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गरीब मां-बांप की फरियाद सुन लो सरकार, मृत बेटी को न्याय दिलाने भटक रहे दर-दर - पुलिस अधीक्षक

बलौदा बाजार में एक माता-पिता अपनी बेटी की मौत के बाद पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहे है.

मृतक बेटी के परिजन
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Published : Oct 25, 2019, 2:44 PM IST

बलौदा बाजार: कहते हैं कि कानून अंधा होता है. हमें हमेशा से यही सिखाया जाता है कि कानून की देवी अंधी इसलिए होती है ताकि वह हर दोषी को समान रूप से परख सकें. किसी की तरह उसका तनिक भी झुकाव या लगाव न हो, लेकिन जिले के मोहतरा गांव में माता- पिता अपने बेटी के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं और सभी जगह न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है.

गरीब मां-बांप की फरियाद सुन लो सरकार

मृतक जयंती के माता-पिता का आरोप है कि मोहतरा गांव से खजरी गांव में जयंती साहू की तीन महीने पहले शादी हुई थी. शादी के एक महीने बाद ही उसके पति कन्हैया साहू ने जयंती को दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद कई बार सामाजिक बैठक कर समस्या को सुलझाया भी गया था, लेकिन 3 महीने बाद ही जयंती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन बिलाईगढ़ पुलिस जयंती के हत्यारों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है. माता- पिता बेटी को न्याय दिलाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

मामले में अभी तक नहीं हुई है कार्रवाई
मामले में जयंती के पिता का कहना है कि वे तीन बार पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसलिए निराश होकर परिजनों ने कलेक्टर जनदर्शन में इसकी शिकायत की, लेकिन कलेक्टर ने मामले को पुलिस की कार्रवाई है कहकर परिजनों को वापस भेज दिया.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दिखाने का लगाया आरोप
परिजनों ने बिलाईगढ़ पुलिस पर पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं दिखाने का भी आरोप लगाया है. साथ ही परिजनों ने पुलिस पर यह भी आरोप लगाए है कि वे उन्हें यहां बार-बार आने के लिए मना करते हैं.

बलौदा बाजार: कहते हैं कि कानून अंधा होता है. हमें हमेशा से यही सिखाया जाता है कि कानून की देवी अंधी इसलिए होती है ताकि वह हर दोषी को समान रूप से परख सकें. किसी की तरह उसका तनिक भी झुकाव या लगाव न हो, लेकिन जिले के मोहतरा गांव में माता- पिता अपने बेटी के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं और सभी जगह न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है.

गरीब मां-बांप की फरियाद सुन लो सरकार

मृतक जयंती के माता-पिता का आरोप है कि मोहतरा गांव से खजरी गांव में जयंती साहू की तीन महीने पहले शादी हुई थी. शादी के एक महीने बाद ही उसके पति कन्हैया साहू ने जयंती को दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद कई बार सामाजिक बैठक कर समस्या को सुलझाया भी गया था, लेकिन 3 महीने बाद ही जयंती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन बिलाईगढ़ पुलिस जयंती के हत्यारों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है. माता- पिता बेटी को न्याय दिलाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

मामले में अभी तक नहीं हुई है कार्रवाई
मामले में जयंती के पिता का कहना है कि वे तीन बार पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसलिए निराश होकर परिजनों ने कलेक्टर जनदर्शन में इसकी शिकायत की, लेकिन कलेक्टर ने मामले को पुलिस की कार्रवाई है कहकर परिजनों को वापस भेज दिया.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दिखाने का लगाया आरोप
परिजनों ने बिलाईगढ़ पुलिस पर पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं दिखाने का भी आरोप लगाया है. साथ ही परिजनों ने पुलिस पर यह भी आरोप लगाए है कि वे उन्हें यहां बार-बार आने के लिए मना करते हैं.

Intro:बलोदा बाजार - कहते हैं कि कानून अंधा होता है. हमें हमेशा से यही सिखाया जाता है कि कानून की देवी अंधी इसलिए होती है ताकि वह हर दोषी को समान रुप से परख सके किसी की तरह उसका तनिक भी झुकाव या लगाव ना हो। लेकिन बलोदा बाजार जिले के मोहतरा गांव के एक माता पिता अपने बेटी के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए दरबदर भटक रही है और सभी जगह न्याय कि गुहार लगा रही है। लेकिन उनके सुनने वाला कोई नहीं है।


Body:बलोदा बाजार जिले के मोहतरा गांव से खजरी गांव में जयंती साहू की तीन माह पहले शादी हुई थी। जयंती के माता-पिता बतलाते हैं कि शादी के 1 माह बाद ही उसके पति कन्हैया साहू ने जयंती को दहेज के नाम से प्रताड़ित करना चालू कर दिया था। जिसके बाद कई बार सामाजिक बैठक कर समस्या को सुलझाया गया था। लेकिन 3 माह होने के पश्चात जयंती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। जिसके बाद परिजनों ने उसके ससुराल पक्ष के ऊपर जयंती के हत्या का आरोप लगाया था लेकिन बिलाईगढ़ पुलिस इस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है. माता पिता अपने बेटी को न्याय दिलाने के लिए दरबदर भटक ने को मजबूर है। जयंती के पिता का कहना है कि वह तीन बार पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर चुकी है। लेकिन अभी तक कोई कारवाही नहीं की गई है । इसलिए निराश होकर परिजन ने कलेक्टर जनदर्शन में भी शिकायत किया। लेकिन कलेक्टर साहब ने यह पुलिस की कारवाई है कह कर वापस भेज दिया। जिसके बाद निराश होकर परिजन वापस लौट गए। परिजनों ने आरोप लगाया है कि बिलाईगढ पुलिस ने पोस्टमार्टम की भी रिपोर्ट नहीं दिखाती और यहा बार-बार मत आया करो कहती है। अब इस माता पिता ने सच में समझ लिया है कि कानून अंधा होता है. और न्याय की उम्मीद पुरी तरह से टुट चुकी है।




Conclusion:अब देखने वाली बात होगी कि इस माता पिता को क्या इंसाफ मिल पाता है.

बाइट - जयंती की मां

बाइट - जयंती के पिता
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