भाटापारा/बलौदाबाजार : भाटापारा के बोरसी में दूसरे राज्यों से आए 22 मजदूर क्वॉरेंटाइन हैं. जिनके रहने खाने की व्यवस्था को लेकर पंचायत ने हाथ खड़े कर दिए हैं. पंचायत मजदूरों के लिए खाने तक की व्यवस्था नहीं कर पा रही है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में न तो खाना बनाने के लिए लकड़ी और कंडे हैं और न ही गर्मी से बचने के लिए कोई सुविधा. मजदूरों को खाने में सड़ी हुई सब्जियां परोसी जा रही हैं.
वहीं सरपंच का कहना है कि सभी के रहने के लिए उचित इंतजाम किए गए हैं. बता दें कि भाटापारा के बोरसी गांव में स्कूल को क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में तैयार किया गया है. जहां लगभग 22 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है. वहीं पंचायत को इनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन इस गांव में मजदूरों के साथ एक अलग ही व्यवहार देखने को मिला. जिस स्कूल में इन मजदूरों को रखा गया था, वहां मजदूरों को चावल-दाल तो दिया गया. लेकिन खाना बनाने को लकड़ी नहीं दी गई. खाने के लिए सब्जियां दी गई, वो भी सड़ी हुई.
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बिजली की अव्यवस्था की वजह से मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में गर्मी में रहने को मजबूर हैं. असुविधाओं पर मजदूरों का कहना है कि 'उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मन होता है कि इस क्वॉरेंटाइन सेंटर से भाग जाएं'
ग्राम पंचायत के पास क्वारेंटाइन सेंटर की जिम्मेदारी
मजदूरों की समस्याओं के सवाल पर सरपंच लेमना ध्रुव से जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं. बता दें कि लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गांव लौट रहे हैं. जिन्हें शासन-प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन रहने के निर्देश दिए हैं.