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सीमेंट प्लांट प्रबंधन ने बर्बाद कर दी थी 'पूंजी', 6 महीने से मुआवजे का इंतजार

सीमेंट प्लांट प्रबंधन की ओर से रेल लाइन बिछाने के दौरान बर्बाद हुए पेड़ों के किसानों को मुआवजे का इंतजार है.

मुआवजे का इंतजार
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Published : Jul 10, 2019, 10:54 AM IST

Updated : Jul 10, 2019, 11:59 AM IST

बलौदा-बाजार: सलोनी में मौजूद निजी सीमेंट प्लांट प्रबंधन की ओर से बिछाई जा रही रेल लाइन के लिए किसानों की जमीन पर लगे पेड़ों पर मलवा डालने के 6 महीनों बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला है.

पीड़ित किसान

बता दें कि कुछ वक्त पहले सीमेंट प्लांट की ओर से तेंदूपत्ता, साजा और सेमर के पेड़ों को मलवे से पाट दिया था, जिसकी वजह से हजारों पेड़ सूख गए थे.

कलेक्टर से की शिकायत
ग्रामीणों ने इसकी शिकायत पर कंपनी ने अपनी गलती को स्वीकार किया गया था. कंपनी ने वादा किया गया था कि ग्रामीणों को नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा.

मुआवजे का इंतजार
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि एसडीएम तहसीलदार और पटवारी द्वारा मौके का जायजा लिया गया था. वहीं अधिकारियों को मलबा हटाने के साथ-साथ कंपनी को मुआवजा देने के निर्देश दिए थे. लेकिन किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है.

'किस आधार पर बांटें मुआवजा'
ग्रामीणों ने कलेक्टर के जनदर्शन में पहुंचकर मुआवजा देने के लिए गुहार लगाई है. इस मामले में कंपनी प्रबंधन का कहना है कि 'प्रशासन की ओर से किसानों को मुआवजा देने की राशि की जनकारी नहीं दी गई है. ऐसी सूरत में वे किस आधार पर मुआवजा बांट दें. बता दें की अपर कलेक्टर जोगेंद्र नायक ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.

बलौदा-बाजार: सलोनी में मौजूद निजी सीमेंट प्लांट प्रबंधन की ओर से बिछाई जा रही रेल लाइन के लिए किसानों की जमीन पर लगे पेड़ों पर मलवा डालने के 6 महीनों बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला है.

पीड़ित किसान

बता दें कि कुछ वक्त पहले सीमेंट प्लांट की ओर से तेंदूपत्ता, साजा और सेमर के पेड़ों को मलवे से पाट दिया था, जिसकी वजह से हजारों पेड़ सूख गए थे.

कलेक्टर से की शिकायत
ग्रामीणों ने इसकी शिकायत पर कंपनी ने अपनी गलती को स्वीकार किया गया था. कंपनी ने वादा किया गया था कि ग्रामीणों को नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा.

मुआवजे का इंतजार
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि एसडीएम तहसीलदार और पटवारी द्वारा मौके का जायजा लिया गया था. वहीं अधिकारियों को मलबा हटाने के साथ-साथ कंपनी को मुआवजा देने के निर्देश दिए थे. लेकिन किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है.

'किस आधार पर बांटें मुआवजा'
ग्रामीणों ने कलेक्टर के जनदर्शन में पहुंचकर मुआवजा देने के लिए गुहार लगाई है. इस मामले में कंपनी प्रबंधन का कहना है कि 'प्रशासन की ओर से किसानों को मुआवजा देने की राशि की जनकारी नहीं दी गई है. ऐसी सूरत में वे किस आधार पर मुआवजा बांट दें. बता दें की अपर कलेक्टर जोगेंद्र नायक ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.

Intro:बलौदा बाजार के ग्राम सलोनी में इमामी सीमेंट संयंत्र द्वारा लेन लाइन बिछाई जा रही थी जिसमे कपनी द्वारा किसानों की जमीन पर मौजुद तेंदूपत्ता मौह ,साजा, सेन्हा के पेड़ को मलबे से पाट ढिया गया था जिसके बाद किसानों की गर्मियों के दौरान होने वाली आमदनी का नुकसान हुआ था वही हज़ारों पेड़ मर गए थे।।


Body:वह इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई थी और कंपनी ने भी अपनी गलती को स्वीकार किया गया था और कंपनी ने वादा किया गया था कि उनका मुआवजा कंपनी उन्हें देगी।।

लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण अब तक किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया है


Conclusion:वहीं ग्रामीणों ने बताया कि एसडीएम तहसीलदार और पटवारी द्वारा मौके का जायजा लिया गया था।।

वही वहीं अधिकारियों द्वारा मलबा हटाने के लिए तो बोला क्या साथी कंपनी को मुआवजा देने के लिए भी कहा गया था लेकिन अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया है।।


वही आज ग्रामीणों ने फिर से जनदर्शन में आकर कलेक्टर से मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई है।।


वहीं इस मामले पर कंपनी प्रबंधन का कहना है कि प्रशासन द्वारा उन्हें किसानों को मुआवजा देने की राशि की जनकारी नही बताई गई है। वे किस आधार पर मुआवजा देंगे।।
वहीं ऐसे में सवाल खड़े उठता है कि कंपनी प्रबंधन और प्रशासन द्वारा किसानों को मुआवजा दिलाने की ओर ध्यान नही दिया गया ।वही किसानों को बहुत सारी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
वहीं इस मामले पर अपर कलेक्टर जोगेन्द्र नायक ने फिर से जांच के आदेश दिए है।


बाईट -
राजेश नेताम
पीड़ित ग्रामीण


नोट - हमने यह खबर एक्सक्लुसिव चलाई थी जिसके बाद कपनी ने मुआवजा देने की बात कही थी।।
Last Updated : Jul 10, 2019, 11:59 AM IST
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