बलौदाबाजार : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 'नरवा, गरुवा, घुरुवा अउ बारी' जैसे महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ कर राज्य के विकास में नई पहल की शुरुआत की थी, लेकिन जिले के जिम्मेदार अधिकारी इन योजनाओं को लेकर कितने गंभीर हैं, इसका ताजा मामला अर्जुनी ग्राम पंचायत में देखने को मिल रहा है, जहां अधिकारियों ने लोकार्पण के मायने ही बदल दिए हैं.
1 अगस्त को हरेली त्योहार के दिन राज्य में सभी जिलों के गौठानों का लोकार्पण किया गया, लेकिन यहां अधूरे गौठान का लोकार्पण कर जिले के अधिकारी अपनी पीठ थप-थपा रहे हैं और अभी इस गौठान का सिर्फ 25 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है.
योजना का है बुरा हाल
'छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी- नरवा, गरुवा, घुरुवा अउ बारी' का नारा राज्य में जोर-शोर से चल रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को गति देने के लिए इस महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की गई है. मुख्यमंत्री ने इस योजना पर अधिकारियों को गंभीरता से काम करने के लिए निर्देशित किया है, लेकिन जिले में इसका बुरा हाल है.
4 लाख 22 हजार रुपए का हुआ है काम
अर्जुनी ग्राम पंचायत में आवारा पशुओं के रहने और चारे की व्यवस्था के लिए 21 लाख 22 हजार रुपए में गौठान निर्माण की स्वीकृति हुई है. इस गौठान में अभी सिर्फ 4 लाख 22 हजार रुपयों का काम ही पूरा हो पाया है. इसके बाद भी 1 अगस्त को छत्तीसगढ़ के पहले त्योहार हरेली के दिन आनन-फानन में इस गौठान का लोकार्पण कर दिया गया.
'योजना पूरी तरह से है फ्लॉप'
अधूरे गौठान का लोकार्पण हो जाने से जहां एक तरफ ग्रामीणों में आक्रोश है, तो वहीं दूसरी तरफ बलौदाबाजार विधानसभा से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़- जे के विधायक प्रमोद शर्मा ने गौठान लोकार्पण को लेकर कहा है कि, 'शासन की सोच अच्छी है, लेकिन ये योजना पूरी तरह से फ्लॉप है.' ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि निर्माण कार्य पूरा होने से पहले लोकार्पण हो चुके इस गौठान को कब तक बनाया जाएगा.