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अधिकारियों को ग्रामीणों का अल्टीमेटम, स्कूल में ताला लगाने की दी चेतावनी - ग्रामीण

लोहारा विकासखंड के पापरा गांव में स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. ऐसे में कभी भी बिल्डिंग गिर सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है. पालकों ने स्कूल खाली करवाकर बच्चों को पुराने पंचायत भवन में शिफ्ट करा दिया है.

स्कूल
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Published : Jul 10, 2019, 2:19 PM IST

Updated : Jul 10, 2019, 2:41 PM IST

बालोद: शिक्षण सत्र का साल तो बदला, लेकिन स्कूल का हाल जस का तस बना हुआ है. लोहारा विकासखंड के पापरा गांव में पालक अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. ऐसे में कभी भी बिल्डिंग गिर सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है.

अधिकारियों को ग्रामीणों का अल्टीमेटम

पालकों ने स्कूल खाली करवाकर बच्चों को पुराने पंचायत भवन में शिफ्ट करा दिया है. स्कूल भवन में अब सिर्फ मिड-डे मील बनता है. पुराने पंचायत भवन से लगभग एक किलोमीटर पैदल चलकर बच्चों को भोजन करने स्कूल जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत की गई है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

बारिश में तालाब बन जाता है स्कूल
ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के मौसम में स्कूल की हालत और भी ज्यादा खराब हो जाती है. बारिश के मौसम में स्कूल भवन झरने और तालाब में तब्दील हो जाता है. वहीं स्कूल के कार्यालय में प्लास्टिक लगाकर काम चलाया जा रहा है. स्कूल शिक्षक एसके निर्मलकर ने बताया कि विभाग को अवगत कराने के साथ-साथ कई जगहों पर इस मुद्दे को उठाया गया है, लेकिन अधिकारी बस रिपेयरिंग की बात करते हैं.

प्रदर्शन करने की दी चेतावनी
गांव के सरपंच खेमराज उइके ने बताया कि स्कूल के लिए 2017 से आवेदन देते आ रहे हैं, पर कोई परिणाम नहीं निकला. उन्होंने बताया कि आगर ऐसा ही चलता रहा तो पालक अपने बच्चों को पढ़ाने की बजाए शासकीय स्कूल में ताला लगाकर प्रदर्शन करेंगे.

बालोद: शिक्षण सत्र का साल तो बदला, लेकिन स्कूल का हाल जस का तस बना हुआ है. लोहारा विकासखंड के पापरा गांव में पालक अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. ऐसे में कभी भी बिल्डिंग गिर सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है.

अधिकारियों को ग्रामीणों का अल्टीमेटम

पालकों ने स्कूल खाली करवाकर बच्चों को पुराने पंचायत भवन में शिफ्ट करा दिया है. स्कूल भवन में अब सिर्फ मिड-डे मील बनता है. पुराने पंचायत भवन से लगभग एक किलोमीटर पैदल चलकर बच्चों को भोजन करने स्कूल जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत की गई है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

बारिश में तालाब बन जाता है स्कूल
ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के मौसम में स्कूल की हालत और भी ज्यादा खराब हो जाती है. बारिश के मौसम में स्कूल भवन झरने और तालाब में तब्दील हो जाता है. वहीं स्कूल के कार्यालय में प्लास्टिक लगाकर काम चलाया जा रहा है. स्कूल शिक्षक एसके निर्मलकर ने बताया कि विभाग को अवगत कराने के साथ-साथ कई जगहों पर इस मुद्दे को उठाया गया है, लेकिन अधिकारी बस रिपेयरिंग की बात करते हैं.

प्रदर्शन करने की दी चेतावनी
गांव के सरपंच खेमराज उइके ने बताया कि स्कूल के लिए 2017 से आवेदन देते आ रहे हैं, पर कोई परिणाम नहीं निकला. उन्होंने बताया कि आगर ऐसा ही चलता रहा तो पालक अपने बच्चों को पढ़ाने की बजाए शासकीय स्कूल में ताला लगाकर प्रदर्शन करेंगे.

Intro:साल बदला पर हाल नहीं भवन में पड़ी दरार जान के भय से पंचायत में पढ़ने को मजबूर बच्चे ग्रामीण नाराज़

ग्रामीण कह रहे नहीं पढ़ाएंगे शासकीय विद्यालय में करेंगे ताला बंदीBody:बालोद।

एंकर - शिक्षण सत्र का साला तो बदला है पर हाल नहीं विद्यालय भवन इतना जर्जर की जान के भय से पालकों ने विद्यालय से बच्चों को खाली कराकर पुराने पंचायत भवन में शिफ्ट करा दिया है विद्यालय भवन में केवल मध्यान्ह भोजन बनता है पुराने पंचायत से बच्चे लगभग 1 किलोमीटर पैदल चल भोजन करने आ रहे हैं मामला है बालोद जिले के लोहारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पापरा के माध्यमिक विद्यालय का पालक विद्यालय की स्थिति को लेकर काफी चिंतित हैं तो शिक्षा विभाग लापरवाह।

विभाग को कराया अवगत पर नहीं से रहे ध्यान

वीओ - ग्रामीणों ने बताया कि यहां हम बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान है और विभाग ध्यान नहीं दे रहे हैं संबंधित स्थान पर देखने आज तक नहीं आ रहे हैं अधिकारी ग्रामीणों की माने तो यहां बच्चों कि दर्ज संख्या 43 है पालक हरकत में आ गए पर विभाग अब तक सोया हुआ है बच्चे परेशान है पर विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

कार्यालय में प्लास्टिक लगा चल रहा है काम

जब बारिश होता है तो विद्यालय झरने में तब्दील हो जाता है आलम यह है कि यहां के कार्यालय में प्लास्टिक लगाकर काम चलाया जा रहा है कब क्या हो जाय कुछ कहा नहीं जा सकता शिक्षक ऐस के निर्मलकर ने बताया कि विभाग को अवगत कराने के साथ साथ विभिन्न जगहों पर इस विषय को रख चुके हैं पर परिणाम केवल शून्य है शिक्षक ने यह भी बताया कि अधिकारी रिपेयरिंग की बात करते हैं परन्तु जन इंजीनियर ने देख कर कहा कि यहां रिपेयरिंग की कोई गुंजाइश नहीं है।

बाइट 01 - हर्षिता देशमुख, छात्रा कक्षा 8 वी

बाइट 02 - नीलेश कुमार साहू, कक्षा 8 वी

बाइट 03 - खेमराज उइके, सरपंच

बाइट 04 - राजेन्द्र देशमुख, पंच

बाइट 05 - मूलचंद मेश्राम, पंच
Conclusion:वीओ - सरपंच खेमराज उइके ने बताया कियहान के लिए 2017 से आवेदन देते आ रहे हैं पर कोई परिणाम नहीं है स्वीकृति की बात भी विभाग कहता है पर अब तक कोई अता पता नहीं है उन्होंने बताया कि अगर विद्यालय नहीं सुधरा तो ताला बंदी करके प्रदर्शन करेंगे शासकीय विद्यालय में नहीं पढ़ाएंगे।
Last Updated : Jul 10, 2019, 2:41 PM IST
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