ETV Bharat / state

कसडोल नगर पंचायत: लाखों खर्च करने के बाद भी एक गार्डन तक नहीं बना पाई नगर सरकार

कुश की नगरी कसडोल 2003 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई. 2004 में यहां पहली बार चुनाव हुआ. जिसमें बीजेपी की श्यामा बाई साहू नगर पंचायत की पहली महिला अध्यक्ष बनी. कसडोल नगर पंचायत में कुल 15 वार्ड है. 2011 की जनगणना के मुताबिक नगर पंचायत की कुल जनसंख्या 14071 है.

kasdol nagar panchayat
author img

By

Published : Oct 19, 2019, 11:20 PM IST

बलौदा बाजार: कुश की नगरी कसडोल 2003 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई. 2004 में यहां पहली बार निकाय चुनाव हुआ. जिसमें बीजेपी की श्यामा बाई साहू नगर पंचायत की पहली महिला अध्यक्ष बनी. वर्तमान में नगर पंचायत में अध्यक्ष पद को ओबीसी महिला के लिए आरक्षित किया गया है.

लाखों खर्च करने के बाद एक एक गार्डन तक नहीं बना पाई सरकार

कसडोल नगर पंचायत में कुल 15 वार्ड है. 2011 की जनजणना के मुताबिक नगर पंचायत की कुल जनसंख्या 14071 हैं. वहीं 2014 के चुनाव के अनुसार यहां 11516 मतदाता हैं. इसमें 5632 महिला और 5884 पुरुष मतदाताओं की संख्या है.

स्थानीय बताते हैं, निकाय स्तर पर यहां कोई काम नहीं हुआ है. हालांकि कसडोल के पूर्व विधायक गौरीशंकर अग्रवाल के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद यहां कुछ विकास हुए थे. वहीं वर्तमान अध्यक्ष योगेश बंजारे पर भ्रष्टाचार का आरोप भी खूब लगे हैं.

कसडोल नगर पंचायत में लाखों रुपये खर्च करने के बाद आज भी नगर का एकमात्र गार्डन का काम अधूरा पड़ा है. कसडोल नगर के प्रमुख मार्ग जिसमें कसडोल का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, महाविद्यालय, बिजली ऑफिस, बीएसएनएल ऑफिस और गार्डन को एक दूसरे से जोड़ती है, जर्जर हो चुकी है. आसपास के गांवों को शहर से जोड़ने वाली सड़कों का हाल भी बेहाल है. वर्षों से इन सड़कों के मरम्मत की मांग स्थानीय करते आ रहे हैं, लेकिन नगर पंचायत अध्यक्ष इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

बलौदा बाजार: कुश की नगरी कसडोल 2003 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई. 2004 में यहां पहली बार निकाय चुनाव हुआ. जिसमें बीजेपी की श्यामा बाई साहू नगर पंचायत की पहली महिला अध्यक्ष बनी. वर्तमान में नगर पंचायत में अध्यक्ष पद को ओबीसी महिला के लिए आरक्षित किया गया है.

लाखों खर्च करने के बाद एक एक गार्डन तक नहीं बना पाई सरकार

कसडोल नगर पंचायत में कुल 15 वार्ड है. 2011 की जनजणना के मुताबिक नगर पंचायत की कुल जनसंख्या 14071 हैं. वहीं 2014 के चुनाव के अनुसार यहां 11516 मतदाता हैं. इसमें 5632 महिला और 5884 पुरुष मतदाताओं की संख्या है.

स्थानीय बताते हैं, निकाय स्तर पर यहां कोई काम नहीं हुआ है. हालांकि कसडोल के पूर्व विधायक गौरीशंकर अग्रवाल के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद यहां कुछ विकास हुए थे. वहीं वर्तमान अध्यक्ष योगेश बंजारे पर भ्रष्टाचार का आरोप भी खूब लगे हैं.

कसडोल नगर पंचायत में लाखों रुपये खर्च करने के बाद आज भी नगर का एकमात्र गार्डन का काम अधूरा पड़ा है. कसडोल नगर के प्रमुख मार्ग जिसमें कसडोल का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, महाविद्यालय, बिजली ऑफिस, बीएसएनएल ऑफिस और गार्डन को एक दूसरे से जोड़ती है, जर्जर हो चुकी है. आसपास के गांवों को शहर से जोड़ने वाली सड़कों का हाल भी बेहाल है. वर्षों से इन सड़कों के मरम्मत की मांग स्थानीय करते आ रहे हैं, लेकिन नगर पंचायत अध्यक्ष इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

Intro:नगर पंचायत कसडोल परिचय - कुश की नगरी कसडोल 2003 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आया. वर्ष 2004 मैं यहां पहली बार चुनाव हुए जिसमें बीजेपी की श्यामा बाई साहू ने कांग्रेसी जानकीबाई मानिकपुरी को हराकर नगर पंचायत की पहली महिला अध्यक्ष बनी. 15 वार्ड के इस नगर पंचायत की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 14071 थी. और 2014 के चुनाव के अनुसार यहां 11516 मतदाता है जिसमें 5632 महिला तो 5884 पुरुष मतदाता है. नगर में समस्याओं की कोई कमी नहीं है. वर्तमान में सीटों के आरक्षण के बाद यह नगर पंचायत ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हो गया है




Body:मुद्दे - कसडोल के पूर्व विधायक गौरीशंकर अग्रवाल के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद यहां विकास तो हुए लेकिन वर्तमान निर्दलीय अध्यक्ष योगेश बंजारे पर भ्रष्टाचार का आरोप भी खूब लगा. कसडोल नगर पंचायत में हुए विकास कार्यों पर कसडोल के नागरिक जांच की मांग करते आ रहे हैं.


समस्या - कसडोल नगर पंचायत में लाखों रुपए खर्च करने के बाद आज भी नगर का एकमात्र गार्डन का काम आज भी अधूरा पड़ा है और इसका लाभ आम नागरिकों को नहीं मिल पा रहा है कसडोल नगर के प्रमुख मार्ग जिसमें कसडोल का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,महाविद्यालय, बिजली ऑफिस, बीएसएनएल ऑफिस और गार्डन के साथ आसपास के गांव को जोड़ने वाली कसडोल मोहतरा सड़क खस्ताहाल स्थिति में है. जिसको बनवाने की पहल आज तक किसी के द्वारा नहीं की गई. इस रास्ते में रोज हजारों लोग गुजरते हैं जिन्हें रोज समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है कसडोल नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला डॉक्टर की कमी है ब्लड स्टोरेज सेंटर का संचालन और स्टाफ की कमी सबसे बड़ी समस्या है

प्रमुख दावेदार :- कसडोल नगर पंचायत के ओबीसी महिला के लिए आरक्षित होने के बाद यहां दावेदार सक्रिय हो गए हैं. अगर बात की जाए बीजेपी की तो सबसे पहले नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष श्यामा बाई साहू का नाम सबसे पहले आता है इसके साथ ही बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष राजकुमार जयसवाल की धर्मपत्नी श्रीमती गोमती जयसवाल का भी तेजी से नाम सामने आ रही है अगर बात की जाए कांग्रेस की तो कांग्रेसमें नीलू चंदन साहू निर्मला साहू शांति कमलेश साहू और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पदमा अशोक यादव का नाम शामिल है


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.