बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ की बलौदाबाजार विधानसभा को औद्योगिक क्षेत्र के नाम से जाना जाता हैं. यहां 7 सीमेंट फैक्ट्रियां हैं. इस लिए इसे व्यवसायिक शहर भी कहा जाता है. बलौदाबाजार सीट कांग्रेस का गढ़ रहा है. लेकिन समय के साथ इस सीट पर बीजेपी और जोगी कांग्रेस के उम्मीदवार को भी जनता ने मौका दिया है. अभी वर्तमान में जोगी कांग्रेस प्रमोद शर्मा इस सीट से विधायक हैं. लेकिन अभी कुछ समय पहले ही प्रमोद शर्मा ने JCCJ पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
बलौदाबाजार विधानसभा में मतदाताओं की संख्या: बलौदाबाजार विधानसभा में 169805 कुल मतदाता हैं. जिसमे 85,124 पुरुष मतदाता हैं और 84678 महिला मतदाता हैं. वहीं 3 ट्रांसजेंर मतदाता भी इस विधानसभा में हैं.
बलौदाबाजार विधानसभा का जातीय समीकरण: कुर्मी समाज का गढ़ बलौदाबाजार विधानसभा सीट को भी कहा जाता हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा कुर्मी जाति के लोग हैं. बलौदाबाजार विधानसभा में OBC वोटर सबसे ज्यादा हैं. बलौदाबाजार विधानसभा में लगभग 70 फीसदी OBC हैं. जिनमें से लगभग 36 फीसदी कुर्मी, 36 फीसदी वर्मा और 34 फीसदी साहू समाज के लोग रहते हैं.
बलौदाबाजार विधानसभा का इतिहास: बलौदाबाजार पहले कांग्रेस का गढ़ था. 1952 से बलौदाबाजार विधानसभा अस्तित्व में हैं. तब से अब तक 7 बार कांग्रेस के विधायक, 3 बार बीजेपी के विधायक और 1 बार जोगी कांग्रेस के विधायक चुने गए हैं. 2003 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के गणेश शंकर बाजपेयी ने बीजेपी के विपिन बिहारी वर्मा को हराया था. 2008 विधानसभा चुनाव में बीजेपी से लक्ष्मी बघेल ने कांग्रेस के गणेश शंकर बाजपेयी को हराकर विधायक चुनी गईं. 2013 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस के जनक राम वर्मा को जनता ने मौका दिया. उन्होंने बीजेपी की लक्ष्मी बघेल को हराया.
बलौदाबाजार विधानसभा के मुद्दे और समस्याएं: छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा 7 अंतरराष्ट्रीय सीमेंट प्लांट हैं. लेकिन इसके बाद भी जिले में रोजगार नहीं है. प्लांट का धुआं और गंदा पानी खेती को खराब कर रहा है. पर्यावरण प्रदूषण और पानी की कमी के वजह से साथ ही सिंचाई के संसाधनों की भी कमी हैं. जिसके कारण किसान साल में सिर्फ 1 बार खेती कर पाते हैं. इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा किसान हैं, जो खेती करके अपना जीवन व्यापन करते हैं. यहां की सड़कों की स्थिति बेहद खराब हैं, जिसके लिए जिम्मेदार सीमेंट संयंत्र की चलने वाली ट्रकें हैं. बलौदाबाजार में शिक्षा और स्वास्थ चिकित्सा सुविधाओं का हाल बेहाल है.