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Bhatapara Assembly Seat Profile: भाटापारा विधानसभा सीट का चुनावी गणित, ओबीसी वोटर तय करता है हार जीत, सबसे बड़े व्यवसायिक शहर का ये है बड़ा मुद्दा

Bhatapara Assembly Seat Profile Pali Tanakhar Assembly Seat छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव है. ETV भारत छत्तीसगढ़ विधानसभा की हर सीट की जानकारी दे रहा है. हम इस सीरीज में विधानसभा सीट की अहमियत, वीआईपी प्रत्याशी, क्षेत्रीय मुद्दे की जानकारी दे रहे हैं. आइए नजर डालते हैं भाटापारा विधानसभा सीट पर. Chhattisgarh Election 2023

Bhatapara assembly seat profile
भाटापारा विधानसभा
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 24, 2023, 10:39 AM IST

Updated : Aug 24, 2023, 10:54 AM IST

बलौदाबाजार: भाटापारा विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले की सामान्य सीट है. यहां साल 2013 से भाजपा का कब्जा रहा है. जबकि इससे पहले कांग्रेस का ही विधायक था. साल 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी शिवरतन शर्मा ने कांग्रेस के पूर्व विधायक सुनील माहेश्वरी को हराया था. तीसरे नंबर पर यहां जेसीसीजे के चैतराम साहू रहे. चैतराम साहू ने साल 2013 का चुनाव कांग्रेस पार्टी से लड़ा था,शिवरतन शर्मा से उन्हें हार मिली, जिसके बाद वे जेसीसीजे में शामिल हो गए थे. यहां 55 प्रतिशत ओबीसी वोटर है जो जीत हार तय करते हैं.

भाटापारा विधानसभा में मतदाता: भाटापारा विधानसभा में कुल 242716 मतदाता हैं. जिसमे 121492 पुरुष और 121217 महिलाएं है. 7 ट्रांसजेंडर है. भाटापारा में 2 विकासखंड हैं. 164 गांव 136 ग्रामपंचायत 282 मतदान केंद हैं. यहां ओबीसी वोटर 55 प्रतिशत है. एसटी 18 प्रतिशत, एससी 16 प्रतिशत और सामान्य वोटर 9 प्रतिशत है.

भाटापारा विधानसभा के मुद्दे और समस्याएं: 40 साल पहले से यहां के लोग भाटापारा को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं. कई महत्वपूर्ण यात्री ट्रेनों का भाटापारा में स्टॉपेज देने की मांग यहां के लोग कर रहे हैं. भाटापारा में सर्व सुविधा युक्त बस स्टैण्ड का निर्माण, सिद्ध बाबा रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज निर्माण की मांग प्रमुख मुद्दा है. यहां इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, सर्व सुविधा युक्त ITI नहीं होने की वजह से यहां के छात्रों को बाहर जाकर पढ़ना पड़ता है. शिक्षा का स्तर काफी गिरा हुआ है. अंतरराष्ट्रीय सीमेंट सयंत्र होने के बावजूद क्षेत्रीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा. प्लांट का धुआं और गंदा पानी फसलों को बर्बाद कर रहा है. पर्यावरण प्रदूषण और पानी की कमी की वजह से साथ ही सिंचाई संसाधनों की भी यहां कमी हैं. जलस्तर 700 फिट नीचे चले गया है. सीमेंट प्लांट में चलने वाली ओवरलोड गाड़ियों के कारण सड़के जर्जर है जिससे आए दिन हादसे होते रहते हैं.

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भाटापारा विधानसभा में साल 2018 चुनाव की स्थिति: 2018 में भाटापारा विधानसभा सीट पर करीब 92 फीसदी मतदान हुआ. इसमें बीजेपी को 36 फीसदी वोट, कांग्रेस को 29 फीसदी वोट और JCCJ को 26 फीसदी वोट मिले. बीजेपी प्रत्याशी शिवरतन शर्मा ने कांग्रेस के पूर्व विधायक सुनील माहेश्वरी को 11909 वोटों से हराया था. शिवरतन शर्मा को 63399 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के सुनील माहेश्वरी को 51490 वोट मिले थे. जेसीसीजे प्रत्याशी चैतराम साहू 45907 वोट हासिल कर से तीसरे नंबर पर थे. साल 2013 में भी भाटापारा में भाजपा का विधायक था. साल 2008 और 2003 में कांग्रेस का विधायक बना था.

भाटापारा रायपुर और बिलासपुर का सबसे बड़ा व्यवसायिक शहर माना जाता है. .यहां प्रदेश की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी मंडी है. राइस मिल, पोहा मिल और दाल मिल सबसे ज्यादा है. यहां से देश के अलग अलग राज्यों व विदेशों में सप्लाई होती है. इसके अलावा भाटापारा को धर्म की नगरी भी कहा जाता है.भाटापारा में हर धर्म के लोग रहते हैं.

बलौदाबाजार: भाटापारा विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले की सामान्य सीट है. यहां साल 2013 से भाजपा का कब्जा रहा है. जबकि इससे पहले कांग्रेस का ही विधायक था. साल 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी शिवरतन शर्मा ने कांग्रेस के पूर्व विधायक सुनील माहेश्वरी को हराया था. तीसरे नंबर पर यहां जेसीसीजे के चैतराम साहू रहे. चैतराम साहू ने साल 2013 का चुनाव कांग्रेस पार्टी से लड़ा था,शिवरतन शर्मा से उन्हें हार मिली, जिसके बाद वे जेसीसीजे में शामिल हो गए थे. यहां 55 प्रतिशत ओबीसी वोटर है जो जीत हार तय करते हैं.

भाटापारा विधानसभा में मतदाता: भाटापारा विधानसभा में कुल 242716 मतदाता हैं. जिसमे 121492 पुरुष और 121217 महिलाएं है. 7 ट्रांसजेंडर है. भाटापारा में 2 विकासखंड हैं. 164 गांव 136 ग्रामपंचायत 282 मतदान केंद हैं. यहां ओबीसी वोटर 55 प्रतिशत है. एसटी 18 प्रतिशत, एससी 16 प्रतिशत और सामान्य वोटर 9 प्रतिशत है.

भाटापारा विधानसभा के मुद्दे और समस्याएं: 40 साल पहले से यहां के लोग भाटापारा को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं. कई महत्वपूर्ण यात्री ट्रेनों का भाटापारा में स्टॉपेज देने की मांग यहां के लोग कर रहे हैं. भाटापारा में सर्व सुविधा युक्त बस स्टैण्ड का निर्माण, सिद्ध बाबा रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज निर्माण की मांग प्रमुख मुद्दा है. यहां इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, सर्व सुविधा युक्त ITI नहीं होने की वजह से यहां के छात्रों को बाहर जाकर पढ़ना पड़ता है. शिक्षा का स्तर काफी गिरा हुआ है. अंतरराष्ट्रीय सीमेंट सयंत्र होने के बावजूद क्षेत्रीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा. प्लांट का धुआं और गंदा पानी फसलों को बर्बाद कर रहा है. पर्यावरण प्रदूषण और पानी की कमी की वजह से साथ ही सिंचाई संसाधनों की भी यहां कमी हैं. जलस्तर 700 फिट नीचे चले गया है. सीमेंट प्लांट में चलने वाली ओवरलोड गाड़ियों के कारण सड़के जर्जर है जिससे आए दिन हादसे होते रहते हैं.

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भाटापारा रायपुर और बिलासपुर का सबसे बड़ा व्यवसायिक शहर माना जाता है. .यहां प्रदेश की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी मंडी है. राइस मिल, पोहा मिल और दाल मिल सबसे ज्यादा है. यहां से देश के अलग अलग राज्यों व विदेशों में सप्लाई होती है. इसके अलावा भाटापारा को धर्म की नगरी भी कहा जाता है.भाटापारा में हर धर्म के लोग रहते हैं.

Last Updated : Aug 24, 2023, 10:54 AM IST
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