बलौदा बाजार: लॉकडाउन के दौरान सिमगा बीएमओ और तहसीलदार पर अवैध वसूली का आरोप लगा है. आपातकाल में सेवा देने मेडिकल दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई थी. इसके बाद भी कलेक्टर से शिकायत करने की धमकी देकर मेडिकल संचालकों से हजारों रुपये वसूले जा रहे थे. वहीं अधिकारियों का कहना है कि मेडिकल दुकान संचालक कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे थे.
सिमगा में तहसीलदार शंकर लाल सिन्हा और बीएमओ पारस पटेल पर कलेक्टर से शिकायत की धमकी देकर दामाखेड़ा के मेडिकल संचालकों से अवैध रूप से जुर्माना वसूलने का आरोप लगा है. दुकान संचालकों का कहना है कि जुर्माना लेने के बाद तहसीलदार और बीएमओ ने उस जुर्माने की रसीद स्वास्थ्य विभाग में उपयोग होने वाले जीवनदीप समिति के नाम से दी. जिसमें मरीजों के नाम की जगह मेडिकल संचालकों का नाम लिखा गया है.
![BMO and Tehsildar accused of illegal recovery](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11905208_772_11905208_1622031421089.png)
अधिकारियों ने आरोपों को नकारा
मेडिकल संचालकों ने कहा कि दुकान बंद करवाने की धमकी से हम डर गए और हमने शिकायत भी नहीं की. जिला मेडिकल एसोसिएशन के सचिव मनीष शर्मा ने बताया कि अधिकारियों की मनमानी कार्रवाई से जिले के मेडिकल संचालक परेशान हैं, लेकिन दुकानदारी के चलते कोई शिकायत नहीं हो पाती. इस घटना की शिकायत लिखित रूप से कलेक्टर और ड्रग विभाग को दी जाएगी. इन आरोपों पर दोनों अधिकारियों का कहना है कि मेडिकल दुकान संचालक कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे थे. जिसकी वजह से कार्रवाई की गई.