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नगर पंचायत लवन: 16 साल हो गए नगर पंचायत बने, समस्याएं आज भी जस की तस

ऐतिहासिक शहर होने के बावजूद शहर में समस्याओं का अंबार है. शुरू से ही नगर पंचायत के अध्यक्ष पर लापरवाही और काम न करने का आरोप लगता रहा है. लवन को ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बने 16 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी नगर पंचायत की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं.

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Published : Oct 22, 2019, 11:06 PM IST

Updated : Oct 23, 2019, 11:55 AM IST

Nagar Panchayat

बलौदा बाजार: मां महामाया और लव की नगरी लवन 2003 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई. लवन नगर की कुल जनसंख्या 8984 है. वहीं 2014 में हुए चुनाव के अनुसार नगर में कुल 6506 मतदाता हैं. जिसमें 3334 महिला और 3172 पुरुष मतदाताओं की संख्या है. नगर पंचायत लवन में पहली बार प्रत्यक्ष चुनाव 2004 में हुआ था. इस बार नगर पंचायत में अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है.

16 साल हो गए नगर पंचायत बने, समस्याएं आज भी जस की तस

लवन नगर पंचायत में हर बार की तरह इस बार भी विकास का मुद्दा हावी है. ऐतिहासिक शहर होने के बावजूद शहर में समस्याओं का अंबार है. शुरू से ही नगर पंचायत के अध्यक्ष पर लापरवाही और काम न करने का आरोप लगता रहा है. लवन को ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बने 16 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी नगर पंचायत की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं.

लवन नगर पंचायत में अगर समस्याओं की बात की जाए तो यहां समस्याओं की एक लंबी लिस्ट है. लवन नगर की सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी का है. नगर में गर्मी से पहले ही पानी की किल्लत हो जाती है. नगर में पानी आपूर्ति के लिए बनने वाला इंटकवेल वर्षों से अधूरा पड़ा है. लवन नगर में बरसात के समय पानी निकासी नहीं होने से नगर की गलियां कीचड़ और दलदल से भरा रहता है. नगर के तालाबों की साफ-सफाई नहीं होने से नगर की बड़ी आबादी के सामने निस्तार की समस्या है. लवन नगर की गलियों में सीसी रोड का निर्माण नहीं हो पाया है. बलौदा बाजार और गिधौरी मार्ग के बन जाने के बाद लवन में सड़क दुर्घटना एकाएक बढ़ गई है.

बलौदा बाजार: मां महामाया और लव की नगरी लवन 2003 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई. लवन नगर की कुल जनसंख्या 8984 है. वहीं 2014 में हुए चुनाव के अनुसार नगर में कुल 6506 मतदाता हैं. जिसमें 3334 महिला और 3172 पुरुष मतदाताओं की संख्या है. नगर पंचायत लवन में पहली बार प्रत्यक्ष चुनाव 2004 में हुआ था. इस बार नगर पंचायत में अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है.

16 साल हो गए नगर पंचायत बने, समस्याएं आज भी जस की तस

लवन नगर पंचायत में हर बार की तरह इस बार भी विकास का मुद्दा हावी है. ऐतिहासिक शहर होने के बावजूद शहर में समस्याओं का अंबार है. शुरू से ही नगर पंचायत के अध्यक्ष पर लापरवाही और काम न करने का आरोप लगता रहा है. लवन को ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बने 16 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी नगर पंचायत की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं.

लवन नगर पंचायत में अगर समस्याओं की बात की जाए तो यहां समस्याओं की एक लंबी लिस्ट है. लवन नगर की सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी का है. नगर में गर्मी से पहले ही पानी की किल्लत हो जाती है. नगर में पानी आपूर्ति के लिए बनने वाला इंटकवेल वर्षों से अधूरा पड़ा है. लवन नगर में बरसात के समय पानी निकासी नहीं होने से नगर की गलियां कीचड़ और दलदल से भरा रहता है. नगर के तालाबों की साफ-सफाई नहीं होने से नगर की बड़ी आबादी के सामने निस्तार की समस्या है. लवन नगर की गलियों में सीसी रोड का निर्माण नहीं हो पाया है. बलौदा बाजार और गिधौरी मार्ग के बन जाने के बाद लवन में सड़क दुर्घटना एकाएक बढ़ गई है.

Intro:नगर पंचायत परिचय लवन - मां महामाया और लव की नगरी लवन 2003 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आया.मां महामाया की इस नगरी में आज भी मुद्दों और समस्याओं की कोई कमी नहीं है. लवन नगर की 2011 के जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 8984 है और 2014 में हुए चुनाव के अनुसार कुल मतदाता 6506 है जिसमें 3334 महिला और 3172 पुरुष मतदाता है. नगर पंचायत लवन में पहली बार प्रत्यक्ष चुनाव 2004 में हुआ. जिसमें बीजेपी की ज्योति लता खोटेश्वर ने कांग्रेस की रंजना बारवे को हराया था. जिसके बाद 2009 में निर्दलीय प्रत्याशी मिलाप राम देवदास और 2014 में बसपा के डेरहा डेहरिया नगर पंचायत अध्यक्ष बने. इस बार नगर पंचायत अजा महिला के लिए आरक्षित है.

वर्तमान में नगर अध्यक्ष - डेरहा डहरिया


Body:मुद्दा - लवन नगर पंचायत में हर बार की तरह इस बार भी विकास का मुद्दा एक बार फिर गूंजने वाला है. लवन को ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बने 16 साल हो गए हैं. लेकिन आज भी नगर पंचायत की समस्याएं जस की तस बनी हुई है. नगर पंचायत में विकास की बात की जाए तो यहां विकास नाम मात्र का ही हुआ है.

समस्या - लवन नगर पंचायत में अगर समस्याओं की बात की जाए तो यहां समस्याओं की लंबी सूची है. लवन नगर की सबसे बड़ी समस्या पीने का साफ पानी है. लवन नगर में गर्मी से पहले ही पानी की किल्लत हो जाती है. जिससे पानी टैंकरों के सामने पानी के लिए मारामारी मच जाती है. नगर में पानी आपूर्ति के लिए बनने वाला इंटकवेल सालों से अधूरा पड़ा है. लवन नगर में बरसात के समय पानी निकासी नहीं होने से नगर की गलियां कीचड़ और दलदल से भरा रहता है. और नगर के तालाबों की साफ-सफाई नहीं होने से नगर की बड़ी आबादी के सामने निस्तार की समस्या खड़ी हो जाती है. लवन नगर मां महामाया की नगरी होने के बाद भी नगर की गलियों में सीसी रोड का निर्माण नहीं हो पाया है. बलौदा बाजार और गिधौरी मार्ग के बन जाने के बाद लवन में सड़क दुर्घटना एकाएक बढ़ गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह नगर में थोड़ा मार्ग से बने प्रतीक्षा बस स्टैंड का निर्माण के बाद भी शुरू नहीं होने से खंडहर में तब्दील हो गया है. और जिसकी वजह से नगर से गुजरने वाली बसें मुख्य मार्ग के किनारे ही खड़ी होती है. जिससे मार्ग सकरा हो जाता है. इतना ही नहीं रिंग रोड नहीं होने से बलोदा बाजार गिधौरी मार्ग में चलने वाला भारी वाहन नगर के बीच से होकर गुजरती है.जिससे लवन में सड़क हादसे बढ़ जाते हैं.


प्रबल दावेदार - लवन नगर पंचायत के अजा महिला के लिए आरक्षित होने के बाद यहां दावेदार सक्रिय हो गए हैं. अगर बात की जाए बसपा की तो यहां वर्तमान अध्यक्ष के भाभी बीरझा डहरिया बीएसपी से चुनाव लड़ेगी. बात की जाए कांग्रेश से तो यहां कांति मनहरे, अनिता जगजीवन नारंगे, दीपमाला विनोद अनंत. अगर बात की जाए भाजपा से तो यहां मीना बिहारी बारवे, मीना देवी सहदेव जोशी प्रत्याशी के रूप में नजर आ रहे हैं.


Conclusion:
Last Updated : Oct 23, 2019, 11:55 AM IST
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