बालोद: बस्तर के घने जंगलों के बीच धुर नक्सली इलाके अंतागढ़ के लिए इस बार आजादी का जश्न कुछ खास रहा. 74 सालों में पहली बार ट्रेन यहां पहुंची है. रायपुर से केंवटी व्हाया बालोद तक जाने वाली ट्रेन अब अंतागढ़ भी जाएगी. सीपीएम रेल विकास निगम लिमिटेड आनंद सिंह ने बताया कि अंतागढ़ यात्री ट्रेन जल्द ही शुरू होगी. इलाके में ट्रेन के आने से लोगों के जीवन में काफी बदलाव आएंगे. ट्रेन की वजह से सुदूर इलाके के ग्रामीण शहर से जुड़ पाएंगे.
![Rail line in Antagarh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-bld-05-rail-dry-cg10028_20082020221833_2008f_1597942113_1100.jpg)
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दल्लीराजहरा से गुदुम, भानुप्रपातपुर और अब केंवटी के बाद अंतागढ़ की ओर रेलवे लाइन बिछ चुकी है. केंवटी से अंतागढ़ तक 18 किलोमीटर तक का ट्रैक बनकर तैयार है. एसएसबी की सुरक्षा के बीच आरवीएनएल ने अपना काम लगभग समय पर कर दिया है. अब रेलवे ने भी इस ट्रैक पर ट्रायल के लिए हरी झंडी दिखा दी है. आरवीएनएल के अधिकारियों की मानें तो 21 अगस्त को कोलकाता से रेलवे सेफ्टी कमिश्नर अपनी टीम के साथ यहां पहुंचेंगे और ट्रैक की बारीकी से जांच करेंगे. रेलवे और एसएसबी ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है.
![Rail track ready](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-bld-05-rail-dry-cg10028_20082020221833_2008f_1597942113_792.jpg)
रेल लाइन बिछाने का काम पूरा
केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण रेल परियोजना के तहत दल्लीराजहरा से रावघाट तक रेल लाइन बिछाने का काम 2014 से चल रहा है. 2018 तक दल्लीराजहरा से गुदुम और फिर गुदुम, भानुप्रतापपुर और केंवटी तक 42 किलोमीटर की रेललाइन तैयार हो चुकी थी. केंवटी तक ट्रेन शुरू होने के बाद एक साल के अंदर ही अंतागढ़ तक 18 किलोमीटर तक का काम पूरा किया कर लिया गया है. रावघाट की ओर रेलवे ने 60 किलोमीटर तक का काम पूरा कर लिया है. केंवटी से अंतागढ़ के 18 किलोमीटर वाले एरिया में करीब 31 छोटे पुलिया और 4 बड़े पुल हैं. इन 4 बड़े पुल में सबसे बड़ा लंबा करीब 70 मीटर का पुल मासबरस सीओबी से करीब 4 किलोमीटर दूर पुल नंबर 276 है, जो बलराम नाले के ऊपर बना है.