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बालोद :भूख हड़ताल पर बैठे रोजगार सहायक और सचिव

बालोद में मांग पूरी नहीं होने पर रोजगार सहायक और सचिव भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. जिले में पिछले 15 दिनों से हड़ताल जारी है, इस वजह से ग्राम पंचायक के काम ठप पड़े हुए हैं.

Employment assistant and panchayat secretary sitting on hunger strike in Balod
भूख हड़ताल पर कर्मचारी
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Published : Jan 14, 2021, 3:18 PM IST

बालोद : जिले के रोजगार सहायक और सचिव अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले 15 दिन से हड़ताल पर बैठे रोजगार सहायक और सचिव अब क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. रोजगार सहायक और सचिवों का कहना है किविभिन्न सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल तो उनके समर्थन में आ गए हैं, लेकिन शासन या प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि अब तक सुध लेने नहीं पहुंचा है.

भूख हड़ताल पर कर्मचारी

पढ़ें- गरियाबंद : जनपद पंचायत CEO को हटाने की मांग पर धरने पर बैठे सरपंच

हड़ताल से ठप पड़ा काम
शासन-प्रशासन की तरफ से किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं आने के बाद रोजगार सहायक और सचिव क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. जिसके बाद से सियासी हलचल तेज हो गई है. बालोद जिले की बात करें तो विकासखंड स्तर पर सभी रोजगार सहायक और सचिव धरने पर बैठे हुए हैं, जिसका असर ग्रामीण अंचलों में देखने को मिल रहा है. शासन की महत्वकांक्षी योजना के तहत शामिल मनरेगा के कार्य भी पूरी तरह ठप पड़े हुए हैं.


सचिव घोषित करने की मांग

रोजगार सहायकों की प्रमुख मांग है कि ग्राम रोजगार सहायकों को ग्रेड पर निर्धारण का नियमितीकरण का लाभ दिया जाए. इसके साथ ही जिन ग्राम पंचायतों को नगर निगम नगर पंचायत में शामिल किया जा रहा है, वहां के रोजगार सहायकों को संबंधित निकायों में शामिल किया जाए या अन्य रिक्त पंचायत सेवा में रखा जाए. ग्राम रोजगार सहायकों को सचिव पद पर वरीयता के आधार पर सीधी भर्ती किए जाने की भी मांग की जा रही है. साथ ही ग्राम रोजगार सहायकों को सहायक सचिव घोषित करने की मांग भी की जा रही है.

पंचायत सचिवों की मांग

पंचायत के सचिव शासकीयकरण की मांग कर रहे हैं और रोजगार सचिव यहां पर नियमितीकरण और उन्हें सहायक सचिव का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही यह भी मांग किया जा रहा है कि जो ग्राम पंचायत नगर पंचायत या फिर नगर निगम में शामिल होते हैं, उनके रोजगार सहायकों को पृथक न कर अन्य जगहों पर शामिल किया जाए.

बालोद : जिले के रोजगार सहायक और सचिव अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले 15 दिन से हड़ताल पर बैठे रोजगार सहायक और सचिव अब क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. रोजगार सहायक और सचिवों का कहना है किविभिन्न सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल तो उनके समर्थन में आ गए हैं, लेकिन शासन या प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि अब तक सुध लेने नहीं पहुंचा है.

भूख हड़ताल पर कर्मचारी

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हड़ताल से ठप पड़ा काम
शासन-प्रशासन की तरफ से किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं आने के बाद रोजगार सहायक और सचिव क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. जिसके बाद से सियासी हलचल तेज हो गई है. बालोद जिले की बात करें तो विकासखंड स्तर पर सभी रोजगार सहायक और सचिव धरने पर बैठे हुए हैं, जिसका असर ग्रामीण अंचलों में देखने को मिल रहा है. शासन की महत्वकांक्षी योजना के तहत शामिल मनरेगा के कार्य भी पूरी तरह ठप पड़े हुए हैं.


सचिव घोषित करने की मांग

रोजगार सहायकों की प्रमुख मांग है कि ग्राम रोजगार सहायकों को ग्रेड पर निर्धारण का नियमितीकरण का लाभ दिया जाए. इसके साथ ही जिन ग्राम पंचायतों को नगर निगम नगर पंचायत में शामिल किया जा रहा है, वहां के रोजगार सहायकों को संबंधित निकायों में शामिल किया जाए या अन्य रिक्त पंचायत सेवा में रखा जाए. ग्राम रोजगार सहायकों को सचिव पद पर वरीयता के आधार पर सीधी भर्ती किए जाने की भी मांग की जा रही है. साथ ही ग्राम रोजगार सहायकों को सहायक सचिव घोषित करने की मांग भी की जा रही है.

पंचायत सचिवों की मांग

पंचायत के सचिव शासकीयकरण की मांग कर रहे हैं और रोजगार सचिव यहां पर नियमितीकरण और उन्हें सहायक सचिव का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही यह भी मांग किया जा रहा है कि जो ग्राम पंचायत नगर पंचायत या फिर नगर निगम में शामिल होते हैं, उनके रोजगार सहायकों को पृथक न कर अन्य जगहों पर शामिल किया जाए.

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