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झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने ले ली एक व्यक्ति की जान !

बलौदा बाजार के कसडोल थाना क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से एक व्यक्ति की जान चली गई. वहीं जिम्मेदार मामले की जानकारी न होने की बात कह अपना पल्ला झाड़ रहे हैं.

इसी क्लिनिक में हुई है मौत
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Published : Aug 21, 2019, 5:29 PM IST

बलौदा बाजार: बाया में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही की वजह से एक व्यक्ति की जान चली गई. घटना के बाद आरोपी डॉक्टर क्लिनिक बंद कर फरार है. वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि मामले की जानकारी उन्हें नहीं है, अगर पीड़ित परिवार की शिकायत मिलती है तो वे आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत!

बताया जा रहा है, बाया इलाके के कुर कुटी गांव का कन्हैया बरही बाया में एक डॉक्टर रोशन रात्रे से कंधे पर हुए मस्से का इलाज करा रहा था. इसी दौरान डॉक्टर रोशन रात्रे ने इलाज के नाम पर उसके कंधे के मस्से को काट कर अलग कर दिया. उस दिन डॉक्टर ने कन्हैया को पट्टी बांध और कुछ दवा देकर घर भेज दिया और अगले दिन पट्टी बदलने के लिए फिर से बुलाया था.

इंजेक्शन लगाने के बाद मौत
दूसरे दिन जब कन्हैया पट्टी बदलवाने गया, तो डॉक्टर रोशन लाल ने पट्टी बदलने के बाद उसे एक इंजेक्शन लगाय. जिसके कुछ देर बाद कन्हैया अचानक बेहोश हो गया. बताते है, बेहोशी की हालत में ही कन्हैया की मौत हो गई. इसके बाद आरोपी डॉक्टर ने किसी के माध्यम से कन्हैया के घर वालों को इसकी सूचना दी और कन्हैया को क्लिनिक से ले जाने को कहा.

घटना के बाद से डॉक्टर फरार
सूचना के बाद मौके पर पहुंचे कन्हैया के परिजन क्लिनिक से कन्हैया का शव लेकर आ गए. बताते हैं, इस दौरान गांव के कुछ लोगों ने कन्हैया के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने दिया और बिना पोस्टमार्टम के ही उसका अंतिम संस्कार करा दिया. इधर, घटना के बाद से आरोपी डॉक्टर क्लिनिक बंद कर फरार है. वहीं अब कन्हैया का बेटा मामले में न्याय की मांग कर रहा है. बताया जा रहा है कि इस क्लिनिक को पहले भी बंद किया जा चुका है.

जिम्मेदारों को कोई जानकारी नहीं
इधर, मामले में बया चौकी प्रभारी का कहना है कि मृतक के परिजनों ने कोई केस दर्ज नहीं कराई है. वहीं कसडोल के एसडीएम का कहना है कि सील क्लिनिक को फिर से कैसे खोला गया इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. जबकि क्लिनिक को सील करते वक्त ये वहां मौजूद थे. मामले में कसडोल के बीएमओ सीएस पैकरा का कहना है कि उन्हें इलाके में अवैध क्लिनिक संचालन की कोई जानकारी नहीं है और वे अब मामले की जांच करा आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.

बलौदा बाजार: बाया में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही की वजह से एक व्यक्ति की जान चली गई. घटना के बाद आरोपी डॉक्टर क्लिनिक बंद कर फरार है. वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि मामले की जानकारी उन्हें नहीं है, अगर पीड़ित परिवार की शिकायत मिलती है तो वे आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत!

बताया जा रहा है, बाया इलाके के कुर कुटी गांव का कन्हैया बरही बाया में एक डॉक्टर रोशन रात्रे से कंधे पर हुए मस्से का इलाज करा रहा था. इसी दौरान डॉक्टर रोशन रात्रे ने इलाज के नाम पर उसके कंधे के मस्से को काट कर अलग कर दिया. उस दिन डॉक्टर ने कन्हैया को पट्टी बांध और कुछ दवा देकर घर भेज दिया और अगले दिन पट्टी बदलने के लिए फिर से बुलाया था.

इंजेक्शन लगाने के बाद मौत
दूसरे दिन जब कन्हैया पट्टी बदलवाने गया, तो डॉक्टर रोशन लाल ने पट्टी बदलने के बाद उसे एक इंजेक्शन लगाय. जिसके कुछ देर बाद कन्हैया अचानक बेहोश हो गया. बताते है, बेहोशी की हालत में ही कन्हैया की मौत हो गई. इसके बाद आरोपी डॉक्टर ने किसी के माध्यम से कन्हैया के घर वालों को इसकी सूचना दी और कन्हैया को क्लिनिक से ले जाने को कहा.

घटना के बाद से डॉक्टर फरार
सूचना के बाद मौके पर पहुंचे कन्हैया के परिजन क्लिनिक से कन्हैया का शव लेकर आ गए. बताते हैं, इस दौरान गांव के कुछ लोगों ने कन्हैया के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने दिया और बिना पोस्टमार्टम के ही उसका अंतिम संस्कार करा दिया. इधर, घटना के बाद से आरोपी डॉक्टर क्लिनिक बंद कर फरार है. वहीं अब कन्हैया का बेटा मामले में न्याय की मांग कर रहा है. बताया जा रहा है कि इस क्लिनिक को पहले भी बंद किया जा चुका है.

जिम्मेदारों को कोई जानकारी नहीं
इधर, मामले में बया चौकी प्रभारी का कहना है कि मृतक के परिजनों ने कोई केस दर्ज नहीं कराई है. वहीं कसडोल के एसडीएम का कहना है कि सील क्लिनिक को फिर से कैसे खोला गया इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. जबकि क्लिनिक को सील करते वक्त ये वहां मौजूद थे. मामले में कसडोल के बीएमओ सीएस पैकरा का कहना है कि उन्हें इलाके में अवैध क्लिनिक संचालन की कोई जानकारी नहीं है और वे अब मामले की जांच करा आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.

Intro:
बलौदाबाजार :- गलत इलाज के चलते फिर एक बार झोलाछाप डॉक्टर ने वन विभाग के दैनिक भोगी कर्मचारी की बेवक्त ले ली जान जी हां बात कर रहे हैं बलौदाबाजार जिले के ग्राम कुर कुटी निवासी कन्हैया बरही की जिनका इलाज बया में अवैध रूप से चला रहे क्लिनिक के संचालक रोशन रात्रे की गलत इलाज के चलते एक परिवार के कमावु व्यक्ति को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा ।।

Body:झोलाछाप डाक्टरो की गलत इलाज के चलते हो रहे अकाल मौत को रोकने शासन प्रशासन बीच बीच पर कार्यवाही करते आ रही लेकिन कार्यवाही दिखावे मात्र बन कर रह गई पूर्व में कुछ महीने पहले ही कसडोल में भी एसडीएम राजपूत और तहसीलदार सिन्हा की टीम ने कसडोल के कुछ अवैध क्लिनिक में न सिर्फ छापे मारी की गई बल्कि बकायदा दुकानों में सील भी लगाया गया पर फर्जी डॉक्टर ऐसा कौन सा इलाज अधिकारियो का करते है जिसके चलते पहले की तरह सुचारू रूप से फिर खुलता हैं और पुनः इलाज के नाम फर्जी डॉक्टर कभी मोटी रकम वसूली करते हैं तो कभी मरीजो का जान तक लेने से नही चूकते ऐसे में शासन प्रसाशन मुखदर्शी मात्र बन कर रह जाते है ।। वनोपज जांच नाका में पदस्थ दैनिक भोगी कर्मचारी ग्राम कुरकुटी निवासी कन्हैया बरिहा के कंधे में मस्सा हो गया था जो समय के हिसाब से बढ़ रहा था जिसके इलाज के लिए उन्होंने क्षेत्र के महसूर झोलाछाप फर्जी डॉक्टर रोशन रात्रे को चुना जिनका फर्जी दवाखाना बया में खोल रखा है, रोशन ने इलाज के नाम कन्हैया के मस्से को काट दिया और पट्टी कर घर भेज दिया और ठीक दूसरे दिन फिर पट्टी इंजेक्शन के लिए बुलाया दरअसल रोशन रात्रे पीड़ित का इलाज के नाम मोटी रकम लूट रहा था जिसे कन्हैया ने भांप नही पाया और दूसरे दिन अकेले ही क्लिनिक चला गया जहाँ मौजूद रोशन रात्रे के इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद ही बरिहा बिहोश हो गया और उसकी मौत हो गई जिसकी जानकारी दूसरे के माध्यम से परिजनो को दिया गया कि पीड़ित बिहोश हो गया हैं लेकिन कन्हैया का बेटा गांव के कुछ लोगो के साथ क्लिनिक पहुँचा तो उनके पिता की मृत्यु हो चुकी थी और डॉक्टर ने उन्हें ले जाने कह दिया मृतक के परिजनों ने मामले की रिपोर्ट और पोस्टमार्टम करानी चाही तो गांव के सत्तापक्ष के दबंगो द्वारा मना कर दिया गया, जिसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार परिजनों द्वारा कर दिया गया लेकिन बड़ी बात ये हैं घटना दिनांक जिस दिन कन्हैया की मृत्यु हुई उसके बाद से ही रोशन रात्रे अपनी दुकान पर ताला जड़ फरार हैं ।। समझ से परे अगर रोशन निर्दोष हैं तो फरार क्यों हैं आखिर किस लिए कुछ लोगो द्वारा बरिहा परिवार को पीएम और पुलिस रिपोर्ट से रोका गया, समय रहते अधिकारी इस झोलाछाप डॉक्टर पर कार्यवाही कर क्लिनिक बन्द करा दी जाए रहती तो आज बरिहा परिवार का मुख्या कन्हैया जिंदा होता, आज भी ऐसे कई झोलाछाप डाक्टरो की क्लिनिक फिर खुल चुकी हैं जिनका कुछ महीने पहले ही कार्यवाही की गई थी साथ दुकान सील भी किए गए जब ऐसे फर्जी डाक्टरो की चलनी ही थी सील और कार्यवाही का दिखावा क्यों या फिर शासन प्रशासन को अपने जिम्मेदार डाक्टरो और अस्पताल पर भरोसा ही नही ।

Conclusion:मामले के लिए सबसे पहले बया चौकी प्रभारी से बात किए जाने पर कहा गया थाने में ये मामला परिजन द्वारा दर्ज ही नही कराई गई हैं, बिलाईगढ़, कसडोल एसडीएम से सील बन्द क्लिनिक पुनः चालू होने की बात पर उन्होंने कहा मामले की जानकारी उन्हें है ही नही जबकि सील इन्ही अधिकारियों के मौजुदगी में हुई थी अंत मे जब हम कसडोल के बीएमओ सी.एस. पैकरा से बात किए तो उन्होंने भी यही कहा कि उन्हें जानकारी नही की बया में ऐसा कोई अवैध क्लिनिक चल रहा हैं और नही मृतक की भी कोई सूचना मिली हैं. जानकारी लेकर कार्यवाही किया जायेगा.


बाइट 01 :- हीरा लाल बरिहा - मृतक का बेटा

बाइट 02 :- गोवर्धन प्रधान - मृतक का पड़ोसी
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