बालोद: देशभर में 21 अक्टूबर को पुलिस जवानों की शहादत के रूप में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है. देश हित और जनता की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले जवानों को इस दिन याद किया जाता है. बालोद जिले में पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर 35 गांवों में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का आयोजन विद्यालयों में और स्मारक स्थलों पर किया गया है. विद्यालयों और शहीद स्मारकों पर कार्यक्रम का आयोजन कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके शौर्य के किस्से सुनाए गए.
इसलिए मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस
21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में देश की सुरक्षा की पहली कतार में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक छोटे से गश्ती दल पर चीनी सेना ने घात लगाकर हमला कर दिया था. इस लड़ाई में 10 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने अपना बलिदान दिया था. जिसे आज पुलिस स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाता है.
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पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर राजधानी रायपुर के माना स्थित चौथी वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राज्यपाल अनसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और डीजीपी डीएम अवस्थी भी मौजूद रहे. सभी लोगों ने शहीद जवानों को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान शहीद परिवार के सदस्यों की आंखों से आंसू छलक पड़े. कोई अपने बेटे, कोई पिता तो कोई पति की तस्वीर पर माला चढ़ाते हुए रो पड़ा. कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने शहीद हुए 25 पुलिसकर्मियों के परिवारवालों से मुलाकात की.