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बालोद में चंदा हाथियों का दल आया दोबारा, दहशत में ग्रामीण

बालोद में चंदा हाथियों का दल (group of elephants) छह महीने से सक्रिय है. वन विभाग (Forest department) और ग्रामीणों को डर है कि यदि हाथियों का दल उनके रहवासी क्षेत्र में घुस आया तो वह उनकी फैसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके लिए वन विभाग लगातार पटाखों की मदद से उन्हें दोबारा जंगल की ओर भेजने की कोशिश कर रहा है.

Elephant team returns to Balod
हाथी दल रिटर्न
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Published : Sep 13, 2021, 5:00 PM IST

बालोद: छह महीने से चंदा हाथियों का दल (group of elephants) सक्रिय है. यहां अब चंदा हाथियों का दल पूरे बालोद जिले (Balod district) में सक्रिय हो चुका है. यहां पर हाथियों की वापसी के बाद से स्थानीय लोग दहशत में हैं. क्योंकि अब तक हाथियों का दल दो लोगों को कुचलकर उन्हें मौत की नींद सुला चुका है. इसके साथ ही किसानों को इस बात का भी भय है कि फसलें खड़ी है और यदि हाथियों का दल खेतों में प्रवेश करता है तो फसलों को भारी नुकसान हो सकता है.

बालोद में हाथी दल रिटर्न

कांकेर में घुसा चंदा हाथी का दल, धमतरी की सीमा में मौजूद हैं ग्रुप के दूसरे हाथी

जलाशय की डूबान पर अड्डा

वन विभाग (Forest department) का अमला सक्रियता के साथ साथ हाथियों का पीछा कर रहा है और उन्हें सही दिशा देने की कोशिश कर रहा है. लेकिन सुबह होते ही हाथी सुरक्षित जगह पर छुपकर बैठ जाते हैं. जिस कारण वन विभाग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं जैसे ही शाम होती है हाथियों का दल विचरण करना शुरू कर देता है और वह लंबी दूरी तय कर लेते हैं.

Elephant team returns to Balod
हाथी के पैरों के निशान

पहली बार बालोद के समीप पहुंचा दल

अभी तक चंदा हाथियों का दल जिले के तटीय क्षेत्रों में भ्रमण करता था लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि हाथियों का जिले के आंतरिक इलाकों में घुस आया है. इससे उस इलाके के रहने वाले लोग काफी दहशत में है. हाथियों का दल जलाशय के आसपास अड्डा बनाए हुए है. लोगो में व्याप्त है भय हाथियों के दल के क्षेत्र में प्रवेश करने से ग्रामीणों को सबसे ज्यादा चिंता फसलों की हो रही है. उन्हें डर है कि यदि हाथी उनके इलाकों में घुस आये तो उन्हें बारी क्षति हो सकती है. जानकारी के मुताबिक इस समय लगभग 22 हाथियों का दल सक्रिय है. वहीं वन विभाग पटाखों और अन्य संसाधनों के माध्यम से उन्हें सही राह देने की कोशिश कर रहा है ताकि हाथियों का दल जंगलों की वापस चला जाए.

Elephant team returns to Balod
वन अधिकारी

बालोद: छह महीने से चंदा हाथियों का दल (group of elephants) सक्रिय है. यहां अब चंदा हाथियों का दल पूरे बालोद जिले (Balod district) में सक्रिय हो चुका है. यहां पर हाथियों की वापसी के बाद से स्थानीय लोग दहशत में हैं. क्योंकि अब तक हाथियों का दल दो लोगों को कुचलकर उन्हें मौत की नींद सुला चुका है. इसके साथ ही किसानों को इस बात का भी भय है कि फसलें खड़ी है और यदि हाथियों का दल खेतों में प्रवेश करता है तो फसलों को भारी नुकसान हो सकता है.

बालोद में हाथी दल रिटर्न

कांकेर में घुसा चंदा हाथी का दल, धमतरी की सीमा में मौजूद हैं ग्रुप के दूसरे हाथी

जलाशय की डूबान पर अड्डा

वन विभाग (Forest department) का अमला सक्रियता के साथ साथ हाथियों का पीछा कर रहा है और उन्हें सही दिशा देने की कोशिश कर रहा है. लेकिन सुबह होते ही हाथी सुरक्षित जगह पर छुपकर बैठ जाते हैं. जिस कारण वन विभाग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं जैसे ही शाम होती है हाथियों का दल विचरण करना शुरू कर देता है और वह लंबी दूरी तय कर लेते हैं.

Elephant team returns to Balod
हाथी के पैरों के निशान

पहली बार बालोद के समीप पहुंचा दल

अभी तक चंदा हाथियों का दल जिले के तटीय क्षेत्रों में भ्रमण करता था लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि हाथियों का जिले के आंतरिक इलाकों में घुस आया है. इससे उस इलाके के रहने वाले लोग काफी दहशत में है. हाथियों का दल जलाशय के आसपास अड्डा बनाए हुए है. लोगो में व्याप्त है भय हाथियों के दल के क्षेत्र में प्रवेश करने से ग्रामीणों को सबसे ज्यादा चिंता फसलों की हो रही है. उन्हें डर है कि यदि हाथी उनके इलाकों में घुस आये तो उन्हें बारी क्षति हो सकती है. जानकारी के मुताबिक इस समय लगभग 22 हाथियों का दल सक्रिय है. वहीं वन विभाग पटाखों और अन्य संसाधनों के माध्यम से उन्हें सही राह देने की कोशिश कर रहा है ताकि हाथियों का दल जंगलों की वापस चला जाए.

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वन अधिकारी
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