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बालोद में दिखे बाघ के पंजों के निशान, दहशत में ग्रामीण - बाघ से दहशत में बालोद  ग्रामीण

बालोद में बाघ के पंजों के निशान मिलने से गांव में दहशत का माहौल है.

Tigers claw marks seen in Baloud
बालौद में दिखे बाघ के पंजों के निशान
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Published : Jan 2, 2020, 1:18 PM IST

Updated : Jan 2, 2020, 2:16 PM IST

बालोद: जिले में बाघ के पंजों के निशान मिले हैं. बाघ के पंजों के निशान देखे जाने के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. खबर मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश शुरू कर दी है.

बालौद में दिखे बाघ के पंजों के निशान

बाघ की खोजबीन के लिए रायपुर से भी विशेषज्ञों की टीम राजनांदगांव पहुंची है, जो कि बाघ की हर हरकत और निशान के आधार पर उसे ट्रेस करने की हर संभव कोशिश कर रही है. बता दें कि बालोद के राजहरा में बाघ के पंजों के निशान मिले हैं.

वन विभाग कर रहा ट्रेसिंग
बाघ के पंजों के जो निशान मिले हैं, उन्हें विभाग की पीओपी कास्टिंग कर रख लिया गया है. साथ ही इसके आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है और संभावनाओं के आधार पर आगे की ट्रेसिंग की जा रही है.

अनुमान के आधार पर नहीं कर सकते काम
वन मंडल अधिकारी ने बताया कि 'इलाके में बाघ की मौजूदगी के निशान मिलना गंभीर विषय है. हम अनुमानों के आधार पर कार्य नहीं कर सकते. सबूतों के आधार पर हम उसे ट्रेस करने की कोशिश कर रहे हैं'.

वन विभाग को दें सूचना
वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी है. वन विभाग का कहना है कि ग्रामीण समूहों में चले और अगर किसी तरह की कोई भी संदिग्ध गतिविधि नजर आती है या फिर ज्यादा संख्या में मवेशी गायब होते हैं तो इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दें.

रिहायशी इलाके में मिले पंजों के निशान
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 1 दिन में बाघ 20 किलोमीटर तक का सफर आसानी से तय कर सकता है. इसलिए यह बाघ कहीं भी जा सकता है और जिस जगह बाघ के पंजों के निशान जहां मिले हैं वो जंगल नहीं बल्कि एक रिहायशी इलाका है और पास में ही खरखरा नाला बहता है.

खोजबीन में जुटे अफसर
वन विभाग की टीम यह आशंका जता रहा है, कहीं यह बाघ एक से दो दिन में पास में मौजूद जलाशय तक न जा पहुंचे. बीते दिनों हुई हाथी की मौत की घटना के बाद वन विभाग पूरी तरह सतर्क है. जिले के साथ ही रेंज और प्रदेश स्तर के अधिकारी भी इस मिशन में जुट गए हैं.

पढ़ें- बलौदाबाजार में नहीं थम रहा हाथियों का आतंक, वन विभाग पर लगा अनदेखी का आरोप

हर मूवमेंट पर रखी जा रही नजर
विभाग की पूरी कोशिश है कि बाघ भी सुरक्षित रहे और लोगों के साथ-साथ मवेशियों को भी सुरक्षित रखना है. अफसरों का कहना है कि 'कैमरे मंगाकर बाघ के मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी'.

बालोद: जिले में बाघ के पंजों के निशान मिले हैं. बाघ के पंजों के निशान देखे जाने के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. खबर मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश शुरू कर दी है.

बालौद में दिखे बाघ के पंजों के निशान

बाघ की खोजबीन के लिए रायपुर से भी विशेषज्ञों की टीम राजनांदगांव पहुंची है, जो कि बाघ की हर हरकत और निशान के आधार पर उसे ट्रेस करने की हर संभव कोशिश कर रही है. बता दें कि बालोद के राजहरा में बाघ के पंजों के निशान मिले हैं.

वन विभाग कर रहा ट्रेसिंग
बाघ के पंजों के जो निशान मिले हैं, उन्हें विभाग की पीओपी कास्टिंग कर रख लिया गया है. साथ ही इसके आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है और संभावनाओं के आधार पर आगे की ट्रेसिंग की जा रही है.

अनुमान के आधार पर नहीं कर सकते काम
वन मंडल अधिकारी ने बताया कि 'इलाके में बाघ की मौजूदगी के निशान मिलना गंभीर विषय है. हम अनुमानों के आधार पर कार्य नहीं कर सकते. सबूतों के आधार पर हम उसे ट्रेस करने की कोशिश कर रहे हैं'.

वन विभाग को दें सूचना
वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी है. वन विभाग का कहना है कि ग्रामीण समूहों में चले और अगर किसी तरह की कोई भी संदिग्ध गतिविधि नजर आती है या फिर ज्यादा संख्या में मवेशी गायब होते हैं तो इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दें.

रिहायशी इलाके में मिले पंजों के निशान
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 1 दिन में बाघ 20 किलोमीटर तक का सफर आसानी से तय कर सकता है. इसलिए यह बाघ कहीं भी जा सकता है और जिस जगह बाघ के पंजों के निशान जहां मिले हैं वो जंगल नहीं बल्कि एक रिहायशी इलाका है और पास में ही खरखरा नाला बहता है.

खोजबीन में जुटे अफसर
वन विभाग की टीम यह आशंका जता रहा है, कहीं यह बाघ एक से दो दिन में पास में मौजूद जलाशय तक न जा पहुंचे. बीते दिनों हुई हाथी की मौत की घटना के बाद वन विभाग पूरी तरह सतर्क है. जिले के साथ ही रेंज और प्रदेश स्तर के अधिकारी भी इस मिशन में जुट गए हैं.

पढ़ें- बलौदाबाजार में नहीं थम रहा हाथियों का आतंक, वन विभाग पर लगा अनदेखी का आरोप

हर मूवमेंट पर रखी जा रही नजर
विभाग की पूरी कोशिश है कि बाघ भी सुरक्षित रहे और लोगों के साथ-साथ मवेशियों को भी सुरक्षित रखना है. अफसरों का कहना है कि 'कैमरे मंगाकर बाघ के मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी'.

Intro:बालोद

कई तरह की शंकाओं के बाद अब बालोद जिले में बाघ की दस्तक हो चुकी है उसके पद चिन्हों के आधार पर अब वन अमला आगे की कार्रवाई में जुट चुकी है बालोद सहित राजनांदगांव की टीम इसके लिए कार्य कर रही है साथ ही रायपुर से भी विशेषज्ञों की टीम पहुंची हुई है जो कि शेर की हर हरकत और हर संभावनाओं के आधार पर उसे ट्रेस करने के लिए मेहनत कर रहे हैं वन मंडल अधिकारी ने लोगों को यकीन दिलाया है कि वन मंडल की टीम लगातार पेट्रोलिंग पर रहेगी किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है वर्तमान में ज़िले के राजहरा क्षेत्र में शेर के पद चिन्ह मिला हुआ है।


Body:वीओ - जो पदचिन्ह बाघ के मिले हैं उसे पीओपी कास्टिंग करके रख लिया गया है साथ ही इसके आधार पर अनुमान लगाए जा रहे हैं और उसकी संभावनाओं के आधार पर आगे की ट्रेसिंग की जा रही है वन मंडल अधिकारी ने बताया कि काफी गंभीर तकनीकी विषय है हम अनुमानों के आधार पर कार्य नहीं कर सकते वह सबूतों के आधार पर हम उसे ट्रेस करने की कोशिश कर रहे हैं साथ ही उन्होंने ग्रामीणों को हिदायत दी कि सतर्क रहें समूहों में चले और यदि किसी तरह की कोई भी संदिग्ध चीजें नजर आती है या फिर मवेशी अधिक गायब होते हैं तो इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दें।

वीओ - वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 1 दिन में यह बाघ 20 किलोमीटर तक का सफर आसानी से तय कर सकता है इसलिए यह बात कहीं भी जा सकता है और जिस जगह बाप का पद छीन ना मिला है वह कोई जंगल नहीं बल्कि एक रिहायशी इलाका है और जहां पर चिन्ह मिला है वह एक खरखरा नाला है जो कि खरखारा जला से से निकलता है वन विभाग यह भी कहते नजर आया कि हो सकता है एक-दो दिन में यह बाघ इस नाले के माध्यम से जलाशय तक जा पहुंचे।

वीओ - जब बाघ के पद चिन्हों को खंगालने वन विभाग की टीम निकली तो पता चला कि इसके साथ ही चार-पांच दिन पुराने और भी पदचिन्ह हैं जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बाघ कुछ दिनों से इसी आसपास क्षेत्र में विचरण कर रहा है जो कि बालोद राजनांदगांव जिले का सीमावर्ती क्षेत्र है।


Conclusion:बीते दिनों हुई हाथी के मौत की घटना के बाद वन विभाग पूरी तरह सतर्क है जिले के साथ ही रेंज एवं प्रदेश स्तर के अधिकारी भी इस मिशन में जुट गए हैं बाद भी सुरक्षित रहे और लोगों को भी सुरक्षित रखना है और मवेशियों को भी वन विभाग के सामने बड़ी चुनौती है करने वाले विशेष कैमरे भी वन विभाग द्वारा मंगाया जाएंगे।

बाइट - सतोविशा समाजदार, वन मंडल अधिकारी बालोद
Last Updated : Jan 2, 2020, 2:16 PM IST
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