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सीमेंट कंपनी ने बिना कारण नौकरी से किया बेदखल, सड़क पर सैकड़ों मजदूर

सीमेंट कंपनी ने सैकड़ों मजदूरों को बिना कारण नौकरी से निकाल दिया है. इससे मजदूरों के सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है.

सैकड़ों मजदूर नौकरी से बेदखल
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Published : Jul 31, 2019, 10:33 PM IST

बलौदाबाजार : सोनाडीह स्थित एक सीमेंट फैक्ट्री के सैकड़ों मजदूर नौकरी से बेदखल कर दिए गए हैं. भरतपुर, मोपकी और निपनिया के 290 ग्रामीणों ने छत्तीसगढ़ सीमेंट कॅरियर के ठेकेदार पर बिना कारण के नौकरी से निकाल देने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर श्रम विभाग में शिकायत दर्ज कराई है.

ग्रामीणों ने बताया कि 'उन्हें 7 माह का वेतन भी नहीं दिया गया. बिना बताए नौकरी से निकाल दिए जाने से वे रोजगार के लिए भटक रहे हैं'.

ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर श्रम विभाग में शिकायत दर्ज कराई

'धोखे से कराए हस्ताक्षर'

ग्रामीणों ने कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'उनसे धोखे से कई जगह हस्ताक्षर लिए गए हैं और सभी मजदूरों का पीएफ भी काटा गया, ताकि मजदूरों को पेंशन दिया जा सके, लेकिन कंपनी न पीएफ का पैसा वापस दे रही है और न ही पेंशन दे रही है'.

पढ़ें : बलौदा बाजार: कैसे पढ़ेंगे बच्चे, जब 8 साल से शिक्षक ही नहीं हैं

अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप

ग्रामीणों ने इस संबध में कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन मजदूरों की समस्या का निराकरण नहीं हो सका है. ग्रामीणों ने श्रम अधिकारियों पर मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. हताश ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाने की बात कही है.

7-7 लाख रुपए फंसे

ग्रामीणों के पक्ष में भाटापारा के कांग्रेसी नेता सुशील शर्मा आगे आए हैं और उन्होंने मजदूरों को न्याय दिलाने का वादा किया है. सीमेंट कंपनी में सभी मजदूरों के लगभग 7-7 लाख रुपए फंसे हुए हैं.

बलौदाबाजार : सोनाडीह स्थित एक सीमेंट फैक्ट्री के सैकड़ों मजदूर नौकरी से बेदखल कर दिए गए हैं. भरतपुर, मोपकी और निपनिया के 290 ग्रामीणों ने छत्तीसगढ़ सीमेंट कॅरियर के ठेकेदार पर बिना कारण के नौकरी से निकाल देने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर श्रम विभाग में शिकायत दर्ज कराई है.

ग्रामीणों ने बताया कि 'उन्हें 7 माह का वेतन भी नहीं दिया गया. बिना बताए नौकरी से निकाल दिए जाने से वे रोजगार के लिए भटक रहे हैं'.

ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर श्रम विभाग में शिकायत दर्ज कराई

'धोखे से कराए हस्ताक्षर'

ग्रामीणों ने कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'उनसे धोखे से कई जगह हस्ताक्षर लिए गए हैं और सभी मजदूरों का पीएफ भी काटा गया, ताकि मजदूरों को पेंशन दिया जा सके, लेकिन कंपनी न पीएफ का पैसा वापस दे रही है और न ही पेंशन दे रही है'.

पढ़ें : बलौदा बाजार: कैसे पढ़ेंगे बच्चे, जब 8 साल से शिक्षक ही नहीं हैं

अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप

ग्रामीणों ने इस संबध में कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन मजदूरों की समस्या का निराकरण नहीं हो सका है. ग्रामीणों ने श्रम अधिकारियों पर मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. हताश ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाने की बात कही है.

7-7 लाख रुपए फंसे

ग्रामीणों के पक्ष में भाटापारा के कांग्रेसी नेता सुशील शर्मा आगे आए हैं और उन्होंने मजदूरों को न्याय दिलाने का वादा किया है. सीमेंट कंपनी में सभी मजदूरों के लगभग 7-7 लाख रुपए फंसे हुए हैं.

Intro:बलौदाबाजार - ग्राम पंचायत भरतपुर, मोपकी और निपनिया के 290 ग्रामीणों ने आज कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद बयान दर्ज कराने के लिए श्रम विभाग पहुचे. ग्रमीणों ने बताया की लफार्ज सीमेंट सोनाडीह के ठेकेदार छत्तीसगढ़ सीमेंट केरियर द्वारा उनको बीना कारण बताये नौकरी से निकाल दिया है. और सभी को 7 माह का वेतन भी नही दिया गया है. जिससे ग्रामीणों का रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है.

Body:ग्रामीणों ने बताया की रेलवे लाइन अब सीधे कंपनी में जा रही है. इस कारण अब कोई लेबर को वहा काम नही लिया जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया की उनको धोखे से कई जगह में हस्ताक्षर भी कराया गया है. साथ ही साथ सभी लेबरो का पीएफ भी काटा गया है. ताकि लेबरो को पेंशन भी दिया जा सके लेकिन कंपनी ना लेबरो का पीएफ की पैसा वापस दे रही है और ना ही पेंशन दे रही है. ग्रमीणों इस संबध में कई बार अधिकारियों को ज्ञापन दे चुके के लेकिन इन बेरोजगार लेबरो का कोई सुनने वाला नही है. श्रम अधिकारी सभी को तीन बार बयान दर्ज करने के लिए बुला चुके है लेकिन हर बार अधिकारी अपने कार्यालय से नदारद रहते है. अब इन सब से थक हार कर इन लेबरो ने मुख्यमन्त्री से गुहार लगाने की बात कही है. इन लेबरो को साथ देने के लिए भाटापारा के कांग्रेसी नेता सुशील शर्मा आगे आये और उनको न्यान दिलाने की बात भी कही. हम आपको बता दे की इन सभी लेबरो में से एक एक लेबर की सीमेंट कंपनी में लगभग 7 -7 लाख रुपये फंसे हुए है.

Conclusion:बाईट - पीड़ित लेबर

बाईट - पीड़ित लेबर

बाईट - सुशील शर्मा - कांग्रेसी नेता
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