बालोद: चुनावी साल में छत्तीसगढ़ में आंदोलन का सिलसिला जारी है. इस बार बालोद में मनरेगा मेट संघ ने हल्ला बोला है. मनरेगा में काम करने वाले यह सभी कर्मी ट्रेंड हैं. इन्होंने मनरेगा मेट अधिवेशन के जरिए अपनी मांगें सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की है. इस विरोध प्रदर्शन में कांकेर के सांसद मोहन मंडावी शामिल हुए हैं.
गौधन योजना में लगाया गया मनरेगा का फंड (Balod MNREGA Workers Movement ): मनरेगा मेट संघ ने बघेल सरकार पर आरोप लगाया है कि उनके विभाग का पैसा गौधन न्याय योजना में लगाया गया है. इसके तहत नरवा गुरुवा घुरवा बाड़ी योजना का विकास करने का आरोप मनरेगा मेट संघ के आंदोलनककारियों ने लगाया. उन्होंने अपनी सभी मांगें कांकेर के सांसद मोहन मंडावी के सामने रखी.
"इनकी कुछ जायज मांगे हैं. उनकी तनख्वाह काफी कम है और इन्होंने कोरोनावायरस के संक्रमण काल के समय भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत काफी कुछ पैसा दिया परंतु यहां की राज्य सरकार ने मनरेगा का पैसा नरवा गरवा घुरवा बाड़ी में लगा दिया. मैं मनरेगा मेट संघ के एक-एक मजदूरों कर्मचारियों के लिए पत्र लिखेंगे. भारत सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है. बीजेपी घोषणा पत्र समिति में भी इनकी मांगें शामिल की जाएगी": मोहन मंडावी, सांसद, बीजेपी
मनरेगा मेट संघ की प्रमुख मांगें
- साल 2008 से कार्य कर रहे मजदूरों को कम से ना निकल जाए
- मनरेगा कर्मियों का समय से भुगतान किया जाए
- अनियमित कर्मचारी का दर्जा मनरेगा मेट कर्मचारियों को मिले
- रोजगार सहायकों के रिक्त पदों पर मनरेगा कर्मियों की भर्ती हो
- अन्य विभागों में भी मनरेगा के ट्रेंड कर्मियों को नौकरी दी जाए