बलौदाबाजार : छत्तीसगढ़ विधानसभा में शिक्षा विभाग का मामला काफी गूंजा है. जिसमें, बलौदाबाजार में प्राथमिक शाला के एक शिक्षक ने अपनी जगह 6 हजार रुपए महीने में किराए का शिक्षक स्कूल भेजा. शिक्षक का नाम समीर कुमार मिश्रा है. समीर के बदले उसने जिसे रखा था वो सात महीने तक स्कूल में बच्चों को पढ़ाता रहा.लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी.इसके बाद जब मीडिया में मामला उछला तो समीर कुमार मिश्रा को निलंबित किया गया.लेकिन बलौदाबाजार में शिक्षा विभाग की कारिस्तानी यहीं कम नहीं हुई.
विधानसभा में उठा अतिथि शिक्षकों का मुद्दा : पहले मामले में तो एक शिक्षक ने अपनी जगह किसी और से बच्चों को पढ़वाया. लेकिन बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कसडोल विकासखंड के स्कूलों में 101 अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियां धड़ल्ले से कर दी गईं. जिनके पास ना तो बीएड की डिग्री थी और ना ही डीएड की.विधानसभा में जब धरमलाल कौशिक ने सवाल पूछा तो डीईओ से जवाब मिला कि भर्ती उन्होंने अपने हिसाब से की है. वहीं बीईओ की माने तो सीएम भूपेश का दौरा था लिहाजा शिकायत से बचने के लिए जल्दबाजी में भर्तियां की गईं. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं बलौदाबाजार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर का.
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तीसरा मामला और भी चौंकाने वाला निकला : बलौदाबाजार में शिक्षा विभाग के कारनामे काफी मशहूर हैं. ऐसा ही एक मामला पदोन्नति का भी है. जिसके तहत ऐसे शिक्षकों को प्रधानपाठक बनाना था. जिनका कभी किसी दूसरे ब्लॉक में ट्रांसफर ना हुआ हो.लेकिन जब लिस्ट आई तो ऐसे शिक्षकों को प्रमोशन मिल गया जो, दूसरे शिक्षकों के साथ ही नियुक्त हुए थे साथ ही साथ दूसरे ब्लॉक में ट्रांसफर भी हुआ था. नियमों को ताक पर रखकर ऐसे दो शिक्षकों को प्रमोशन मिला.जिसकी शिकायत शिक्षक हेमचंद पटेल ने की.क्योंकि इन्हें नियम पूरा करने के बाद भी प्रमोशन नहीं मिला. कलेक्टर और जिलाशिक्षाधिकारी से शिकायत के बाद भी इस मामले में किसी का भी जवाब नहीं आया है.