ETV Bharat / state

कुतुब मीनार से भी ऊंचे हमारे खूबसूरत जैतखाम को असमाजिक तत्व कर रहे दागदार

बलौदाबाजार के गिरौदपुरी में करोड़ों की लागत से खूबसूरत जैतखाम बनाया गया है, जिसे प्रशासन की लचर और भ्रष्ट रवैए की वजह से असमाजिक तत्वों ने अपना मानसिक गंदगी से दागदार बना रहे हैं.

करोड़ों की लागत से बने जैतखाम को असमाजिक तत्वों गंदा किया जा रहा है
author img

By

Published : Oct 6, 2019, 8:14 AM IST

Updated : Oct 6, 2019, 3:32 PM IST

बलौदाबाजारः गिरौदपुरी धाम में दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचा जैतखाम इन दिनों अपनी खूबसूरती की वजह से नहीं बल्कि अव्यवस्थाओं की वजह से चर्चा में है. जैतखाम की खूबसूरती को असमाजिक तत्व अपशब्द लिखकर दागदार करने पर तुले हैं.

करोड़ों की लागत से बने जैतखाम को असमाजिक तत्वों गंदा किया जा रहा है

जमीन से 77 मीटर ऊंचे जैतखाम शांति, एकता और भाईचारे का प्रतीक है. गिरौदपुरी धाम गुरु घासीदास बाबा की जन्मस्थली और कर्मस्थली है. उन्होंने मनखे-मनखे (इंसान-इंसान) एक समान का संदेश देकर आपसी भाईचारे को बढ़ाया था. जैतखाम को देखने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही की वजह से उन्हें अव्यवस्थाओं से रू-ब-रू होना पड़ रहा है.

3 साल में खुली भ्रष्टाचार की पोल
छत्तीसगढ़ शासन ने जैतखाम को 51 करोड़ रुपए की लागत से बनाया है, लेकिन लोकार्पण के महज 3 साल बाद ही भ्रष्टाचार का पोल खुलने लगा है. बारिश के दिनों में मीनार के सबसे ऊपरी माले से पानी टपकने लगा है. साथ ही सिक्योरिटी के लिए मीनार के अंदर और बाहर CCTV कैमरा लगाया जाना था, लेकिन प्रशासन के भ्रष्ट रवैए के कारण यहां सिर्फ CCTV कैमरा होने का झूठा बोर्ड लटकाया कर रख दिया है. इस कारण यहां की दीवारों पर असमाजिक तत्व अपशब्द लिखकर श्रद्धालुओं की भावना को ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं.

सुविधाओं का आभाव
साल 2007 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ और 18 दिसंबर 2016 को लोकार्पण किया गया. इसके बाद लगा कि छत्तीसगढ़ की जनता का मानो सपना साकार हो गया, लेकिन जैतखाम में लिफ्ट की सुविधा होते हुए भी इसका उपयोग आम जनता नहीं कर सकती है. यहां लगे लिफ्ट का उपयोग सिर्फ VVIP लोग ही कर सकते हैं. इस वजह से यहां आने वाले बुजुर्ग श्रद्धालु पूरी ऊंचाई तक चढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं और आधा भ्रमण कर वापस लौट जाते हैं.

करोड़ों की लागत से बने जैतखाम में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने से मीनार को नुकसान पहुंच रहा है. अब देखना ये है कि असमाजिक तत्वों की ओर से दीवारों पर लिखे अपशब्द पर प्रशासन क्या निर्णय लेता है.

बलौदाबाजारः गिरौदपुरी धाम में दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचा जैतखाम इन दिनों अपनी खूबसूरती की वजह से नहीं बल्कि अव्यवस्थाओं की वजह से चर्चा में है. जैतखाम की खूबसूरती को असमाजिक तत्व अपशब्द लिखकर दागदार करने पर तुले हैं.

करोड़ों की लागत से बने जैतखाम को असमाजिक तत्वों गंदा किया जा रहा है

जमीन से 77 मीटर ऊंचे जैतखाम शांति, एकता और भाईचारे का प्रतीक है. गिरौदपुरी धाम गुरु घासीदास बाबा की जन्मस्थली और कर्मस्थली है. उन्होंने मनखे-मनखे (इंसान-इंसान) एक समान का संदेश देकर आपसी भाईचारे को बढ़ाया था. जैतखाम को देखने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही की वजह से उन्हें अव्यवस्थाओं से रू-ब-रू होना पड़ रहा है.

3 साल में खुली भ्रष्टाचार की पोल
छत्तीसगढ़ शासन ने जैतखाम को 51 करोड़ रुपए की लागत से बनाया है, लेकिन लोकार्पण के महज 3 साल बाद ही भ्रष्टाचार का पोल खुलने लगा है. बारिश के दिनों में मीनार के सबसे ऊपरी माले से पानी टपकने लगा है. साथ ही सिक्योरिटी के लिए मीनार के अंदर और बाहर CCTV कैमरा लगाया जाना था, लेकिन प्रशासन के भ्रष्ट रवैए के कारण यहां सिर्फ CCTV कैमरा होने का झूठा बोर्ड लटकाया कर रख दिया है. इस कारण यहां की दीवारों पर असमाजिक तत्व अपशब्द लिखकर श्रद्धालुओं की भावना को ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं.

सुविधाओं का आभाव
साल 2007 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ और 18 दिसंबर 2016 को लोकार्पण किया गया. इसके बाद लगा कि छत्तीसगढ़ की जनता का मानो सपना साकार हो गया, लेकिन जैतखाम में लिफ्ट की सुविधा होते हुए भी इसका उपयोग आम जनता नहीं कर सकती है. यहां लगे लिफ्ट का उपयोग सिर्फ VVIP लोग ही कर सकते हैं. इस वजह से यहां आने वाले बुजुर्ग श्रद्धालु पूरी ऊंचाई तक चढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं और आधा भ्रमण कर वापस लौट जाते हैं.

करोड़ों की लागत से बने जैतखाम में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने से मीनार को नुकसान पहुंच रहा है. अब देखना ये है कि असमाजिक तत्वों की ओर से दीवारों पर लिखे अपशब्द पर प्रशासन क्या निर्णय लेता है.

Intro:बलौदाबाजार - बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी धाम में बने कुतुब मीनार से भी ऊंचा जैतखाम इन दिनों अपनी खूबसूरती की वजह से नहीं बल्कि वहां की अव्यवस्थाओं की वजह से चर्चा में है,आपको बता दें कि गिरौदपुरी धाम में बने इस खूबसूरत स्वेत जैतखाम की खूबसूरती को असमाजिक तत्वों द्वारा के अपशब्द लिखकर दागदार किया जा रहा है तो वहीं प्रशासन सी सी टी वी कैमरे का झूठा बोर्ड टांकगर ऐसे असामाजिक तत्वों को बढ़ावा दे रहा है।
Body:धरती से नीले आसमान को चूमती 77 मीटर ऊंची शांति, एकता,और भाईचारे का प्रतीक है ये अदभुत खूबसूरत स्वेत जैतखाम, जो स्थित है बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी धाम में,गिरौदपुरी धाम बाबा गुरुघासीदास जी की जन्मस्थली और कर्मस्थली रही है जिन्होंने मनखे मनखे एक समान का संदेश देकर आपसी भाईचारे को बढ़ाया था, बाबा गुरुघसीदास जी को सतनामी समाज भगवान की तरह पूजता है और जैतखाम सतनामी समाज का प्रतीक माना जाता है जिसकी पूजा की जाती है,आपको बता दें कि धर्मस्थली गिरौदपुरी धाम में बने इस खूबसूरत जैतखाम को देश के कोने कोने से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं लेकिन प्रशाशनिक लापरवाही के चलते उन लोगों को यहां कि अव्यवस्थाओं से रूबरू होना पड़ रहा है।

गौरतलब हो कि जिले के गिरौदपुरी धाम में 51 करोड़ रुपयों की लागत से कुतुबमीनार से भी ऊंचा जैतखाम बना है लेकिन लोकार्पण होने के महज 3 साल बाद ही अब भ्रष्टाचार का जिन बाहर निकल आया है और जैतखाम के सबसे ऊपरी माले से बारिश का पानी टपक रहा है इतना ही नहीं जैतखाम परिसर के अंदर प्रशासन के द्वारा सी सी टीवी कैमरे के बारे में झूठा बोर्ड टांगा गया है जबकि इस जैतखाम के भीतर कहीं भी सी सी टीवी कैमरा नहीं लगा है जो कि जांच का विषय है,अगर इस जैतखाम में सी सी टीवी कैमरा लगना था तो क्यों नहीं लगाया गया और अगर नहीं लगना था तो विभाग के द्वारा झूठा बोर्ड क्यों टांगा गया है।
जैतखाम की पूजा सतनामी समाज के लोगों के द्वारा की जाती है और जैतखाम में ही हर वर्ष धर्म गुरुओं के द्वारा पालो चढ़ाया जाता है लेकिन इस पवित्र जैतखाम के भीतर असमाजिक तत्वों के द्वारा आशिकी की दास्तान जैतखाम के दीवारों पर लिखी जा रही है जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंच रहा है।
छत्तीसगढ़ बनने के बाद जब छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने घोषणा किया था कि गिरौदपुरी धाम में कुतुबमीनार से भी ऊंचे जैतखाम का निर्माण किया जाएगा तब छत्तीसगढ़ की जनता को ये एक सपना लगने लगा था लेकिन जब 2007 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ और 18 दिसम्बर 2016 को इसका लोकार्पण हुआ तो छत्तीसगढ़ की जनता मानो सपना साकार हो गया लेकिन विडम्बना देखिये की इस जैतखाम में लिफ्ट की सुविधा होते हुए भी इसका उपयोग आम जनता नहीं कर सकती और इस लिफ्ट का उपयोग सिर्फ वीवीआईपी लोग कर सकते हैं जिसके चलते यहां उसने वाले बुजुर्ग श्रद्धालु जैतखाम की पूरी ऊंचाई तक चढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाते और जो लोग चढ़ भी जाते हैं उनको काफी तकलीफों का।सामना करना पड़ता है,इसी लिए यहां आने वाले श्रद्धालु प्रशासन से लिफ्ट की सुविधा आमजन के लिए प्रारंभ करने की मांग कर रहे हैं।Conclusion: करोड़ो की लागत से बने जैतखाम में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने से जैतखाम को तो लोग नुकसान पहुंचा ही रहे है इसके साथ ही मानसिक गंदगी को भी दीवारों पर लिखकर प्रशासन को चिढ़ा रहे है. अब देखना होगा की ऐसे लोगो पर प्रशासन कैसे और कब तक शिकंजा कसती है.

बाईट01- सुधाराम - दर्शनार्थी

बाईट02 - लोकनाथ जाटवर - दर्शनार्थी

बाईट 03 - टी सी वर्मा - कार्यपालन अभियंता बलौदाबाजार
Last Updated : Oct 6, 2019, 3:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.