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बलौदाबाजार: प्रशासन ने बिना नोटिस तोड़ा घर, दुधमुंहा बच्चा लेकर भटक रहा परिवार

बिलाईगढ़ के भाटागांव में एक गरीब परिवार का मकान प्रशासन ने तोड़ दिया. प्रशासन का कहना है कि इस परिवार ने बेजा कब्जा कर मकान का निर्माण कराया था. ये टैक्स भी दे रहे थे. हालांकि खबर मीडिया में आने पर सीएमओ ने नगर पंचायत भवन में ठहरने का इंतजाम कराया है.

Administration breaks down the house
गरीब परिवार का मकान टूटा
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Published : Jun 10, 2020, 4:42 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 7:19 PM IST

बलौदाबाजार : पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है. केंद्र और राज्य सरकार लोगों से अपने घर में रहने की अपील कर रही है. प्रशासन हरसंभव मदद का दावा कर रहा है. लेकिन इसी बीच बिलाईगढ़ के भाटागांव में एक गरीब परिवार का मकान कब्जे की जमीन पर बताकर तुड़वा दिया गया. ये परिवार इस घर में 30 साल से रह भी रहा था और टैक्स भी दे रहा था. सिर से छत छिनने के बाद परिवार दरबदर भटकने को मजबूर हो गया. मामला मीडिया में आया तो नगर पंचायत सीएमओ ने ठहरने की व्यवस्था कराई है.

प्रशासन ने बिना नोटिस तोड़ा घर

बिलाईगढ़ ब्लॉक की नगर पंचायत भाटागांव के पास तालाब किनारे ये परिवार पिछले करीब 30 साल से रह रहा था. अब नगर पंचायत ने कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए बिना नोटिस जारी किए घर को तोड़ दिया. जिसकी वजह से ये परिवार भटकने को मजबूर हो गया है. फैमिली में एक दुधमुंहा बच्चा भी है.

पढ़ें- बलौदाबाजार: रोजगार सहायक पर रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप

मीडिया में बात सामने आने के बाद सीएमओ प्रदीप मिश्रा कहा कि जब तक गरीब परिवार के मकान का इंतजाम नहीं हो जाता, तब तक उन्हें अस्थायी रूप से नगर पंचायत भवन में ठहराया जाएगा. पीड़ित परिवार का कहना है कि नगर में बहुत लोगों ने बेजा कब्जा कर मकान निर्माण कराया है लेकिन सिर्फ गरीब के घर ही तोड़े जा रहे हैं.

'सिर्फ गरीब परिवारों के मकान तोड़े जा रहे'

इससे पहले बिलासपुर में भी अरपा नदी के किनारे सड़क निर्माण के लिए करीब 200 घर तोड़े गए हैं. इस मुश्किल वक्त में कई परिवारों का अपना बसा-बसाया आशियाना छोड़ना पड़ा है. जहां शिफ्ट किया गया है, वहां भी बिजली, पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं है.

बलौदाबाजार : पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है. केंद्र और राज्य सरकार लोगों से अपने घर में रहने की अपील कर रही है. प्रशासन हरसंभव मदद का दावा कर रहा है. लेकिन इसी बीच बिलाईगढ़ के भाटागांव में एक गरीब परिवार का मकान कब्जे की जमीन पर बताकर तुड़वा दिया गया. ये परिवार इस घर में 30 साल से रह भी रहा था और टैक्स भी दे रहा था. सिर से छत छिनने के बाद परिवार दरबदर भटकने को मजबूर हो गया. मामला मीडिया में आया तो नगर पंचायत सीएमओ ने ठहरने की व्यवस्था कराई है.

प्रशासन ने बिना नोटिस तोड़ा घर

बिलाईगढ़ ब्लॉक की नगर पंचायत भाटागांव के पास तालाब किनारे ये परिवार पिछले करीब 30 साल से रह रहा था. अब नगर पंचायत ने कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए बिना नोटिस जारी किए घर को तोड़ दिया. जिसकी वजह से ये परिवार भटकने को मजबूर हो गया है. फैमिली में एक दुधमुंहा बच्चा भी है.

पढ़ें- बलौदाबाजार: रोजगार सहायक पर रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप

मीडिया में बात सामने आने के बाद सीएमओ प्रदीप मिश्रा कहा कि जब तक गरीब परिवार के मकान का इंतजाम नहीं हो जाता, तब तक उन्हें अस्थायी रूप से नगर पंचायत भवन में ठहराया जाएगा. पीड़ित परिवार का कहना है कि नगर में बहुत लोगों ने बेजा कब्जा कर मकान निर्माण कराया है लेकिन सिर्फ गरीब के घर ही तोड़े जा रहे हैं.

'सिर्फ गरीब परिवारों के मकान तोड़े जा रहे'

इससे पहले बिलासपुर में भी अरपा नदी के किनारे सड़क निर्माण के लिए करीब 200 घर तोड़े गए हैं. इस मुश्किल वक्त में कई परिवारों का अपना बसा-बसाया आशियाना छोड़ना पड़ा है. जहां शिफ्ट किया गया है, वहां भी बिजली, पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं है.

Last Updated : Jun 10, 2020, 7:19 PM IST
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