ETV Bharat / state

बलौदा बाजार: दो साल से बंद आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका और सेविका को हर महीने मिल रहा है वेतन

author img

By

Published : Jul 30, 2019, 8:25 PM IST

बलौदा बाजार के चंडीडीह गांव में दो साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद है, लेकिन यहां कार्यरत सहायिका और सेविका को हर महीने वेतन मिल रहा है. जबकि आपसी मतभेद के कारण दोनों दो साल से आंगनबाड़ी केंद्र नहीं आ रही हैं.

ग्रामीणों ने की शिकायत

बलौदा बाजार: चंडीडीह गांव में बीते दो साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़ा है. आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र बंद होने से गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार भी नहीं मिल पा रहा है.

दो साल से बंद आंगनबाड़ी केंद्र के सहायिका और सेविका को हर महीने मिल रहा है वेतन
आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने की शिकायत लेकर ग्रामीण जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास पहुंचे थे. जहां उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ अधिकारियों से शिकायत की.गांव में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने का मुख्य उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य की देखभाल करना था, लेकिन चंडीडीह गांव में दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की आपसी मतभेद के कारण सैकड़ों हितग्राही सरकार की कई योजनाओं से महरूम हैं. ग्रामीणों ने बताया की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यहां आते ही नहीं है, जबकि उनका हर महीने का वेतन जारी हो रहा है.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर वहां कोई कार्यकर्ता नहीं है और वेतन निकाला जा रहा है, तो इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बलौदा बाजार: चंडीडीह गांव में बीते दो साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़ा है. आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र बंद होने से गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार भी नहीं मिल पा रहा है.

दो साल से बंद आंगनबाड़ी केंद्र के सहायिका और सेविका को हर महीने मिल रहा है वेतन
आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने की शिकायत लेकर ग्रामीण जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास पहुंचे थे. जहां उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ अधिकारियों से शिकायत की.गांव में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने का मुख्य उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य की देखभाल करना था, लेकिन चंडीडीह गांव में दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की आपसी मतभेद के कारण सैकड़ों हितग्राही सरकार की कई योजनाओं से महरूम हैं. ग्रामीणों ने बताया की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यहां आते ही नहीं है, जबकि उनका हर महीने का वेतन जारी हो रहा है.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर वहां कोई कार्यकर्ता नहीं है और वेतन निकाला जा रहा है, तो इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
Intro:बलौदाबाजार - ग्राम चंडीडीह में आंगनबाड़ी दो सालो से बंद बड़ी हुई है. जिससे गांव वालो को कई प्रकार की परेशानियों का समना करना पड़ रहा है. गर्भवती महिलाओ को पोषण आहार भी नही मिल रहा है. जिसकी शिकायत लेकर आज गांव वाले जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास पहुचे. और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की शिकायत की.

Body:गांव में आंगनवाड़ी केंद्र भारतीय गांवों में बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करता है. यह भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक हिस्सा है. मूल स्वास्थ्य देखभाल गतिविधियों में गर्भनिरोधक परामर्श और आपूर्ति, पोषण शिक्षा और अनुपूरक, साथ ही पूर्व-विद्यालय की गतिविधियों शामिल हैं. लेकिन ग्राम चंडीडीह में दो आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओं के आपसी मतभेद से गांव में कुछ भी सुविधाएं नही मिल पा रही है. ग्रामीणों ने बताया की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यहा आते ही नही है. और उनका हर महीने का वेतन भी जारी हो रहा है. इसके लिए कई बार प्रशासन को गुहार लगा चुके है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही हुआ है.

Conclusion:वही इस मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन का कहना है की उनके द्वारा जाँच करवाई जा रही है. अगर वहा कोई कार्यकर्ता नही जा रहे है और वेतन निकाल रहे है तो उनकी सभी वेतन की रिकवरी के साथ कार्यवाही की जायेगी.

बाईट - 01 ग्रामीण

बाईट - 02 ग्रामीण

बाईट - 03 विपिन जैन - जिला कार्यक्रम अधिकारी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.