागा नहीं होता है. ये धागा मातृ ऋण, पितृ ऋण और गुरु ऋण का प्रतीक होता है. जिसे बच्चों को शिक्षा दी जाती है कि इसे याद रखें और चुकाने का प्रयास करें.

Last Updated : Feb 16, 2021, 5:21 PM IST
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