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महिला अफसर ने नौकरी का झांसा देकर बेरोजगारों से ठगे 15 करोड़, शिकायत दर्ज होते ही फरार

बलौदाबाजार में महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला अधिकारी पर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर पढ़े-लिखे लोगों से ठगी करने के आरोप लगे हैं.

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महिला अधिकारी फरार
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Published : Jul 26, 2020, 1:34 PM IST

बलौदाबाजार: महिला एवं बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक और पुलिस भर्ती में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर गांव के युवकों, महिलाओं सहित शहर के पढ़े-लिखे 200 से ज्यादा लोगों से 15 से 20 करोड़ की ठगी करने का मामला सामने आया है. महिला एवं बाल विकास विभाग की पूर्व महिला पर्यवेक्षक मेवा चोपड़ा के खिलाफ 17 लोगों ने शिकायत की है. लोगों का आरोप है कि शिकायत देने के बाद भी पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की है.

ठगी की आरोपी फरार
शुक्रवार को महिला अपने किराए के मकान से सामान समेटकर फरार हो गई. महिला अधिकारी लगभग 15 साल से महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ थी. डेढ़ साल पहले ही उसका ट्रांसफर बस्तर के सुकमा में हुआ था, लेकिन उसने वहां ज्वाइनिंग नहीं ली, जिसके बाद से उसे सस्पेंड कर दिया गया था.

पीड़ितों को दी धमकी

पीड़ित और आरोपी महिला के बीच हुए नकद लेनदेन का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. लेन-देन की बातचीत की पूरी क्लीपिंग भी प्रार्थियों ने पुलिस को सौंप दी है. पीड़ित ने यह भी बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान आरोपी महिला अधिकारी ने यह भी कहा कि अगर मैं फंसी तो अपने साथ शामिल सभी नेताओं और अधिकारियों को भी बेनकाब कर दूंगी.

baloda bazar female officer abscond
FIR की कॉपी

पढ़ें- जांजगीर-चांपा: पति ने धारदार हथियार से पत्नी को उतारा मौत के घाट, आरोपी गिरफ्तार


कई बड़े अधिकारी इस धांधली में मौजूद

7 साल पहले भी आरोपी महिला पर आंगनबाड़ी में लेन-देन कर नियुक्ति करने का आरोप लग चुका है. आरोपी महिला अपने एक साथी अशोक पांडे के जरिए से भी कई लेन देन करवाए हैं, जिसे वह IAS अफसर बताती है. पीड़ित सरोज वर्मा, ममता निर्मलकर, राजेश्वरी धुव, ईश्वरी बंजारा, यात्री धृतलहरे, अंजली पाणीग्राही, रोशनी पाढ़ी, रामबाई सोनवानी, डिगेश्वरी साहू, लता बांधे, जानकी बंजारे, ललिता डहरिया, प्रभा मिरी, चुन्नी वर्मा ने सिटी कोतवाली थाने में आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है.

मोबाइल पर मौजूद है सभी सबूत

पीड़ित ने पुलिस को यह भी बताया है कि सबूत के तौर पर मोबाइल पर बातचीत का टेप, आरोपी के कहने पर बैंक खाता में जमा की गई राशि की पर्ची और आरोपी मेवा चोपड़ा की ओर से बनाए गए सोशल मीडिया ग्रुप में हुई सूचना का अदान-प्रदान के सबूत उनके पास उपलब्ध है. पीड़ितों ने महिला से कई बार नौकरी दिलाने का दबाव बनाया, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने के बाद आखिरकार पुलिस की शरण ली.

पढ़ें- गरियाबंद: पांडुका पुलिस ने 9 जुआरियों को किया गिरफ्तार, 49 हजार कैश और 5 बाइक जब्त


जल्द होगी कार्रवाई
इस केस में सिटी कोतवाली प्रभारी विजय चौधरी का कहना है कि लगभग 17 लोगों की शिकायत मिली है, उनके बयान ले लिए हैं. केस की जांच कर जल्द ही FIR दर्ज की जाएगी.

बलौदाबाजार: महिला एवं बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक और पुलिस भर्ती में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर गांव के युवकों, महिलाओं सहित शहर के पढ़े-लिखे 200 से ज्यादा लोगों से 15 से 20 करोड़ की ठगी करने का मामला सामने आया है. महिला एवं बाल विकास विभाग की पूर्व महिला पर्यवेक्षक मेवा चोपड़ा के खिलाफ 17 लोगों ने शिकायत की है. लोगों का आरोप है कि शिकायत देने के बाद भी पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की है.

ठगी की आरोपी फरार
शुक्रवार को महिला अपने किराए के मकान से सामान समेटकर फरार हो गई. महिला अधिकारी लगभग 15 साल से महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ थी. डेढ़ साल पहले ही उसका ट्रांसफर बस्तर के सुकमा में हुआ था, लेकिन उसने वहां ज्वाइनिंग नहीं ली, जिसके बाद से उसे सस्पेंड कर दिया गया था.

पीड़ितों को दी धमकी

पीड़ित और आरोपी महिला के बीच हुए नकद लेनदेन का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. लेन-देन की बातचीत की पूरी क्लीपिंग भी प्रार्थियों ने पुलिस को सौंप दी है. पीड़ित ने यह भी बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान आरोपी महिला अधिकारी ने यह भी कहा कि अगर मैं फंसी तो अपने साथ शामिल सभी नेताओं और अधिकारियों को भी बेनकाब कर दूंगी.

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FIR की कॉपी

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कई बड़े अधिकारी इस धांधली में मौजूद

7 साल पहले भी आरोपी महिला पर आंगनबाड़ी में लेन-देन कर नियुक्ति करने का आरोप लग चुका है. आरोपी महिला अपने एक साथी अशोक पांडे के जरिए से भी कई लेन देन करवाए हैं, जिसे वह IAS अफसर बताती है. पीड़ित सरोज वर्मा, ममता निर्मलकर, राजेश्वरी धुव, ईश्वरी बंजारा, यात्री धृतलहरे, अंजली पाणीग्राही, रोशनी पाढ़ी, रामबाई सोनवानी, डिगेश्वरी साहू, लता बांधे, जानकी बंजारे, ललिता डहरिया, प्रभा मिरी, चुन्नी वर्मा ने सिटी कोतवाली थाने में आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है.

मोबाइल पर मौजूद है सभी सबूत

पीड़ित ने पुलिस को यह भी बताया है कि सबूत के तौर पर मोबाइल पर बातचीत का टेप, आरोपी के कहने पर बैंक खाता में जमा की गई राशि की पर्ची और आरोपी मेवा चोपड़ा की ओर से बनाए गए सोशल मीडिया ग्रुप में हुई सूचना का अदान-प्रदान के सबूत उनके पास उपलब्ध है. पीड़ितों ने महिला से कई बार नौकरी दिलाने का दबाव बनाया, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने के बाद आखिरकार पुलिस की शरण ली.

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जल्द होगी कार्रवाई
इस केस में सिटी कोतवाली प्रभारी विजय चौधरी का कहना है कि लगभग 17 लोगों की शिकायत मिली है, उनके बयान ले लिए हैं. केस की जांच कर जल्द ही FIR दर्ज की जाएगी.

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