बलौदाबाजार: पलारी विकासखंड के ग्राम पंचायत जारा में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत किए गए कामों में गड़बड़ी की शिकायत मिली है. इसे लेकर शनिवार को 4 सदस्यीय टीम ग्राम पंचायत जारा पहुंची. जांच दल ने शिकायत के आधार पर मौके का निरीक्षण किया. साथ ही सरपंच सचिव, शिकायतकर्ता और ग्रामीणों के सामने ही शिकायत बिंदु के आधार पर पूछताछ कर रिपोर्ट तैयार की गई. पूछताछ के दौरान मास्टर रोल में फर्जी नाम अंकित करने जैसी शिकायतें मिली है, जिसे लेकर जांच की जा रही है.
शिकायत पर पहले भी आ चुकी है जांच टीम: ग्राम पंचायत जारा में मनरेगा समेत ग्राम पंचायत में विकास कार्य के नाम पर लाखों रुपए के घोटाले की शिकायत भुनेश्वर वर्मा और पंचों ने की थी. इसे लेकर पहले भी दो बार जांच टीम जारा पहुंची थी, लेकिन ग्रामीणों के आपसी खींचतान के कारण जांच अधूरी रह गई. तीसरी बार फिर से जिला स्तरीय जांच दल का गठन किया गया, जिसमें जांच अधिकारी सहायक परियोजना अधिकारी केके साहू के नेतृत्व में 4 सदस्य टीम का गठन किया गया. जांच अधिकारी ने 4 बिंदुओं पर शिकायत मिलने की बात कही. साथ ही शिकायत के आधार पर मौके पर जाकर जांच की है. जॉब कार्ड में गड़बड़ी की बात को स्वीकारते हुए गांव में कैंप लगाकर जाब कार्ड की त्रुटियों को सुधारने की भी बात कही.
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60 लाख से ज्यादा के घोटाले का दावा: मनरेगा समेत ग्राम पंचायत जारा में वित्तीय घोटाले की जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता भुनेश्वर वर्मा ने बताया कि "जांच टीम शिकायत के आधार पर जांच कर रही है. लेकिन जांच संतुष्टिजनक नहीं होने पर आगे शिकायत की जाएगी." इसके साथ ही भुनेश्वर वर्मा ने सरपंच सचिव पर 60 लाख रुपए गबन करने का आरोप लगाया है. इसकी शिकायत एसडीएम कार्यालय में करने की भी जानकारी दी. भुनेश्वर वर्मा ने आरोप लगाया कि "सरपंच ने अपने ही बेटे को 6 लाख 44 हजार का वाउचर पेमेंट किया है, जो सीधा-सीधा धारा 40 का उल्लंघन है."
सरपंच ने आरोपों से किया इनकार: खुद पर लगे आरोपों को दरकिनार करते हुए वर्तमान सरपंच नारायण प्रसाद साव ने कहा कि "जांच टीम जो भी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, उसे माना जाएगा." 60 लाख रुपए गबन के मामले में शिकायतकर्ताओं को आरोप साबित करने की चुनौती देते हुए अपने बेटे के खाते में ट्रेडर्स के नाम से पैसा डालने की बात को स्वीकार किया.
फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर जांच टीम की रिपोर्ट पर प्रशासन क्या और किस के ऊपर कार्रवाई करता है यह तो रिपोर्ट सब्मिट होने के बाद ही पता चल पाएगा.