बलौदाबाजार : कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्थानीय जिला अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया गया है. अस्पताल में कोरोना वायरस से संबंधित इलाज के लिए तैयारियां की जा चुकी है. कलेक्टर कार्तिकेया गोयल और एसपी प्रशांत ठाकुर ने अस्पताल में की जा रही तैयारियों का जायजा लिया. वायरस संक्रमित व्यक्ति के भर्ती, इलाज और इसके बाद की पूरी प्रक्रिया के लिए डाॅक्टरों और वरिष्ठ अधिकारियों से विचार-विमर्श कर आवश्यक दिशा-निर्देश किए.
जिला अस्पताल में कोरोना से संक्रमित 100 मरीजों के इलाज लायक तैयारियां की जा रही हैं. हालांकि जिले में फिलहाल कोरोना संबंधी एक भी प्वॉजटिव रिपोर्ट नहीं है. फिर भी प्रशासन ने आगे की संभावनाओं को देखते हुए तैयारी कर ली है. वहीं कलेक्टर ने सभी कोरोना वार्डों और वहां दी जा रही सुविधाओं का मुआयना किया है. उन्होंने इलाज के लिए प्रशिक्षित डाॅक्टरों और नर्सों से भी चर्चा की है.
ऐसी हैं तैयारियां
इसके साथ ही कोरोना मरीज का इलाज कैसे किया जाएगा, इसकी भी जानकारी ली है. विभिन्न वार्डों और कमरों के बीच बैरिकेडिंग के निर्देश भी दिए गए हैं. कोरोना मरीज के इलाज संबंधी व्यावहारिक प्रशिक्षण और अवलोकन के लिए 7 डाॅक्टरों की टीम को एम्स रायपुर भेजे जाने की अनुमति दी. यदि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की संख्या ज्यादा हो गई तो उन्हें जिला अस्पताल में स्थित मातृ और शिशु अस्पताल में क्वारेंटाईन में रखा जाएगा. इसके बाद लगभग 300 लोगों के क्वारेंन्टीन के लिए जिला मुख्यालय के 4 आश्रम छात्रावासों में रखा जाएगा. वहीं कलेक्टर ने जिले के दानदाताओं से अपील की है कि, अगर कोई अस्पताल में दान करना चाहता है तो अस्पताल में मास्क और किट की आवश्यकता है.
ओपीडी की रहेगी सुविधा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. खेमराज सोनवानी ने बताया कि कोविड अस्पताल घोषित होने के बाद भी जिला अस्पताल में ओपीडी सुविधा जारी रहेगी. यह सुविधा तब तक जारी रहेगी, जब तक कोरोना का पहला मरीज भर्ती न हो जाए. कोरोना मरीज के भर्ती होने के बाद संक्रमण की संभावना को देखते हुए ओपीडी सुविधा जिला अस्पताल से पुराने अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाएगा.
इसके अलावा गंभीर मरीजों का इलाज डाॅ. खूबचंद बघेल एवं आयुष्मान योजना के अंतर्गत निजी अस्पतालों में किया जाएगा. कोई निजी अस्पताल सरकार की इन दोनों योजनाओं के तहत इलाज के लिए इंकार करेगा तो संक्रामक रोग अधिनियम 1860 की धारा 188 के अंतर्गत दंड का भागीदार बनेगा. सीएमएचओ ने सभी निजी पंजीकृत अस्पतालों को इस आशय के निर्देश दे दिए हैं.