बालोद: जिले में बाघ के पंजों के निशान मिले हैं. बाघ के पंजों के निशान देखे जाने के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. खबर मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश शुरू कर दी है.
बाघ की खोजबीन के लिए रायपुर से भी विशेषज्ञों की टीम राजनांदगांव पहुंची है, जो कि बाघ की हर हरकत और निशान के आधार पर उसे ट्रेस करने की हर संभव कोशिश कर रही है. बता दें कि बालोद के राजहरा में बाघ के पंजों के निशान मिले हैं.
वन विभाग कर रहा ट्रेसिंग
बाघ के पंजों के जो निशान मिले हैं, उन्हें विभाग की पीओपी कास्टिंग कर रख लिया गया है. साथ ही इसके आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है और संभावनाओं के आधार पर आगे की ट्रेसिंग की जा रही है.
अनुमान के आधार पर नहीं कर सकते काम
वन मंडल अधिकारी ने बताया कि 'इलाके में बाघ की मौजूदगी के निशान मिलना गंभीर विषय है. हम अनुमानों के आधार पर कार्य नहीं कर सकते. सबूतों के आधार पर हम उसे ट्रेस करने की कोशिश कर रहे हैं'.
वन विभाग को दें सूचना
वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी है. वन विभाग का कहना है कि ग्रामीण समूहों में चले और अगर किसी तरह की कोई भी संदिग्ध गतिविधि नजर आती है या फिर ज्यादा संख्या में मवेशी गायब होते हैं तो इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दें.
रिहायशी इलाके में मिले पंजों के निशान
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 1 दिन में बाघ 20 किलोमीटर तक का सफर आसानी से तय कर सकता है. इसलिए यह बाघ कहीं भी जा सकता है और जिस जगह बाघ के पंजों के निशान जहां मिले हैं वो जंगल नहीं बल्कि एक रिहायशी इलाका है और पास में ही खरखरा नाला बहता है.
खोजबीन में जुटे अफसर
वन विभाग की टीम यह आशंका जता रहा है, कहीं यह बाघ एक से दो दिन में पास में मौजूद जलाशय तक न जा पहुंचे. बीते दिनों हुई हाथी की मौत की घटना के बाद वन विभाग पूरी तरह सतर्क है. जिले के साथ ही रेंज और प्रदेश स्तर के अधिकारी भी इस मिशन में जुट गए हैं.
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हर मूवमेंट पर रखी जा रही नजर
विभाग की पूरी कोशिश है कि बाघ भी सुरक्षित रहे और लोगों के साथ-साथ मवेशियों को भी सुरक्षित रखना है. अफसरों का कहना है कि 'कैमरे मंगाकर बाघ के मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी'.