बालोद: दंतेवाड़ा में 9 अप्रैल 2019 को नक्सली हमले में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी समेत 4 जवानों ने शहादत दी थी. शहीदों में बालोद जिले के छगन कुलदीप भी शहीद हो गए थे. शहीद छगन कुलदीप की याद में गांव के लोग और उनके दोस्त एक स्मारक बनाने की मांग कर रहे थे, इसके लिए शहीद छगन कुलदीप के दोस्तों ने गृह मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री कर से गुहार लगाई, लेकिन जब किसी ने नहीं सुनी तो शहीद छगन कुलदीप के दोस्तों ने खुद ही स्मारक बनाने की पहल शुरू कर दी है.
शहीद के दोस्तों ने बताया कि शहीद के सम्मान में सरकार से मूर्ति स्थापित की मांग की गई थी, इसके लिए शहीद के दोस्त सहित परिवार के लोगों ने मंत्री, गृह मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक दौड़ लगाए, लेकिन शासन ने उनकी कोई बात नहीं सुनी. जिसके बाद शहीद छगन कुलदीप के दोस्त शहीद की याद में स्मारक बनवा रहे हैं.
शहीद बेटे पर गर्व
शहीद के पिता ने बताया कि अपने बेटे की याद में स्मारक बनते देख भावुक हो जाते हैं. बेटे के छोड़कर जाने का गम भी उन्हें सताता है, लेकिन उन्हें इस बात का भी गर्व है कि उसके बेटे ने देश के लिए शहादत दी है.
दोस्त बना रहे स्मारक
गांव के ही युगल साहू ने बताया कि गांव में लगभग 50 शासकीय अधिकारी-कर्मचारी हैं. जिन्होंने शासन-प्रशासन से स्मारक बनाने की गुजारिश की थी, लेकिन जब किसी तरह का कोई सहयोग जिम्मेदारों से नहीं मिला, तो ग्रामीण स्तर पर बैठक कर शहीद छगन कुलदीप की याद में स्मारक बनाने का फैसला लिया. उन्होंने बताया कि शहीद छगन कुलदीप का यह स्मारक गांव के लोगों को प्रेरणा देगा.
राशि थोड़ी पर सोच बड़ी
अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ थोड़ी-थोड़ी राशि एकत्र कर यह विशाल निर्माण करा रहे हैं, उनकी सोच काफी बड़ी है. वह शहीद छगन कुलदीप की शहादत को एक प्रेरणा के रूप में सभी के समक्ष रखना चाहते हैं. वह कह रहे हैं भले ही राशि थोड़ी है, लेकिन सोच बड़ी है.
9 अप्रैल 2019 को नक्सलियों ने खेला था खूनी खेल
बता दें, 9 अप्रैल 2019 को नकुलनार के श्याम गिरी गांव के पास आईडी लगाकर नक्सलियों ने भीमा मंडावी के काफिले को विस्फोट कर उड़ा दिया था. इसमें विधायक भीमा मंडावी उनके ड्राइवर, सुरक्षा गार्ड सहित कुल 4 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें बालोद जिले के नर्रा गांव के छगन कुलदीप भी शामिल थे.