बलौदा बाजार: कसडोल क्षेत्र में किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले तो किसानों को समितियों में धान विक्रय करने में परेशानी हुई, तो अब अन्नदाताओं को अपनी मेहनत की रकम निकालने के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा कसडोल में जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
बैंक की अव्यवस्थाओं के कारण किसानों के बीच रुपये निकालने को लेकर हाथापाई तक की नौबत आ रही है. किसानों का धान प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में विक्रय के बाद किसानों को धान की राशि का भुगतान जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के माध्यम से किया जाता है. कसडोल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा कसडोल में 10 कृषि साख सहकारी समितियों के 16 धान उपार्जन केंद्रों में 9 लाख 5 हजार 409 क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य है. इमसें लक्ष्य का लागभग 90 प्रतिशत धान खरीदी हो चुका है, ऐसे में किसान बिके हुए धान का रकम निकालने के लिए हजारों की संख्या में बैंक में पहुंच रहे हैं.
दूर-दूर से पहुंच रहे हैं किसान
कसडोल के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में किसानों को रकम निकालने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कसडोल का अधिकांश क्षेत्र वनों से घिरा हुआ है और वननांचल क्षेत्र से रोज सैकड़ो किसान बैंक में 60 किमी 70 किमी का सफर तय कर रकम निकालने के लिए बैंक पहुंच रहे हैं, लेकिन भीड़ की वजह से पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं और एक बार पैसे निकालने के लिए किसानों को 2 दिन 3 दिनों इंतजार करना पड़ रहा है.
ऑन कैमरा में कहने से बच रहे हैं ब्रांच मैनेजर
किसान सालभर मेहनत करता है और फसल बिकने के बाद अपनी जरूरतों का सामान खरीदता है. इसके साथ ही शादियों का सीजन होने से किसानों की जरूरतें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं. किसानों को बैंक से पैसा निकालने में काफी समस्याएं हो रही और किसानों को रही समस्याओं के बारे में जब हमने कसडोल जिला सहकारी बैंक शाखा कसडोल के ब्रांच मैनेजर जे आर लहरी से बात तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. वहीं ब्रांच मैनेजर ने ऑफ कैमरा में इतना कहा कि किसानों को एटीएम कार्ड वितरण किया है, जिसमें महज 10 हजार रुपये ही निकाला जा सकता और किसानों को ज्यादा रकमों की जरूरत पड़ रही है, जिसकी वजह से किसान रोज बैंक पहुंच रहे हैं.
अब देखना होगा कि किसानों की समस्याओं का समाधान कब और कैसे होगा.