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बालोद की 100 से ज्यादा महिलाओं ने सीएम भूपेश को लिखा पत्र, शराबबंदी की मांग

बालोद की 100 से ज्यादा महिलाओं ने शराबबंदी की मांग की है. उनका कहना है कि लॉकडाउन एक अनूठा अवसर है तो वहीं प्रदेश सरकार के लिए एक सही निर्णय लेने का समय भी है.

Women have written a letter to CM Bhupesh demanding liquor ban in balod
शराबंबदी की मांग
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Published : Sep 29, 2020, 6:17 PM IST

Updated : Sep 29, 2020, 8:46 PM IST

बालोद : गुंडरदेही विकासखंड के ग्राम डूड़िया की 100 से अधिक महिलाओं ने लॉकडाउन की इस अवधि को प्रदेश सरकार के लिए आपदा में अवसर बताया है. महिलाओं ने कहा कि बीते कुछ दिनों से अपराध में कमी देखने को मिली है. लॉकडाउन की इस अवधि में प्रदेश सरकार को शराबबंदी का ठोस निर्णय लेना चाहिए. 100 से अधिक महिलाओं ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग की है. इन महिलाओं के लिए यह एक अनूठा अवसर है तो वहीं प्रदेश सरकार के लिए एक सही निर्णय लेने का समय.

महिलाओं ने सीएम भूपेश को लिखा पत्र

महिलाओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. उन्होंने ने कहा कि, 'लॉकडाउन में शराबबंद है तो घरेलू हिंसा भी काफी कम हुई है. महिलाओं ने पत्र के माध्यम से अपने दर्द बयान किए हैं. महिलाओं का कहना है कि यह शराबबंदी का सही मौका है, यदि शराब बंद हुई तो हम महिलाएं काफी खुश रहेंगी. महिलाओं ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि अपने बहन की भावनाओं को मुख्यमंत्री समझे और शराबबंदी का निर्णय लें. आज सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा या फिर अन्य कोई घटना शराब के नशे के चलते हो रहा है. बीते लॉकडाउन में शराब बंद होने से घरेलू हिंसा में काफी कमी आई है, इससे हम सब भी यही समझते हैं कि शराब बंद इसका सबसे बेहतर विकल्प है'.

Women have written a letter to CM Bhupesh demanding liquor ban in balod
सीएम को लिखा पत्र

पढ़ें : COVID-19 UPDATE: छत्तीसगढ़ में कोरोना के 3,725 नए केस, अब तक 877 की मौत

दर्द कुछ ऐसा भी
महिलाओं ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि, 'अगर एक पिता शराब पीता है तो उसकी संतानें इसका दुख भोगती हैं. बच्चे तो कहीं न कहीं इस घटना से दुखी रहते हैं. बेटियों को ससुराल में जाकर भी अपने ससुरालवालों का ताना सुनना पड़ता है. यदि एक पिता शराब छोड़कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की ओर ध्यान देता है तो सबसे ज्यादा बेटियां ही गर्व करती हैं. पिता ही एक बेटी का अभिमान होता है, लेकिन शराब यदि पिता पीता है तो इसका असर एक परिवार पर नहीं बल्कि दो परिवारों पर पड़ता है'.

Women have written a letter to CM Bhupesh demanding liquor ban in balod
सीएम को लिखा पत्र

युवाओं पर पढ़ रहा बुरा असर

शराब का सबसे ज्यादा बुरा असर युवाओं पर पड़ रहा है. महिलाओं ने अपने दर्द में यह भी लिखा है कि, 'हमारी युवा पीढ़ी हमारे बच्चे जब शराब की चपेट में आते हैं तो पढ़ाई पर तो उनका बुरा असर होता ही है, साथ ही सड़क दुर्घटना अत्याचार जैसी कई सारी चीजें सामने आती हैं. एक मां होने के नाते हम यह समझते हैं कि हमारा बेटा दूसरी महिलाओं का भी सम्मान करे, लेकिन जहां शराब का नशा होता है, वहां कई जगहों से छेड़छाड़ की घटनाएं भी सामने आती हैं. हम सब यह सोचते हैं कि शराब सेवन ही इसका सबसे बड़ा दुश्मन है. यदि शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाए तो हम एक अच्छे संस्कृति की ओर आगे बढ़ सकते हैं'.

Women have written a letter to CM Bhupesh demanding liquor ban in balod
सीएम को लिखा पत्र

प्रयास सराहनीय

गुंडरदेही विकासखंड के ग्राम डूढ़िया की इन महिलाओं का प्रयास काफी सराहनीय है. महिलाओं ने बताया कि, 'हम लोग सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं. हमने तो एक प्रयास किया है, अब आगे निर्णय लेना सरकार के ऊपर है'.

बालोद : गुंडरदेही विकासखंड के ग्राम डूड़िया की 100 से अधिक महिलाओं ने लॉकडाउन की इस अवधि को प्रदेश सरकार के लिए आपदा में अवसर बताया है. महिलाओं ने कहा कि बीते कुछ दिनों से अपराध में कमी देखने को मिली है. लॉकडाउन की इस अवधि में प्रदेश सरकार को शराबबंदी का ठोस निर्णय लेना चाहिए. 100 से अधिक महिलाओं ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग की है. इन महिलाओं के लिए यह एक अनूठा अवसर है तो वहीं प्रदेश सरकार के लिए एक सही निर्णय लेने का समय.

महिलाओं ने सीएम भूपेश को लिखा पत्र

महिलाओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. उन्होंने ने कहा कि, 'लॉकडाउन में शराबबंद है तो घरेलू हिंसा भी काफी कम हुई है. महिलाओं ने पत्र के माध्यम से अपने दर्द बयान किए हैं. महिलाओं का कहना है कि यह शराबबंदी का सही मौका है, यदि शराब बंद हुई तो हम महिलाएं काफी खुश रहेंगी. महिलाओं ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि अपने बहन की भावनाओं को मुख्यमंत्री समझे और शराबबंदी का निर्णय लें. आज सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा या फिर अन्य कोई घटना शराब के नशे के चलते हो रहा है. बीते लॉकडाउन में शराब बंद होने से घरेलू हिंसा में काफी कमी आई है, इससे हम सब भी यही समझते हैं कि शराब बंद इसका सबसे बेहतर विकल्प है'.

Women have written a letter to CM Bhupesh demanding liquor ban in balod
सीएम को लिखा पत्र

पढ़ें : COVID-19 UPDATE: छत्तीसगढ़ में कोरोना के 3,725 नए केस, अब तक 877 की मौत

दर्द कुछ ऐसा भी
महिलाओं ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि, 'अगर एक पिता शराब पीता है तो उसकी संतानें इसका दुख भोगती हैं. बच्चे तो कहीं न कहीं इस घटना से दुखी रहते हैं. बेटियों को ससुराल में जाकर भी अपने ससुरालवालों का ताना सुनना पड़ता है. यदि एक पिता शराब छोड़कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की ओर ध्यान देता है तो सबसे ज्यादा बेटियां ही गर्व करती हैं. पिता ही एक बेटी का अभिमान होता है, लेकिन शराब यदि पिता पीता है तो इसका असर एक परिवार पर नहीं बल्कि दो परिवारों पर पड़ता है'.

Women have written a letter to CM Bhupesh demanding liquor ban in balod
सीएम को लिखा पत्र

युवाओं पर पढ़ रहा बुरा असर

शराब का सबसे ज्यादा बुरा असर युवाओं पर पड़ रहा है. महिलाओं ने अपने दर्द में यह भी लिखा है कि, 'हमारी युवा पीढ़ी हमारे बच्चे जब शराब की चपेट में आते हैं तो पढ़ाई पर तो उनका बुरा असर होता ही है, साथ ही सड़क दुर्घटना अत्याचार जैसी कई सारी चीजें सामने आती हैं. एक मां होने के नाते हम यह समझते हैं कि हमारा बेटा दूसरी महिलाओं का भी सम्मान करे, लेकिन जहां शराब का नशा होता है, वहां कई जगहों से छेड़छाड़ की घटनाएं भी सामने आती हैं. हम सब यह सोचते हैं कि शराब सेवन ही इसका सबसे बड़ा दुश्मन है. यदि शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाए तो हम एक अच्छे संस्कृति की ओर आगे बढ़ सकते हैं'.

Women have written a letter to CM Bhupesh demanding liquor ban in balod
सीएम को लिखा पत्र

प्रयास सराहनीय

गुंडरदेही विकासखंड के ग्राम डूढ़िया की इन महिलाओं का प्रयास काफी सराहनीय है. महिलाओं ने बताया कि, 'हम लोग सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं. हमने तो एक प्रयास किया है, अब आगे निर्णय लेना सरकार के ऊपर है'.

Last Updated : Sep 29, 2020, 8:46 PM IST
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