बालोद: बालोद में सोमवार को शरादयी नवरात्र का समापन हुआ. यहां नवरात्र के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने मां शक्ति की अराधाना की. इसके साथ ही मां गंगा के ज्योति कलश और ज्योत जवारा का विसर्जन किया गया. सबसे पहले सभी श्रद्धालुओं ने पारंपरिक रस्मों को पूरा किया. फिर पूजा पाठ कर माता की सेवा का दौर पूरा किया. इसके बाद कुंवारे सेवकों ने मां गंगा मैया मंदिर के गर्भगृह में रखे जवारा कलश को अपने सिर पर उठाया और फिर शीतला तालाब में इसका विसर्जन किया.
विसर्जन में देवी देवता भी हुए शामिल: इस विसर्जन में देवी देवता भी शामिल हुए. ज्वारा लेकर सभी श्रद्धालु शीतला तालाब पहुंचे. फिर वहां शीतला माता की आरती उतारी गई. उसके बाद ज्वारा का विसर्जन किया गया. इस दौरान सड़कों पर भक्तों की काफी भीड़ देखी गई. इस कलश यात्रा को देखने और कलश यात्रा में शामिल होने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु पहुंचे.
भारी संख्या में भक्त रहे मौजूद (Jyot Jawara immersed in Shitala pond ): माता की नौ दिनों तक अराधना के बाद ज्योत विसर्जन का काम किया गया. मां गंगा मैया झलमला में ज्योत ज्वारा का विसर्जन किया गया. कड़ी सुरक्षा के बीच मां गंगा के गर्भ गृह से ज्योत ज्वारा को कुंवारे उपासक ने अपने सिर पर उठाया. फिर वह विसर्जन करने तालाब की ओर निकले. बांधा तालाब में पहुंचकर इस ज्योत जवारा का विसर्जन किया गया.
आधे घंटे तक के लिए सड़क को किया गया बंद: ज्योत जवारा के विसर्जन के लिए आधे घंटे तक बालोद के पास बने नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक को रोका गया. जवारा के विसर्जन के समय भक्तों के आंखों से आंसू भी निकल रहे थे. अद्भुत भक्ति से भरी इस यात्रा को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. लगभग आधे घंटे तक बालोद झलमला मार्ग बंद रहा. इस दौरान इलाके में सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त दिखी.